प्रशासन से हार कर खुद शुरू किया था झील साफ करने का काम, सरकार ने अब दिए 50 लाख
बेंगलुरु में चिन्नप्पनहल्ली झील एक वक्त लोगों से गुलजार हुआ करती थी। हर रोज सुबह-सुबह यहां टहलने के लिए आते थे और झील किनारे शांत वातावरण में चैन की सांस लिया करते थे। लेकिन धीरे-धीरे यह झील कूड़े और कचरे से पाट दी गई। तेजी से हो रहे शहरीकरण का खामियाजा इस झील को भी भुगतना पड़ा। यह देखकर शहर के एक जागरूक नागरिक प्रभाशंकर राय ने इसे फिर से साफ करने की योजना बनाई।
![प्रभाशंकर राय (फोटो साभार- बेंगलुरु मिरर)](https://images.yourstory.com/production/document_image/mystoryimage/n3myetxd-Prabhashankar-rai.jpg?fm=png&auto=format)
प्रभाशंकर राय (फोटो साभार- बेंगलुरु मिरर)
लगातार चार साल की मेहनत के बाद उन्होंने झील को काफी हद तक साफ कर दिया। प्रभाशंकर की परवरिश खेती-किसानी के आसपास हुई है। इसलिए उनके पास आइडिया था कि कैसे झील का पुनरुद्धार किया जा सकता है।
बेंगलुरु में चिन्नप्पनहल्ली झील एक वक्त लोगों से गुलजार हुआ करती थी। हर रोज सुबह-सुबह यहां टहलने के लिए आते थे और झील किनारे शांत वातावरण में चैन की सांस लिया करते थे। लेकिन धीरे-धीरे यह झील कूड़े और कचरे से पाट दी गई। झील के आस-पास गंदगी का अंबार लग गया। तेजी से हो रहे शहरीकरण का खामियाजा इस झील को भी भुगतना पड़ा। यह देखकर शहर के एक जागरूक नागरिक प्रभाशंकर राय ने इसे फिर से साफ करने की योजना बनाई। 2011 में उन्होंने शहर के सभी संबंधित सरकारी विभागों को झील की हालत से अवगत कराया। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
प्रभाशंकर कहते हैं, 'झील को साफ रखने के लिए मैंने कई अधिकारियों और ठेकेदारों से मुलाकात की, लेकिन किसी ने सही जवाब नहीं दिया। इसके बाद मैंने खुद ही इसे साफ करने का फैसला किया।' प्रभाशंकर ने चिन्नपनहल्ली झील विकास प्राधिकरण ट्रस्ट की स्थापना की। वे इस ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं। लगातार चार साल की मेहनत के बाद उन्होंने झील को काफी हद तक साफ कर दिया। प्रभाशंकर की परवरिश खेती-किसानी के आसपास हुई है। इसलिए उनके पास आइडिया था कि कैसे झील का पुनरुद्धार किया जा सकता है।
![चिन्नप्पनहल्ली झील](https://images.yourstory.com/production/document_image/mystoryimage/aog03jin-Chinnappanahalli-Lake.-f.jpg?fm=png&auto=format&w=800)
चिन्नप्पनहल्ली झील
सबसे पहले उन्होंने गुलबर्गा से 25 मजदूरों को काम पर लगाया और झील के आस पास उग आई झाड़ियों को हटवाया। इस काम में उन्हें दो महीने का वक्त लगा। उन्होंने अपने संपर्क के सहारे कई सारे उद्योगपतियों के साथ स्पॉन्सरशिप हासिल की और फंड का इंतजाम करवाया। उन्हें यूनाइटेड वे, सीमेंस, जनरल मोटर्स जैसी कंपनियों का साथ मिला जिससे वे सोलर लैंप और बाकी की चीजें झील में लगवाईं। उन्होंने अपनी और से भी पैसे लगाए और दोस्तों से भी झील के लिए पैसे दान करने को कहा। आज इस झील को फिर से हरा भरा कर दिया गया है और यहां बुजुर्गों के लिए अलग से एरिया रिजर्व है। बच्चों के खेलने के लिए पार्क है और आम जनता के बैठने के लिए बेंच भी लगाई गई हैं।
![चिन्नप्पनहल्ली झील](https://images.yourstory.com/production/document_image/mystoryimage/mdsaty48-Chinnappanahalli-Lake.jpg?fm=png&auto=format&w=800)
चिन्नप्पनहल्ली झील
प्रभाकर ने बृहत बेंगलुरु महानगर पालिके (BBMP) के साथ एक अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर भी किए हैं, जिसके जरिए झील को और भी खूबसूरत बनाया गया है। हालांकि महानगरपालिका शुरू में झील को सुधारने में नाकाम रही थी। प्रभाशंकर BBMP के दफ्तर के चक्कर लगाकर थक गए थे, लेकिन उनकी बात सुनने वाला कोई नहीं था। इस समझौते के तहत अब BBMP ने झील के विकास के लिए तीन साल में 50 लाख रुपये देने का वादा किया है। प्रभाशंकर ने कहा कि झील की हालत काफी सुधर गई है, लेकिन पैसे मिलने के बाद इसमें और कई सारे काम कराए जाएंगे।
यह भी पढ़ें: सिंगल मदर द्वारा संपन्न की गई बेटी की शादी पितृसत्तात्मक समाज पर है तमाचा