डिजिटल लाइब्रेरी से बनेगा 10 लाख से अधिक उपभोक्ताओं के लिए यूज़र बेस
केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने एनडीएल परियोजना के दूसरे चरण को मंजूरी दे दी है जिसका लक्ष्य पठन पाठन के साधनों यानी पुस्तकों और अध्ययन सामग्री की तलाश के लिए एक एकल खिड़की सुविधा के साथ एक आभासी रिपोजिटरी तैयार करना है।
अधिकारियों ने बताया कि मंत्रालय ने अप्रैल 2015 में एक पायलट परियोजना शुरू करने का काम आईआईटी खड़गपुर को सौंपा था, जिसके दूसरे चरण के लिए हाल ही में 48.75 करोड़ रुपया जारी किया गया है।
दूसरे चरण की शुरूआत अगले साल जनवरी से होगी। इस योजना के तहत 10 लाख से अधिक उपभोक्ताओं के लिए एक यूज़र बेस बनाया जाएगा जिसमें काफी संख्या में अध्ययन सामग्री होगी और इसमें 1000 संस्थानों की सहभागिता होगी।
आईआईटी खड़गपुर के निदेशक पीपी चक्रवर्ती ने बताया, ‘‘एनडीएल देश की अलग अलग पृष्ठभूमि से अलग अलग अपेक्षाओं के साथ आने वाले अलग अलग भाषाभाषियों तक गुणवत्तापूर्ण शैक्षिक ई-सामग्री की आसान पहुंच मुहैया कराने के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा।’’ एनडीएल अधिकारियों ने बताया कि वे शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्तियों के लिए एक मोबाइल एप, ऑडियो बुक, स्थानीय भाषा सामग्री और एक यूज़र इंटरफेस का भी निर्माण करेंगे।
इसमें दसवीं और 12 वीं कक्षा के छात्र विभिन्न विषयों से जुड़ी सामग्री की खोज कर सकेंगे। इस समय एनडीएल में 14.6 लाख अध्ययन सामग्रियों हैं और 230 संस्थानों के 2.3 लाख उपभोक्ता है। पहला चरण मार्च 2018 में समाप्त होगा।- पीटीआई