देश के 2.5 करोड़ युवा पढ़ाई के साथ सीखेंगे फुटबॉल के स्किल्स, FIFA के साथ सरकार ने किया समझौता
‘फुटबॉल फॉर स्कूल्स' (Football for Schools) कार्यक्रम का उद्देश्य खेल-एकीकृत शिक्षा के माध्यम से भारत में 2.5 करोड़ युवाओं को सशक्त बनाना है. फीफा की दुनियाभर में 70 करोड़ बच्चों तक पहुंचने की योजना है.
केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शिक्षा मंत्रालय की ओर से ‘फुटबॉल फॉर स्कूल्स' (Football for Schools) पहल के लिए फीफा और अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.
इस कार्यक्रम का उद्देश्य खेल-एकीकृत शिक्षा के माध्यम से भारत में 2.5 करोड़ युवाओं को सशक्त बनाना है. फीफा की दुनियाभर में 70 करोड़ बच्चों तक पहुंचने की योजना है.
मुंबई में रविवार को यह कार्यक्रम हुआ. इस दौरान प्रधान ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP)- 2020 में खेलों को गौरव का स्थान दिया गया है और फुटबॉल फॉर स्कूल कार्यक्रम NEP-2020 की भावना को बढ़ावा देता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिक्षा के साथ खेल को मुख्यधारा में लाने पर जोर दिया है.
प्रधान ने हर्ष जताया कि फीफा, भारतीय फुटबॉल और शिक्षा मंत्रालय अंडर-17 महिला विश्व कप से इतर इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से फुटबॉल को बढ़ावा देने के लिए एक साथ काम कर रहे हैं.
फीफा अध्यक्ष जियानी इन्फेंटिनो; राज्य मंत्री, गृह मामलों और युवा मामलों और खेल राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक; महाराष्ट्र के स्कूल शिक्षा और मराठी भाषा मंत्री दीपक केसरकर; अध्यक्ष, अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ, कल्याण चौबे; इस अवसर पर आयुक्त, नवोदय विद्यालय समिति विनायक गर्ग और अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के अधिकारी भी उपस्थित थे.
एमओयू पर हस्ताक्षर करने से पहले इन्फेंटिनो ने कहा कि मैं भारत की क्षमता में बहुत विश्वास करता हूं. भारत एक महान राष्ट्र है, यह अपने आप में बहुत सारे कौशल वाला एक महाद्वीप है जिसमें फुटबॉल भी शामिल है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है किदेश के पास दिल और जुनून है कि है. हमें फुटबॉल में इसकी जरूरत है.
उन्होंने आगे कहा कि मैं भारत सरकार और एआईएफएफ के साथ इस साझेदारी के लिए गर्व और खुश हूं. हम शिक्षा और स्कूलों में निवेश करेंगे. हम मानते हैं कि कम उम्र में कोई भी खेल खेलना महत्वपूर्ण है. यह आपको कई महत्वपूर्ण चीजों के मूल्य सिखाता है लाइव. हम चाहते हैं कि दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी भारत से आए. आपके पास जनसंख्या, कौशल और उस संभावना को निखारनेॉ की क्षमता है. खेल के मूल्यों के माध्यम से, मुझे यकीन है कि हम भविष्य में कुछ शानदार परिणाम देखेंगे.
उन्होंने आगे कहा कि स्कूलों के लिए फ़ुटबॉल केवल फुटबॉल सिखाने के बारे में नहीं है. यह उससे कहीं अधिक है. यह फुटबॉल के मूल्यों के माध्यम से जीवन का सबक देता है. इससे विरोधियों, रेफरी, टीम के साथियों के लिए सम्मान, एक-दूसरे की मदद करना, एक-दूसरे पर भरोसा करना जैसे मूल्य विकसित होते हैं. जब आप जीत जाते हैं तो आप अगले गेम तक खुश रहते हैं. जब आप हार जाते हैं, तो आप कुछ दिनों के लिए दुखी होते हैं, और फिर आप अगले मैच की ओर बढ़ने लगते हैं.
इससे पहले प्रधान ने फीफा अंडर-17 विश्वकप फुटबॉल से पहले फीफा की महासचिव फातिमा समौरा से मुलाकात के दौरान कहा था कि सरकार स्कूली बच्चों में फुटबॉल को बढ़ावा देने के लिये जन अभियान सृजित करने को प्रतिबद्ध है. भारत को खेल के क्षेत्र में सुपर पावर बनाने एवं फिट इंडिया सुनिश्चित करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि की तर्ज पर सरकार खेलों को बढ़ावा देने, खास तौर पर स्कूली बच्चों में फुटबॉल को बढ़ावा देने के लिये प्रतिबद्ध है. मंत्रालय के बयान के अनुसार, स्कूलों के बड़े नेटवर्क को ध्यान में रखते हुए फीफा महासचिव समौरा और मंत्री ने 'स्कूलों में फुटबॉल अभियान' को भारत के सभी 700 जिलों तक ले जाने पर सहमति व्यक्त की है.
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Edited by Vishal Jaiswal