टूरिस्ट के गंदे किए बीच को साफ कर रहीं 26 साल की गरिमा पुनिया
धरती का कोई कोना प्रदूषण की मार से बचा नहीं है। हवा, पानी, जमीन, नदियां, जंगल, पहाड़ और समुद्र हर जगह प्रदूषण की वजह से जीव जंतुओं का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है। इसके लिए सिर्फ और सिर्फ हम इंसान ही जिम्मेदार हैं। प्रदूषण को कम करने के लिए कई सारे सरकारी और गैरसरकारी अभियान चल रहे हैं, एक ऐसा ही अभियान चला रही हैं 26 साल की गरिमा पुनिया। गरिमा अंडमान के नील आइलैंड को साफ करने में जुटी हुई हैं।
गरिमा पहली बार 2017 में अंडमान के नील द्वीप पर गई थीं। वहां प्रदूषण को देखकर उनका मन व्यथित हो गया। इसके बाद पिछले साल 2018 में वे वापस नील द्वीप पर गईं और कचरेवाले प्रोजेक्ट के जरिए द्वीप का साफ करने लगीं। नील द्वीप के पांच किनारों से लगभग 250 किलोग्राम कचरा इकट्ठा किया गया। इसके बाद स्थानीय लोगों की मदद से उस कचरे को अलग किया गया।
गरिमा बताती हैं, 'मुझे नहीं पता था कि यह लंबे समय तक चलेगा क्योंकि मुझे पिछले साल ससेक्स विश्वविद्यालय में डेवलपमेंट स्टडीज में एक डिग्री के लिए जाना था। द्वीपों को संरक्षित करना काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे अपने पारिस्थितिकी संदर्भ में काफी अद्वितीय हैं। यहां पर 1,000 से अधिक स्थानिक प्रजातियां पाई जाती हैं।' यही सब बातों को ध्यान में रखते हुए पिछले साल अक्टूबर में गरिमा ने सफाई अभियान की शुरुआत की।
नील द्वीप काफी छोटा है और 7 किलोमीटर में फैला हुआ है। लेकिन पिछले कुछ सालों में यहां टूरिस्टों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। वे कहती हैं, 'मैं जानना चाहती थी कि घरों से कचरा कैसे निकलता है और इसे कैसे फेंका जाता है। मुझे मालूम चला कि कचरे को इकट्ठा करने का कोई प्रबंध नहीं था। इसलिए मजबूरी में कचरा समुद्र के किनारे फेंका जा रहा था। अधिकतर कचरे को जला दिया जाता था इससे वायु प्रदूषण होता था।'
गरिमा ने स्वच्छता अभियान के लिए स्कूली बच्चों को भी शामिल किया। हर स्कूल से तीन बच्चे लिए गए और इन बच्चों को पर्यावरण प्रदूषण के बारे में भी जानकारी दी गई। गरिमा को स्थानीय लोगों का पूरा समर्थन मिला। पोर्ट ब्लेयर नगर निगम ने इस काम में सहभागिता की और इकट्ठा किए हुए कचरे को चेन्नई पहुंचाया। नील द्वीप के बाद गरिमा अब हैवलॉक द्वीप पर स्वच्छता अभियान शुरू करेंगी।
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