आईपीएल नीलामी ने बदल दी दो परिवारों की जिंदगी
हैदराबाद के एक ऑटोचालक के बेटे मोहम्मद सिराज और तमिलनाडु के दिहाड़ी मजदूर टी नटराजन को आईपीएल में करोड़ों रुपए में खरीदा गया है। बेहद गरीब परिवार के इन दो होनहारों ने साबित कर दिया है, कि मौका मिलने पर वे भी तमाम सुख-सुविधाओं में पले-बढ़े और श्रेष्ठ देशी-विदेशी कोचों से ट्रेनिंग लेने वाले युवाओं को पीछे छोड़ सकते हैं।
"चुनावी गहमा-गहमी के बीच दो शानदार खबरें आईपीएल के खिलाड़ियों के चयन से आईं हैं। हैदराबाद के एक ऑटोचालक के बेटे मोहम्मद सिराज और तमिलनाडु के दिहाड़ी मजदूर टी नटराजन को आईपीएल में करोड़ों रुपए में खरीदा गया है।"
"अभाव वाली ज़िंदगी जीने के बावजूद मोहम्मद सिराज और टी नटराजन ने यह साबित कर दिया है, कि कुछ बड़ा करने के लिए काबिलियत सबसे पहली शर्त है।"
हाल ही में हुई आईपीएल नीलामी ने मोहम्मद सिराज और टी नटराजन जैसे दो ऐसे खिलाड़ियों की नीलामी की है, जो बेहद गरीब परिवारों से हैं। इन दो होनहारों के चयन ने यह साबित कर दिया है, कि मौका मिलने पर वे भी तमाम सुख-सुविधाओं में पले-बढ़े और श्रेष्ठ देशी-विदेशी कोचों से ट्रेनिंग लेने वाले युवाओं को भी पीछे छोड़ सकते हैं। सबसे पहले बात करते हैं, हैदराबाद के मोहम्मद सिराज की। मोहम्म्द सिराज ऑटोचालक मोहम्मद गौस के पुत्र हैं। सिराज को हैदराबाद सनराइजर्स ने 2 करोड़ 60 लाख रुपए में खरीदा है। मोहम्मद आईपीएल 10 की नीलामी में चौथे सबसे महँगे खिलाड़ी बने हैं।
तेज गेंदबाज 22 वर्षीय मोहम्मद सिराज ने अभी तक 11 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं, जिनमें उन्होंने 44 विकेट लेने का शानदार प्रदर्शन किया है। उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्श 52 रन देकर 5 विकेट लेने का है। सिराज ने अब तक 10 टी-20 मैच भी खेले हैं, और इनमें 24 रन देकर 4 विकेट लेने के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के साथ कुल 16 विकेट लेने का कारनामा कर दिखाया है।
"आईपीएल की नीलामी ने सिराज के साथ-साथ टी नटराजन के परिवार में भी खुशियां ला दी हैं। तमिलनाडु के एक दिहाड़ी मजदूर के बेटे तंगारासु नटराजन को किंग्स इलेविन पंजाब ने 3 करोड़ रुपए में खरीदा है।"
आईपीएल की नीलामी ने सिराज के साथ-साथ टी नटराजन के परिवार में भी खुशियां ला दी हैं। तमिलनाडु के एक दिहाड़ी मजदूर के बेटे तंगारासु नटराजन को किंग्स इलेविन पंजाब ने 3 करोड़ रुपए में खरीदा है। बाएँ हाथ के तेज गेंदबाज 25 वर्षीय नटराजन के पिता चिन्नप्पमपट्टी में पहले कुली थे और अब एक फैक्ट्री में दिहाड़ी मजदूर हैं और उनकी माँ सड़क किनारे एक छोटी-सी दुकान लगाकर घर चलाने में सहयोग करती हैं।
दोनों परिवारों में खुशी की लहर है। दोनों परिवारों के अभिभावक अपने बच्चों की होनहारी पर गर्व मना पा रहे हैं। सिराज के पिता तो कुछ समय तक इस बात पर यकीन ही नहीं कर पाये, कि ऐसा सचमुच ही हुआ है। सिराज और नटराजन के लिए अचानक करोड़पति हो जाना किसी सपने के साकार होने जैसा है। क्रिकेट जैसे साम्राज्यवादी और आभिजात्य खेल में इतनी ऊँची जगह बना पाना उनके लिए आईपीएल के जरिए ही संभव हो सका है। आईपीएल में हर साल बड़ी संख्या में खिलाड़ियों का चयन होता है जिसके जरिए दूर-दराज के और गाँवों के भी प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को अपना हुनर दिखाने का मौका मिलने लगा है।
क्रिकेट का परंपरागत स्वरूप भले ही आईपीएल में खत्म हो गया हो, लेकिन खिलाड़ियों के लिए इसमें अच्छी संभावनाएँ बन गई हैं, जिसका लाभ सिराज और नटराजन जैसे गरीब परिवार के बच्चों को भी मिला है।