निर्मला सीतारामण ने की छोटो उद्योगों को ब्याज दर में दो प्रतिशत कटौती की वकालत
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण ने ब्याज दरों में दो प्रतिशत कटौती की अपनी मांग का यह कहते हुये समर्थन किया कि सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों (एसएमई) को प्रोत्साहन देने और रोजगार सृजन के लिए यह जरूरी है। हालांकि, उनकी इस मांग की यह कहते हुये आलोचना हो रही है कि इससे बैंकों की सावधि जमाओं पर दी जाने वाली ब्याज दर पर असर होगा।
उन्होंने लगातार किये गये ट्वीट में कहा, ‘‘एसएमई के बारे में मेरी टिप्पणी, उनकी रिण तक पहुंच संबंधी उस वास्तविक माहौल पर आधारित है जिसमें वह कारोबार कर रहे हैं। दुनिया भर में ब्याज दरें कम है . इसके साथ ही आय तथा रोजगार सृजन भी महत्वपूर्ण है।’’ उन्होंने कहा कि लंबे समय तक यदि दरें उच्च स्तर पर रहती हैं तो छोटे उद्योग कर्ज बोझ उठाने की स्थिति में नहीं होंगे।
सीतारमण ने एक व्यक्ति द्वारा किये गये दो ट्वीट के जवाब में यह कहा जिसने कहा था, ‘‘क्या आपने रेपो दरे में दो प्रतिशत कटौती का सुझाव दिया था? क्या आपको पता है कि इससे सावधि जमाओं की ब्याज दर पर कितना असर होगा। आप अपनी जिंदगी में शायद कभी सीधे चुनाव नहीं लड़ेंगी इसलिए आपको आम आदमी के मिजाज का पता नहीं है।’’ सीधे चुनाव लड़ने के सवाल पर सीतारमण ने कहा, ‘‘मेरे :प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष: कोई भी चुनाव लड़ने का फैसला मेरी पार्टी का फैसला है।’’ वह फिलहाल कर्नाटक से राज्य सभा सदस्य हैं। उन्होंने एसएमई के बारे में कहा कि वे अपने क्षेत्रों में रोज़गार सृजन करते हें और वे मदद मांगते हैं धमार्थ राशि नहीं।
उन्होंने कहा, ‘‘यदि उन्हें सुविधा प्रदान की जा सकती है तो उनका कारोबार बढ़ेगा और रोज़गार बढ़ेगा।’’ सीतारमण ने हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा रेपो दर में दो प्रतिशत कटौती की मांग की थी ताकि नकदी की तंगी से जूझ रहे सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्योगों की मदद की जा सके।- पीटीआई