ये पांच स्टार्टअप्स किफ़ायती क़ीमतों पर आपके घर को बना सकते हैं 'सपनों का घर'
आज हम आपके सामने इस सेक्टर में काम कर रहे कुछ चुनिंदा स्टार्टअप्स की सूची पेश करने जा रहे हैं, जिनके ऊपर आप अपने घर की सजावट का पूरा दारोमदार सौंप सकते हैं।
इन स्टार्टअप्स की मदद से आपको निर्धारित समय के भीतर डेकोरेटर्स, कॉन्ट्रैक्टर्स और मटीरियल सप्लायर्स से लेकर लेबर तक सभी कुछ उपलब्ध हो जाएगा।
पिछले कुछ सालों में भारत में ऑनलाइन होम डेकोरेशन सर्विसेज़ का मार्केट तेज़ी के साथ बढ़ा है। आज हम आपके सामने इस सेक्टर में काम कर रहे कुछ चुनिंदा स्टार्टअप्स की सूची पेश करने जा रहे हैं, जिनके ऊपर आप अपने घर की सजावट का पूरा दारोमदार सौंप सकते हैं। घर ऐसी जगह होती है, जहां पर आपका दिल बसता है, लेकिन अगर इस जगह में पर्याप्त आकर्षण न हो तो दिल का लगना ज़रा मुश्किल है! अपने घर की सजावट के लिए ऐसे डिज़ाइनर की खोज कर पना ज़रा टेढ़ी खीर है, जो आपके दिमाग़ को आसानी से पढ़ सके और उसे अमल में ला सके। अगर आपको ऐसा कोई इंटीरियर डिज़ाइनर या कॉन्ट्रैक्टर मिल भी जाता है, तब भी आपको इस काम में काफ़ी समय और पैसा खर्च करना पड़ता है। आमतौर पर लागत आपके अंदाज़े से कुछ ऊपर ही चली जाती है।
लेकिन आज हम आपको ऐसे ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म्स के बारे में बताने जा रहे हैं, जो आपकी इस समस्या का उम्दा हल पेश कर सकते हैं। इन स्टार्टअप्स की मदद से आपको निर्धारित समय के भीतर डेकोरेटर्स, कॉन्ट्रैक्टर्स और मटीरियल सप्लायर्स से लेकर लेबर तक सभी कुछ उपलब्ध हो जाएगा। टेक्नावियो के अनुसार, 2019 तक रेवेन्यू के हिसाब से भारत के ऑनलाइन होम डेकोर मार्केट का कम्पाउंड ऐनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) 50.42 प्रतिशत तक अनुमानित है। लिवस्पेस, होमलेन, अर्बन लैडर, फ़ैबफ़र्निश, पेपरफ़्राई, फ़रलेन्को और नेस्टोपिया जैसी कंपनियों ने इस सेक्टर में अपना दबदबा बनाकर रखा है, लेकिन इनके अलावा कुछ ऐसे स्टार्टअप्स भी हैं, जो होम इन्टीरियर्स सेक्टर में उम्दा दर्जे की सुविधाएं मुहैया करा रहे हैं।
1.अराइवे (Arrivae)
अराइवे एक फ़्रेच शब्द है, जिसका मतलब होता है 'आने की जगह'। 2017 में यश केला ने इसकी शुरुआत की थी। मुंबई आधारित अराइवे तकनीक की मदद से एक्सपीरिएंस सेंटर्स, डिज़ाइन पार्टनर्स, लॉजिस्टिक्स, प्रोडक्शन और फ़ाइनैंसिंग की सुविधाएं को एक ही प्लेटफ़ॉर्म पर ला रहा है और इसके माध्यम से उपभोक्ताओं को किफ़ायती क़ीमतों पर सुविधाएं मुहैया करा रहा है। यह कंपनी बूटस्ट्रैप्ड फ़ंडिंग के माध्यम से चल रही है और इसका दावा है हर महीने 4,000 क्लाइंट्स तक सुविधाओं को पहुंचाया जा रहा है। अराइवे एक कमरे की सजावट के लिए न्यूनतम 2 हज़ार रुपए तक चार्ज करता है। क्लाइंटर बड़ी राशि का भुगतान क़िस्तों में भी कर सकते हैं। फ़िलहाल यह स्टार्टअप मुंबई, चेन्नई, कोचीन, बेंगलुरु, कोल्हापुर, औरंगाबाद और एनसीआर में अपनी सर्विसेज़ दे रहा है।
2. मार्क्स डिज़ाइन (Marks Dzyn)
दिल्ली आधारित मार्क्स डिज़ाइन की शुरुआत आशीष ढींगरा ने की थी। यह कंपनी इंटीरियर डिज़ाइनिंग के साथ-साथ फ़र्नीचर, मॉड्यूलर किचन्स और स्टोरेज की सुविधाएं भी उपलब्ध कराती है। कंपनी ने एक कमरे की डिज़ाइनिंग के लिए 5 हज़ार रुपए की फ़ीस तय कर रखी है। मार्क्स डिज़ाइन भी एक बूटस्ट्रैप्ड स्टार्टअप है और यह कंपनी अभी तक 500 से भी ज़्यादा प्रोजेक्ट्स पूरे करने का दावा करती है। साथ ही, कंपनी ने जानकारी दी है कि उनका मासिक रेवेन्यू 1 करोड़ रुपए का आंकड़ा पार कर चुका है। कंपनी की योजना है कि उपभोक्ताओं तक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से इंटीरियर डिज़ाइन की सुविधा पहुंचाई जाए।
3. हाउसम (Houseome)
मुंबई से शुरू हुआ हाउसम एक एंड-टू-एंट इंटीरियर डिज़ाइन स्टार्टअप है, जो ग्राहकों को उनके बजट और ज़रूरत के हिसाब से फ़्लोर प्लान्स से लेकर कस्टमाइज़्ड फ़र्नीचर तक सभी तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराता है। प्रदीप सिंघवी ने 2016 में ही इसकी शुरुआत की और अभी तक यह कंपनी 9 प्रोजेक्ट पूरे कर चुकी है। कंपनी की क़ीमत फ़िलहाल 78 लाख रुपए है। हाउसम वर्चअल रियलिटी के एक स्पेशल टूल की सुविधा भी देता है, जिसकी मदद से ग्राहक को होम इंटीरियर्स का 3D अनुभव मिल पाता है और वह प्रोजेक्ट की बारीक़ी को करीब से समझ पाता है। औसत रूप से प्रोजेक्ट का टिकट साइज़ 15 लाख रुपए है।
4. रेनोमेनिया (Renomania)
नवनीत मल्होत्रा और रितु मल्होत्रा ने मिलकर रेनोमेनिया की शुरुआत की थी। 2015 में राहुल लोढ़ा उनके साथ जुड़े। होम और इंटीरियर डिज़ाइन्स के लिए यह एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म है। दिल्ली आधारित रेनोमेनिया उपभोक्ताओं के सामने मौजूदा डिज़ाइन ट्रेंड्स को ध्यान में रखते हुए एक ख़ास तरह का कैटलॉग पेश करता है और साथ ही, उन्हें डिज़ाइनिंग से संबंधित सुझाव भी देता है। कंपनी की वेबसाइट चार हिस्सों में बंटी हुई है, जिन्हें फ़ोटोज़, स्क्रैपबुक, प्रो-फ़ाइंडर और ब्लॉग्स शामिल हैं। रेनोमेनिया का दावा है कि हर महीने उनकी वेबसाइट 3 लाख नए विज़िटर्स आते हैं और यह आंकड़ा हर महीने 50 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।
5. पर्पल टर्टल्स (Purple Turtles)
2009 में गौरव राय और रदीश शेट्टी ने पर्पल टर्टल्स की शुरुआत की। दोनों ही फ़ाउंडर्स में से कोई भी आर्किटेक्ट नहीं रहा है। इस प्लेटफ़ॉर्म की शुरुआत इंडियन लाइटिंग डिज़ाइन्स से की गई थी, लेकिन अब इसके माध्यम से फ़र्नीचर्स और अन्य उत्पाद भी बेचे जा रहे हैं। इस प्लेटफ़ॉर्म पर ग्राहकों को 325 रुपए के डोर हैंडल से लेकर लाखों रुपए की लाइट्स तक के विभिन्न उत्पाद नज़र आएंगे। बेंगलुरु का यह स्टार्टअप बूटस्ट्रैप्ड है और इसकी शुरुआत मात्र 20 लाख रुपए के निवेश के साथ की गई थी। अपने ऑपरेशन्स की शुरुआत के एक साल के भीतर ही कंपनी का रेवेन्यू 45 लाख रुपए तक पहुंच चुका है। कंपनी का दावा उनका सालाना ग्रोथ रेट 40 प्रतिशत तक है।
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