-नई कलम के लिए मुंबई से पूजा नागर, स्वतंत्र पत्रकार
अगले जन्म मोहे बिटिया न बनाईयो
बिटिया जो बनाइयो तो कपड़े लत्ता समेत पैदा कीजो
कपड़े लत्ता भी ऐसे दीजो
जामें बस सांस ही आवत रहे
कोंहू को मोरा कोई अंग न दिखे
अंग जो दिख जाए तो मर्दवा की लार टपकत जाए
नियत में इनकी खोट पर सजा मोकू ही देंवे
इनको जो बस कहीं न चाले
तो ये सारा बल मोही पे चलावे
ये मर्दवा की दुनिया में
मोहे छोरी क्यूँ बनाए दियो
इन्हें मोरे गाउन पहनवा से दिक्कत
गाउन में झांकत इनकी गन्दी नज़रिया
पर अपनी नज़रिया को नाही
ये तो मोही को तोहमत लगावें
मोकू धर दबोचने के नाते
जाने कहाँ कहाँ सू नियम बताए
धर्म के सारे चिट्ठा मोहे पढ़ावे
बैरी धर्म भी मोही को दबावे
दुनिया भी जालिम बड़ी
रह रह मोही को सतावे
कोई धर्म पढ़ावे तो कोई बदचलन का तमगा लगावे
जन्म लियो पीछे पहले बंधन लगावे
मोरे जन्म भये पीछे जाने का का सुनावे
कधी कपड़ा तो कधी घुमन पर हुक्म चलावे
मैंने तो नाहक ही पहन लियो गाउन
ई तो दुनिया ने मेरो तमाशा बनाए दिओ
मैं तो पहनन से पहले सोचो नाही
ई तो दुनिया तो मेरी नाही
ई तो मर्दों की दुनिया
ई तो धर्म को मुझसे आगे लगावे
ईन लोगन कु मेरी ख़ुशी से कोंहू मतलब नाही
ई दुनिया में तो मोरी मैय्या में नाहक ही आई
मोहे अगले जन्म बिटिया न बनाईयो
बिटिया जो बनाईयो
तो लत्ता कपड़ों को
मोरे बदन पे चमड़ी संगे सिल के दीजो