3 छात्रों को मिली 10 लाख रुपये की स्कॉलरशिप, ऑल इंडिया कोडिंग चैंपियनशिप के बने हैं विजेता
यह कोडिंग प्रतियोगिता भारत की पहली मोबाइल कोडिंग चैंपियनशिप का दूसरा संस्करण थी. प्रतियोगिता में देशभर से करीब 25 हजार स्टूडेंट्स ने आवेदन किया था.
बच्चों के लिए ऑनलाइन कोडिंग प्लेटफॉर्म, क्यूरियस जूनियर ऑल इंडिया कोडिंग चैंपियनशिप के विजेताओं की घोषणा कर दी है.
, ने 25 दिसंबर, 2022 को आयोजित हुईइस प्रतियोगिता के विजेता केरल के 14 वर्ष के छात्र सुभाष शाइन, दार्जिलिंग के शाश्वत आचार्य और नई दिल्ली के सायन गुप्ता रहे, जिन्होंने इस प्रतियोगिता में क्रमश: पहला, दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया. प्रतियोगिता के विजेताओं को 10 लाख रुपये की स्कॉलरशिप दी गई है.
यह कोडिंग प्रतियोगिता भारत की पहली मोबाइल कोडिंग चैंपियनशिप का दूसरा संस्करण थी. प्रतियोगिता में देशभर से करीब 25 हजार स्टूडेंट्स ने आवेदन किया था.
यह प्रतियोगिता दो समूहों में विभाजित थी, जिसमें छठी से आठवीं कक्षा के छात्रों को ग्रुप-ए में रखा गया, जबकि नौवीं से बारहवीं कक्षा के छात्रों को ग्रुप-बी में रखा गया. ग्रुप-ए में यह प्रतियोगिता ब्लॉक कोडिंग पर आधारित है. ग्रुप-बी में यह जावा स्क्रिप्ट पर बेस्ड थी.
क्यूरियस जूनियर के सहसंस्थापक जानिसार अली ने बताया, “विजेताओं का चुनाव दो मानदंडों पर किया गया. इसमें पहली सही और सटीक कोड का प्रयोग करना था और दूसरा पैमाना वह समय था, जो छात्रों ने किसी प्रॉब्लम स्टेटमेंट को हल करने में लगाया.“
ऑल इंडिया कोडिंग चैंपियनशिप ने सभी छात्रों को राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेने की अनुमति दी. इस तरह की पहुंच से देशभर के छात्रों को अपनी प्रतिभा को दुनिया के सामने लाने और उभारने का मौका मिला.
सुभाष शाइन ने पहला पुरस्कार जीतने पर उत्साहित होते हुए कहा, “मैं इस प्रतियोगिता में जीत से काफी उत्साहित हूं. नए साल में मेरे साथ हुई यह सबसे सुखद घटना है. मैं कोडिंग को एन्जॉय कर रहा हूं. क्यूरियस जूनियर में कोडिंग सीखने से मेरे सामने कोडिंग की दुनिया के कई विकल्प खुले हैं. सुभाष आठवीं कक्षा में पढ़ रहे हैं और अगस्त 2021 से क्यूरियस जूनियर से कोडिंग सीख रहे हैं.‘’
क्यूरियस जूनियर के को-फाउंडर मृदुल रंजन साहू ने प्रतियोगिता के परिणामों की घोषणा करते हुए कहा, “एआईसीसी 2022 के सफलतापूर्वक समापन की घोषणा करते हुए मुझे काफी खुशी हो रही है. हमने प्रतियोगिता में भाग लेने वाले उत्साही भागीदारों और प्रतिभाशाली विजेताओं को देखा है. हमारा विश्वास है कि कौशल में लगातार दक्षता हासिल करना और स्किल को सुधारना और संवारना देश में असाधारण प्रतिभाओं को विकसित करने का तरीका है. इस कार्यक्रम की सफलता ने हमें लगातार ऐसे कार्यक्रमों की मेजबानी के लिए उत्साहित और प्रेरित किया है. इससे छात्र अपने कौशल का प्रदर्शन और उसका मूल्यांकन करने के लिए उत्साहित होंगे.‘’
क्या है क्यूरियस जूनियर?
क्यूरिस जूनियर गुड़गांव बेस्ड ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जिसकी स्थापना 2020 में हुई है. क्यूरियस जूनियर की स्थापना जानिसार अली और मृदुल रंजन साहू ने की थी, जो आईआईटी-बीएचयू के ग्रेजुएट्स हैं.
यह 8 से 17 साल के बच्चों को कोडिंग सीखने में सक्षम बनाती है. यह मोबाइल फर्स्ट प्लेटफॉर्म है. यह मातृभाषा और क्षेत्रीय भाषाओं में स्टूडेंट्स को कंटेंट प्रदान करती है. इससे एक बड़े समुदाय के बीच छात्र अपनी रचनात्मकता साझा करने और उसके प्रकाशन में सक्षम बनते हैं.
क्यूरियस जूनियर का मकसद देश में पढ़ाई का सबसे विश्वसनीय प्लेटफॉर्म बनना है. इसका मकसद 2030 तक दुनिया भर के 500 मिलियन बच्चों को तकनीकी और प्रभावपूर्ण पढ़ाई का ऑफर देना है.
Edited by Vishal Jaiswal