'सिटीफ्लो'-ऑफिस तक आना-जाना, इतना सुखद पहले कभी नहीं था
आज कल की इस भाग दौड़ भरी दुनिया में लोग वैसे भी अपने व अपने परिवार के लिए वक्त समय नहीं निकाल पाते और अगर बड़े शहरों की बात करें तो यह बात और भी सही मालूम होती है क्योंकि काम के साथ साथ वहां के लोगों को लोकल कम्यूटिंग की समस्याएं भी झेलनी पड़ती हैं। जी हाँ लोकल कम्यूटिंग बड़े शहरों में तनाव का एक मुख्य कारण बनता जा रहा है। एक आम नौकरी पेशा आदमी के दिन का प्रमुख हिस्सा दफ्तर जाने व वापिस घर आने में गुज़र जाता है और उस पर लोकल ट्रांसपोर्ट की असुविधाएं आग में तेल का काम करती है। दिन भर की थकान के बाद लोग इतने टूट जाते हैं की वह अपने परिवार के लिए अपेक्षित समय तो क्या उनसे परिपूर्ण तरीके से बात भी नहीं कर पाते।
जेरिन वेनन्द रोज़ रोज़ अपने दोस्तों व सहयोगियों को लोकल ट्रांसपोर्ट को कोसते देख थक चुके थे। वह कहते हैं कि रोज़ एक जगह से दूसरी जगह जाना-आना इतना आसान नहीं है क्यूंकि वह भी जब अपनी नौकरी पर जाते थे तो उन्हें भी बसों का सुबह व शाम लंबा इंतज़ार करना पड़ता था और फिर बस में भीड़ का सामना भी किसी जंग से कम नहीं होता था। घर पहुँचते ही वे रात का खाना खाकर सो जाया करते थे और फिर अगले दिन से दुबारा उसी प्रक्रिया को शुरू हो जाया करती। यह जितना शारीरिक तौर पर थकावट वाला था उतना ही मानसिक रूप से चुनौतीपूर्ण भी था। वह यह सब झेलते थक चुके थे। उनका मानना है की यह चुनौतियां अधिकतम लोगों को झेलनी पड़ती हैं खासकर उन लोगों को जो बड़े शहरों में रहते हैं। वे आगे कहते हैं की इसका एक विकल्प टैक्सी हो सकता है परन्तु यह विकल्प जेब पर काफी भारी पड़ता हैं और सभी लोग इसका दैनिक उपयोग नहीं कर सकते। उन्हें खोज थी बस और टैक्सी के बीच के किसी विकल्प की जो कि वहां उपलब्ध नहीं था।
तभी जेनिन ने अपने आई.आई.टी दोस्तों के साथ मिलकर टैक्सी और बस के बीच के विकल्प की तलाश आरम्भ की। काफी विचार मंथन करने के बाद उन्हें एक संभव समाधान एक प्राइवेट मिनी बस पब्लिक रुट्स पर चलाने के रूप में नज़र आया जिसे वह आगे बढ़ा सकते थे और यहीं से सिटीफ्लो जैसे उपयोगी समाधान की शुरुआत हुई। सिटीफ्लो एक ऐसा मोबाइल एप्प है जिसे की अपने मोबाइल पर आसानी से डाउनलोड कर बहुत ही आरामदायक तरीके से ३ सरल स्टेप्स के द्वारा इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे इस्तेमाल करना काफी सरल है। उपयोगकर्ता पहले अपने रूट को सलेक्ट करे, फिर अपना समय सेलेक्ट करे और अपना सफर बुक कर लें। बस हो गया। सिर्फ यह ही नहीं, वे कहते हैं की लोकल ट्रांसपोर्ट में ज्यादातर लोगों के रुट्स में रोज़ बदलाव नहीं होता इसीलिए इस ऐप्प में "रीसेंट राइड" का भी एक विकल्प डाला हुआ हैं जिसके तहत उपयोगकर्ता एक ही स्टेप में अपना सफर बुक कर सकता है ।
सिटीफ्लो से एक टिकट का खर्च लगभग ३ रुपया प्रति किलोमीटर के हिसाब से आता है और प्रत्येक टिकट का मूल्य औसत रूप से ६० रूपये के आस पास आंका जाता है। यह मूल्य बेस्ट की AC बसों के मूल्य जितना ही है। सिटीफ्लो में दैनिक आधार पर औसत 1800 सीट बुकिंग ट्रांसक्शन्स देखी जा रही हैं।
वे बताते हैं कि प्राइवेट बस मालिकों के पास शहरों के अंदर के रुट्स ज्यादा नहीं होते और ज्यादातर शहरों में चलने वाली बसें कंपनियां अपने कर्मचारियों के लिए ही चलाती हैं। सिटीफ्लो बस मालिकों के लिए भी काफी उपयोगी हैं क्योंकि इसके चलते उन्हें भी शहर के बीच में चलाने के लिए काफी रुट्स मिल जाते हैं जो की वैसे मुमकिन नहीं होता और वे अधिक कुशलता से अपनी बसों का उपयोग कर पाते हैं। सिटीफ्लो की शुरुआत उन 10 मार्गों से हुई जहाँ पर ऑफिस जाने वाले लोगों की संख्या अधिक थी एवं जहाँ स्थानीय परिवहन की असुविधाओं ज्यादा थी। वे आगे कहते हैं की यह तो सिर्फ शुरुआत है। वह और उनके साथी इन १० रुट्स को और आगे बढ़ाने के लिए अपनी जी जान से प्रयास कर रहे हैं I
सिटीफ्लो के साथ आज मुंबई वासियों को एक ऐसा जरिया मिला है कि वह अपनी इस पसीने से लथपथ व थकावट भरी ज़िन्दगी को छोड़ लक्जरी परिवहन को उसी कीमत पर अपना सकें लेकिन यह सफर जेरिन के लिए इतना सरल नहीं था। उन्हें अपने सिटीफ्लो के मंच को आगे बढ़ाने के लिए कईं मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उनकी सबसे बड़ी चुनौती थी इस पहल को एक कारगर रूप देना। नौकरी छोड़ना ज़िंदगी की सबसे बड़ा और चुनौतीपूर्ण फैसला था। वे कहते हैं "हालाँकि काफी मुश्किल था परन्तु अपने सिटीफ्लो के सपने व अपने हौसले व आत्मविश्वास के साथ बेहद आसान हो गया और सिटीफ्लो के सपने को साकार करने में जीन जान से जुट गया।" उनके इस सपने और भी पंख लग गए जब हाउसिंग डॉट कॉम के को-फाउंडर अद्वितीय शर्मा ने उनका साथ एक मेंटर के रूप में दिया।
जेरिन के इस हौसले, दुनिया से हटकर सोचने व समस्याओं को कोसने को छोड़ उनके हल ढूंढने के अंदाज़ ने लोगों के जीवन में कुछ हद तक तनाव हटाने में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया हैं। हमें उम्मीद हैं कि वे अपने इस सपने को ओर ऊंचाइयों पर लें जाएंगे।