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दक्षिण भारत में पहली वंदे भारत ट्रेन का ट्रायल शुरू, चेन्नै-मैसूर होगा इसका रूट

चेन्नै के एमजी रामचंद्रन सेंट्रल रेलवे स्टेशन से शुरू होने वाली यह ट्रेन भारत की पांचवी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन है. प्रधानमंत्री 11 नवंबर को इस ट्रेन का उद्घाटन करेंगे.

दक्षिण भारत में पहली वंदे भारत ट्रेन का ट्रायल शुरू, चेन्नै-मैसूर होगा इसका रूट

Monday November 07, 2022 , 3 min Read

इंडियन रेलवेज ने सोमवार को चेन्नै-मैसूर वंदे भारत एक्सप्रेस का ट्रायल शुरू कर दिया. यह ट्रेन चेन्नै के एमजी रामचंद्रन सेंट्रल रेलवे स्टेशन से चलाई जा गई है.

ट्रायल के बाद चेन्नै-मैसूर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी 11 नवंबर को करेंगे. दक्षिण भारत को मिलने वाली यह पहली और देश की पांचवी स्वेदश निर्मित हाई स्पीड ट्रेन होगी.

पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन 15 फरवरी, 2019 को नई नई दिल्ली-कानपुर-अलाहाबाद-वाराणसी रूट पर चलाई गई थी. सरकार लंबे समय से मेक इन इंडिया कैंपेन को बढ़ावा दे रही है और वंदे भारत एक्सप्रेस उसी पहल का एक सफल हिस्सा है.

पीएम मोदी ने 15 अगस्त, 2021 को अपने भाषण में कहा था कि आजादी के अमृत महोत्सव के 75 सप्ताह के दौरान 75 वंदे भारत ट्रेनें शुरू की जाएंगी जो देश के हर कोने कोने को एक दूसरे से जोड़ने का काम करेगी.

स्पीड, सेफ्टी और सर्विस वंदे भारत की खासियत हैं. इंटीग्रल कोच फैक्ट्री(ICF), चेन्नै जो रेलवे की ही प्रोडक्शन यूनिट है उसे ही 18 महीनों के अंदर वंदे भारत के सिस्टम इंटीग्रेशन का क्रेडिट जाता है.

वंदे भारत एक्सप्रेस 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकती है. इसका ट्रैवल क्लास शताब्दी ट्रेन जैसा है मगर पैसेंजर एक्सपीरियंस उससे भी कहीं ज्यादा अच्छा. इस ट्रेन की बदौलत इंडियन रेलवेज अपने पैसेंजर्स को स्पीड और सहूलियत मुहैया करा पाएगी. हर वंदे भारत ट्रेन में 1128 लोगों के बैठने की क्षमता है.

फास्टर एक्सीलरेशन और डिसेलरेशन की वजह से यह ट्रेन बड़ी आसानी से हाई स्पीड में पहुंच जाती है और ट्रेन की यात्रा में लगने वाला समय 25 से 45 फीसदी कम हो जाता है.

मिसाल के तौर पर नई दिल्ली और बनारस जाने में महज 8 घंटे लगेंगे जो इन दोनों शहरें के बीच जाने वाली सबसे तेज रफ्तार ट्रेन के समय से 40 से 50 फीसदी कम है.

यानी कि अभी सबसे तेज ट्रेन के जरिए भी आप नई दिल्ली से बनारस 20 से 21 में पहुंच सकेंगे. जबकि वंदे भारत आपको 8 घंटे में ही बनारस पहुंचा देगी.

इसके अलावा इसके सभी कोच ऑटोमैटिक डोर, जीपीएस बेस्ड ऑडियो-विजुअल पैसेंजर इंफॉर्मेशन सिस्टम, ऑनबोर्ड हॉटस्पॉट वाई-फाई और आरामदायक कुर्सियों से भरे हैं. एग्जिक्यूटिव क्लास में यात्रियों को रोटेटिंग चेयर्स दी गई हैं. सभी टॉयलेट बायो वैक्यूम टाइप हैं. लाइटिंग में भी डुअल मोड हैं.

अभी तक साइड रेक्लाइनर सीट फैसिलिटी सिर्फ एग्जिक्यूटिव क्लास पैसेंजर्स के लिए ही थी जिसे अब सभी क्लासेज के लिए उपलब्ध कराया जाएगा.

हर कोच में पैंट्री फैसिलिटी दी गई है ताकि पैसेंजर्स को गर गरम खाना और ठंडे पेय पदार्थ सर्व किए जा सकें. ट्रेन की कोच में उच्च स्तर का इंसुलेशन किया गया है जिससे बाहर की बहुत ही कम आवाज अंदर आती है और अंदर शांति रहती है. 

 


Edited by Upasana