अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर 40 महिलाओं व संस्थानों को दिया जाएगा ‘नारी शक्ति पुरस्कार’
महिला सशक्तिकरण एवं सामाजिक कल्याण के लिए काम करने वाली 40 महिलाओं और संस्थानों को अगले साल महिला दिवस पर राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
एक बयान में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बताया कि मंत्रालय ने ‘नारी शक्ति पुरस्कार’ के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। यह पुरस्कार महिला सशक्तिकरण, खासकर कमज़ोर और हाशिए पर पड़ी महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में काम करने वाली महिलाओं, समूहों, और संस्थानों को वार्षिक तौर पर दिया जाता है।
बयान के मुताबिक,
“इस संबंध में पात्रता मापदंड और दिशा-निर्देश का विवरण मंत्रालय की वेबसाइट पर हैं। पुरस्कार के लिए आवेदक को अपना आवेदन ऑनलाइन जमा कराना होगा।”
इसमें बताया गया है कि सात जनवरी 2020 तक आवदेक राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए अपना आवेदन जमा करा सकते हैं।
गौरतलब हो कि अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस हर वर्ष, 8 मार्च को मनाया जाता है। विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए इस दिन को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उपलक्ष्य में उत्सव के तौर पर मनाया जाता है।
सबसे पहला दिवस, न्यूयॉर्क शहर में 1909 में एक समाजवादी राजनीतिक कार्यक्रम के रूप में आयोजित किया गया था। 1917 में सोवियत संघ ने इस दिन को एक राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया, और यह आसपास के अन्य देशों में फैल गया। इसे अब कई पूर्वी देशों में भी मनाया जाता है।
आपको बता दें कि नारी शक्ति सम्मान या पुरस्कार भारत द्वारा दिये जाने वाले राष्ट्रीय सम्मान की एक श्रृंखला है और यह असाधारण उपलब्धि के लिए व्यक्तिगत महिलाओं को प्रदान किया जाता है। यह सम्मान महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा छः श्रेणियों में दिया जाता है।
यह कठिन परिस्थितियों में एक महिला की हिम्मत की भावना को पहचानता है, जिसने अपने निजी या व्यावसायिक जीवन में साहस की भावना स्थापित की है और महिलाओं के सशक्तिकरण और महिलाओं के मुद्दों को बढ़ाने में एक व्यक्ति के अग्रणी योगदान की भी पहचान है। यह सम्मान अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर भारत के राष्ट्रपति द्वारा प्रत्येक वर्ष नई दिल्ली में 8 मार्च को प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार में एक लाख रुपये और एक प्रमाण पत्र दिया जाता है। इस सम्मान का आरम्भ वर्ष 1999 में हुआ था।
(Edited by रविकांत पारीक )