खुदरा निवेशकों के लिए निवेश का पसंदीदा विकल्प बना सिप, एमएफ को पीछे छोड़ा
नियोजित निवेश योजना (सिप) खुदरा निवेशकों के लिए निवेश का पसंदीदा संपत्ति वर्ग बन गया है। करीब 76 प्रतिशत खुदरा निवेशकों ने एक साथ किसी म्यूचुअल फंड में निवेश के बजाय सिप में निवेश को अधिक लाभदायक करार दिया है। हाल के समय सिप लगभग दोगुना हो गया है। सरकार ने पिछले सप्ताह सांसदों को बताया कि म्यूचुअल फंड की खरीद के लिए सिप का आंकड़ा पिछले ढाई साल में दोगुना से अधिक होकर 134 लाख हो गया है। निवेशकों में जागरूकता बढ़ने तथा शेयर बाजारों में तेजी से सिप का आकषर्ण बढ़ा है। इसकी एक और वजह यह है कि गैर महानगरों यानी छोटे शहरों में भी निवेशकों में सिप का आकषर्ण बढ़ा है। पिछले दो साल में गैर महानगरों में सिप दोगुना हो गया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार शीर्ष 15 शहरों को छोड़कर अन्य शहरों में सिप का आंकड़ा मार्च 2014 में 29.6 लाख था, जो अक्तूबर, 2016 में 63.1 लाख हो गया। ब्रोकरेज कंपनी जियोजित बीएनपी परिबा के अपने 1.4 लाख एमएफ ग्राहकों पर किए गए सर्वे में 77 प्रतिशत ने कहा कि वे सिप में निवेश इसमें पूंजी बढ़ने की वजह से करते हैं। इसके बाद मासिक आय योजना, कर बचत योजना तथा तरलता का नंबर आता है। करीब 65 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे सिप में निवेश किसी विशेष मकसद से कर रहे हैं। इनमें से 55 प्रतिशत का कहना था कि वे सेवानिवृत्ति योजना को ध्यान में रखकर निवेश कर रहे हैं। इसके बाद बच्चों की शिक्षा, घर खरीदना, शादी विवाह तथा यात्रा आदि का नंबर आता है। ज्यादातर लोग अपने निवेश योग्य कोष का 10 से 12 प्रतिशत तक सिप में लगाते हैं।