Cybersecurity Awareness Month: साइबर वर्ल्ड में कैसे बचें अपराधियों से? ये टिप्स करेंगे मदद
साइबर सुरक्षा जागरूकता माह (Cybersecurity Awareness Month) साल 2004 में संयुक्त राज्य अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने शुरू किया था. यह हर साल अक्टूबर में डिजिटल सुरक्षा और व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए आयोजित किया जाता है.
Google, TikTok, Costco, Boeing, Adobe, Lenovo और Cisco सहित दुनियाभर की दिग्गज कंपनियां कर्मचारियों को फ़िशिंग (phishing) से व्यक्तिगत जानकारी की रक्षा करने के तरीके के बारे में सूचित करने के लिए इस अभियान में भाग लेती हैं. इस वर्ष के अभियान का नारा है "See Yourself in Cyber."
क्या होती है साइबर सिक्योरिटी?
साइबर सिक्योरिटी का मतलब, एक तरह की इंटरनेट सिक्योरिटी से है, जो आपको मैलवेयर, ब्लैक हैट हैकर्स या किसी अन्य तरह के साइबर हमलों से बचाती है. साइबर सुरक्षा में कंप्यूटर और नेटवर्क में उपलब्ध किसी भी प्रकार की सूचनाओं और डाटा को सुरक्षित और गोपनीय रखने का अभ्यास किया जाता है. जब आप इंटरनेट यूज़ करते है या इंटरनेट से जुड़े होते है तब कई प्रकार का खतरा आप पर बना रहता है क्योंकि हैकर्स अलग-अलग तरीकों से साइबर सुरक्षा का उल्लंघन करके आपके सिस्टम तक पहुँच सकते है और आपके पर्सनल डाटा का गलत इस्तेमाल कर सकते है. इसी खतरे को रोकने के लिए साइबर सिक्योरिटी का उपयोग किया जाता है.
क्यों जरुरी है साइबर सिक्योरिटी?
टेक्नोलॉजी के इस दौर में लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते है. और अपना पर्सनल डाटा भी इंटरनेट के माध्यम से शेयर करते है. जबकि यह इंटरनेट पूरी तरीके से सुरक्षित नहीं है. इंटरनेट की इस दुनिया में यूजर की एक लापरवाही से उसकी निजी जानकारियां और डाटा खतरे में पड़ सकता है. सरकार, सेना, कॉर्पोरेट कंपनियां, फाइनेंशियल कंपनियां और मेडिकल साइंस आदि इंटरनेट और टेक्नोलॉजी का काफी ज्यादा इस्तेमाल करती है. और इन सभी का डाटा काफी संवेदनशील होता है जिस कारण उन्हें अपने डाटा को साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों द्वारा सुरक्षित रखना पड़ता है .
साइबर सिक्योरिटी की मदद से इंटरनेट और सिस्टम्स पर मौजूद सभी डाटा को सुरक्षित रखा जा सकता है और उसे चोरी होने से भी बचाया जा सकता है. दिन-प्रतिदिन डिजिटल डाटा बढ़ता ही चला जा रहा है. और जैसे डिजिटल डाटा बढ़ रहा है, वैसे उसकी सुरक्षा को लेकर भी समस्याएं बढ़ रही है. इसलिए डाटा को सुरक्षित रखने के लिए साइबर सिक्योरिटी प्रोडक्ट्स और सर्विसेज की जरुरत पड़ती ही है.
साइबर सिक्योरिटी टिप्स
- अगर आप इंटरनेट का उपयोग बैंकिंग से जुड़ी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए करते हैं, तो आपको अपने डिवाइस में साइबर सिक्योरिटी को ध्यान में रखते हुए एंटीवायरस को जरूर इंस्टॉल करना चाहिए.
- एक अच्छा एंटीवायरस आपको मैलवेयर और डाटा सिक्योरिटी ब्रीच के खतरे से बचाने का काम करता है.
- इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि बैंक आपसे कभी भी एटीएम कार्ड नंबर, सीवीवी, ओटीपी, यूपीआई पिन आदि की मांग नहीं करता है.
- सॉफ्टवेयर और ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट करें.
- हमेशा मजबूत पासवर्ड का उपयोग करें. पासवर्ड ऐसा रखें जिसका कोई भी व्यक्ति आसानी से अनुमान ना लगा सके. अपने पासवर्ड को हमेशा गुप्त रखें और किसी को ना बताएं.
- किसी अज्ञात ईमेल से आयी ईमेल अटैचमेंट को कभी भी ना खोलें. क्योंकि इसमें वायरस भी हो सकता है. और यह साइबर अपराधियों द्वारा आपका डाटा चुराने की एक साजिश भी हो सकती है.
- अज्ञात ईमेल में लिंक पर क्लिक न करें.
- असुरक्षित WIFI नेटवर्क का इस्तेमाल ना करें.
- गृह मंत्रालय द्वारा Online Cyber Crime Reporting Portal शुरू किया गया है. यहां आप साइबर क्राइम के बारे में रिपोर्ट कर सकते हैं.
- पुलिस विभाग ने साइबर अपराधों की से निपटने के लिए हेल्पलाइन नंबर 1930 शुरू किया है.
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