ई-कॉमर्स कंपनियों ने रोके सीओडी अॉर्डर
उबर व बिगबास्केट जैसी कंपनियों ने अपने ग्राहकों को परामर्श जारी कर आग्रह किया है, कि वे खुले यानी कम राशि वाले नोटों में ही भुगतान करें।
सरकार द्वारा 500 व 1000 रुपये के मौजूदा करंसी नोटों का चलन से बाहर करने के फैसले के बाद इकामर्स कंपनियों को आपूर्ति पर भुगतान (सीओडी) आर्डरों में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है और अमेजन व पेटीएम जैसी कंपनियों ने इस सुविधा को अस्थाई रोक लगा दी है।
वहीं उबर व बिगबास्केट जैसी कंपनियों ने अपने ग्राहकों को परामर्श जारी कर आग्रह किया है कि वे खुले यानी कम राशि वाले नोटों में भुगतान करें। इसी तरह फ्लिपकार्ट व स्नैपडील ने सीओडी के जरिए डिलिवर किए जाने वाले आर्डरों के लिए मूल्य सीमा तय की है।
उद्योग जगत का अनुमान है कि लगभग 70 प्रतिशत खरीदार उत्पाद खरीदते समय नकदी को वरीयता देते हैं।
अमेजन इंडिया के प्रवक्ता ने कहा,‘अपने नये आर्डर के लिए सीओडी के विकल्प को अस्थाई तौर पर बंद किया है। 8 नवंबर मध्यरात्रि से पहले आर्डर करने वाले डेबिट, क्रेडिट कार्ड के जरिए या वैध मूल्य के नोटों में भुगतान कर सकते हैं।’ कंपनी सीओडी आर्डरों के भुगतान को आसान बनाने के लिए वैकल्पिक उपायों पर विचार कर रही है।
फ्लिपकार्ट व स्नैपडील ने सीओडी आर्डरों की सीमा क्रमश: 1000 रुपये व 2000 रुपये तय की है और ग्राहकों से अपील की है कि वे कम राशि के खुले पैसे दें।
कंपनी 999 रुपये तक के सीओडी आर्डर सरकारी वैध मुद्राराशि में ही स्वीकार कर रही है।
पेटीएम के उपाध्यक्ष सौरभ विशिष्ट ने कहा कि कंपनी ने डिलिवरी के समय ग्राहकों को किसी तरह की असुविधा नहीं हो इसे ध्यान में रखते हुए सीओडी को अस्थाई रूप से बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि पेटीएम के जरिए 98 प्रतिशत से अधिक आइटम को वालेट या प्रीपेड भुगतान माध्यमों के जरिए खरीदे जाते हैं।