साल 2015 में स्टार्टअप में 2 अरब डालर से अधिक का निवेश, 2016 में और बढ़ने की उम्मीद
पिछले पांच वर्षों में स्टार्टअप्स में निवेश की गति बहुत तेजी से बढ़ी है और 2015 में 600 से अधिक स्टार्टअप कंपनियों को प्राइवेट इक्विटी :पीई: और उद्यम पूंजी :वीसी: फंडों से 2 अरब डालर से अधिक की पूंजी मिली। ग्रांट थार्नटन की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
कर एवं परामर्श सेवा फर्म ग्रांट थार्नटन के मुताबिक, वर्ष 2011 और 2015 के बीच निवेश का मूल्य साल दर साल 57 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर से बढ़ा, जबकि निवेश की मात्रा साल दर साल 62 प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ी।
रिपोर्ट में कहा गया,
‘‘ वर्ष 2015 में इस क्षेत्र में निवेश की गति सबसे तेज रही जहां 600 से अधिक फर्मों को पीई और वीसी फंडों से 2 अरब डालर से अधिक का निवेश प्राप्त हुआ।’’
क्षेत्रवार नजर डालें तो उपभोक्ताओं पर केन्द्रित स्टार्टअप्स ने 2015 में सबसे अधिक निवेश आकषिर्त किया और उन्हें कुल मिलाकर 129 करोड़ डालर का फंड प्राप्त हुआ। इसी तरह, लाजिस्टिक्स क्षेत्र में कार्यरत स्टार्टअप्स ने 26.2 करोड़ डालर का निवेश आकषिर्त किया जिसमें मुख्य आकषर्ण ई-कॉमर्स लाजिस्टिक्स कंपनियां रहीं।
वर्ष 2015 में प्रमुख निवेश-
- फ्लिपकार्ट में 70 करोड़ डालर का निवेश सिकोया कैपिटल और स्टीडव्यू कैपिटल की तरफ से
- स्नैपडील में 50 करोड़ डालर का निवेश अलीबाबा, साफ्टबैंक एवं अन्य की तरफ से
- ओलाकैब्स में 110 करोड़ डालर का निवेश टाइगर ग्लोबल, साफ्टबैंक, डीएसटी ग्लोबल सहित निवेशक समूह की तरफ से
- सुखिर्यों में रहने वाली अन्य स्टार्टअप्स फर्मों में क्विकर, जबांग, इकॉमएक्सप्रेस, ग्रोफर्स, फूडपांडा, शॉपक्लूज, पेपरफ्राई और ओयोरूम्स रहीं जिन्होंने 10 करोड़ डालर से अधिक की फंडिंग प्राप्त की।
इसके अलावा, इस क्षेत्र में विलय एवं अधिग्रहण गतिविधियां भी जोरों पर रहीं जिसमें अलीबाबा ने पेटीएम में हिस्सेदारी खरीदी, जबकि ओलाकैब्स ने टैक्सीफॉरश्योर का, जैस्पर्स ने फ्रीचार्ज डॉट कॉम, जोमैटो ने आईएसी-अर्बनस्पून का अधिग्रहण किया।
पीटीआई