Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

खेल -खेल में बच्चों को पढ़ाने का अनोखा तरीका

‘स्पाइसटून्स’ 15 महीनों की मेहनत के बाद तैयार हुआ पहला भारतीय व्यापक मल्टीप्लेयर आॅनलाइन गेम है, जिसे खासतौर पर 6 से 12 साल की उम्र के बच्चों के लिये तैयार किया गया है।

खेल -खेल में बच्चों को पढ़ाने का अनोखा तरीका

Wednesday November 23, 2016 , 3 min Read

आॅनलाइन खेल या सरल शब्दों में कहें तो गेमिंग की अपनी एक रोमांचक दुनिया है और शिक्षा के साथ इसका विलय कुछ आश्चर्यजनक परिणाम लेकर सामने आ रहा है। आज क दौर अध्ययन की प्रक्रिया को खेलों से जोड़ने का है जिसमें खेल यांत्रिकी के प्रयोग के द्वारा सीखने की प्रक्रिया को और भी मजेदार और पहले से अधिक प्रभावी बना दिया है।

image


आई2इंडिया और वेंचर फैक्ट्री नाम की स्टार्ट-अप कंपनी द्वारा लाया गया आई2प्ले पहला भारतीय व्यापक मल्टीप्लेयर आॅनलाइन गेम (एमएमओजी) है जिसमें बच्चे खेल के साथ ज्ञान की बातें भी सीखते हैं। करीब दो साल पुराना आई2प्ले अब 6 से 12 वर्ष की उम्र के बच्चों को ध्यान में रखकर आॅनलाइन मल्टीप्लेयर वर्चुअल गेम ‘स्पाइसटून्स’ को लेकर आया है। ‘सीखने की प्रक्रिया के गेमफिकेशन’ पर आधारित इस खेल को अंतर्राष्ट्रीय सहायता से तैयार किया गया है और विश्व प्रसिद्ध न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय, मिशिगन स्टेट यूनिवर्सिटी, और इंपीरियल कॉलेज इसके साथ नाॅलेज पार्टनर के रूप में जुड़े हुए हैं।

image


गेमिफिकेशन के माध्यम से ‘स्पाइसटून्स’ युवा उपयोगकर्ताओं को विभिन्न गतिविधियों में लगाकर उनके शैक्षणिक ज्ञान और सामाजिक कौशल को तराशने का काम करता है वह भी पहले ही दिन के खेल से। ‘स्पाइसटून्स’ पर सीखने की प्रक्रिया हमारे देश में सदियों से प्रचलित रटने की विधी से एकदम से उलट है। ‘स्पाइसटून्स’ बच्चों को पारंपरिक शिक्षा प्रणाली के साथ-साथ अनुभवात्मक अभ्यास का भी मौका उपलब्ध करवाती है।

आई2इंडिया और वेंचर फैक्ट्री का मुख्य मकसद सीखने के अनुभव को मजेदार बनाने के सथ-साथ शिक्षा को पारंपारिक ढर्रे से हटाकर बच्चों में नेतृत्व, टीमवर्क और साझेदारी की भावना को विकसित करना है। ‘स्पाइसटून्स’ पर खिलाड़ी शब्द निर्माण, गणित पहेली, ट्रेजर हंट के अलावा कई अन्य आॅनलाइन खेलों पर अन्य खिलाडि़यों के साथ हाथ आजमा सकते हैं और अंक अर्जित कर सकते हैं।

रवि, सीईओ, आई2प्ले

रवि, सीईओ, आई2प्ले


शुरू में आई2प्ले की टीम का विचार अंतरिक्ष के विषय पर आधारित गेम को लेकर आने का था जिसमें सीमित कथानक होने की वजह से उन्हें अपने हाथ वापस खींचने पड़े। जल्द ही इस टीम ने और अधिक रोमांचक विचार को चुना और ‘स्पाइसटून्स’ का जन्म हुआ। एक तरफ जहां अन्य एमएमओजी को तैयार होने में 2 वर्ष से अधिक का समय लगता है वहीं दूसरी तरफ यह टीम रात-दिन एक करके मात्र 15 महीने में इस नई अवधारणा के साथ दुनिया के सामने आई। डिजाइन, पात्र और कथानक सहित खेल के हर विवरण पर टीम द्वारा बच्चो, अभिभावकों और शिक्षकों की मदद से शोध और पूरी जांच करने के बाद ही इसे लाँच किया गया।

image


‘स्पाइसटून्स’ की रोचकता और अनोखापन देखते हुए विश्वप्रसिद्ध कंपनी ब्रिटेनिया में इसमें रुचि दिखाई और उनके ब्रिटेनिया जिमजैम के समर्थन से इसी वर्ष फरवरी में इसे लाँच किया गया। जल्द ही इस गेम न प्रसिद्धी के शिखर को छुआ और वर्तमान में रोजाना 500 से अधिक खिलाड़ी इस आॅनलाइन खेल का लुत्फ उठा रहे हैं। पहले पांच हफ्तों के दौरान ही 25 हजार से अधिक उपयोगकर्ताओं ने इनमें रुचि दिखाई और आने वाले 15 महीनों में वे इसे 6 गुना से अधिक करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। वर्तमान में इसे केवल कंप्यूटर के माध्यम से ही खेला जा सकता है लेकिन जल्द ही इसका मोबाइल संस्करण भी प्रशंसकों के लिये उपलब्ध होगा।

‘स्पाइसटून्स’ इस मंच को बच्चों के लिये निःशुल्क रखना चाहता है। इन्हें उम्मीद है कि इसकी लोकप्रियता से प्रभावित होकर किताबों और अन्य सामान के विक्रेता ‘स्पाइसटून्स’ का इस्तेमाल अपने विज्ञापन के लिये करेंगे जिससे इन्हें राजस्व की प्राप्ती होगी। प्रयोगकर्ताओं के सकारात्मक अनुभव ने इन्हें रिलीज के चार सप्ताह के भीतर ही प्रतिष्ठित फिक्की बीएएफ अवार्ड का विजेता चुने जाने में मदद की।