44,000 रुपये के निवेश से हासिल किया 5 करोड़ के रिवेन्यू, अब उद्यमियों की मदद कर रहा है पुणे स्थित बिजनेस सेटअप
शुरुआती दौर में स्टार्ट अप के लिए जरूरी वित्तीय प्रबंधन और कानूनी मदद जैसी सुविधाएं उपलब्ध करा रहे हैं ये युवा। आज ये वेंचर करीब हज़ार ग्राहकों को मामूली फीस पर सेवाएँ दे रहा है।
आज भले ही भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम विश्व स्तर पर तीसरे नंबर पर हो, लेकिन कुछ मुट्ठी भर स्टार्टअप ही हैं जो बेहद सफल हो पाते हैं, ऐसा क्यों? फोर्ब्स की एक स्टडी में कहा गया है कि इनमें से 90 प्रतिशत स्टार्टअप विफल रहते हैं, जिसका मुख्य कारण है इनोवेशन्स की कमी। इसके अलावा, भारत में हर स्टार्टअप शुरू करने के लिए 10 रजिस्ट्रेशन सात से अधिक कर और श्रम कानून शामिल हैं, जिनसे एक स्टार्टअप को गुजरना होता है।
यह प्रक्रिया थकाऊ और महंगी है। ऐसे में 100 स्वीकृति सुनिश्चित करते हुए, एक उद्यमी के लिए इनोवेशन पर ध्यान देना बहुत मुश्किल है। मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) को भी रखना होता है, जहां कंपनी में सीएफओ का होना आवश्यक है, वहीं सभी स्टार्टअप के पास इसे रखने के लिए संसाधन नहीं होते हैं।
हालांकि अब इन समस्याओं के हल के साथ एक स्टार्टअप सामने आया है। पुणे स्थित इस 'बिजनेस सेटअप' का लक्ष्य शुरुआती चरण के स्टार्टअप के लिए इस प्रक्रिया को आसान बनाना है। अनुभवी पेशेवरों की इन-हाउस टीम के साथ, बिजनेस सेटअप (Business Setup) ने IIM-Ahmedabad, Hyderabad के T Hub और Startup India के साथ अपने कानूनी सलाहकारों और भागीदारों के रूप में हाथ मिलाया है।
मुश्किल प्वाइंट्स का है ख्याल
उस समय 31 वर्षीय रोहित लोहाड़े डेलॉयट (Deloitte) के साथ मैनेजर के तौर पर काम कर रहे थे, जब उन्होंने फंड जुटाने के लिए एक उद्यमी मित्र की मदद करना शुरू किया। रोहित कहते हैं, '
''हमने लगातार 60 घंटे केवल वकीलों, सीए और कर सलाहकारों के साथ समन्वय स्थापित करने में बिताए। तभी मुझे एहसास हुआ कि सभी स्टार्टअप एक सीएफओ अफोर्ड नहीं कर सकते, लेकिन हर कोई सीएफओ रखना डिजर्व करता है।"
लंबे समय के बाद, मार्च 2015 में, रोहित ने अपने दोस्तों, खुशबू भट्टड, परिनीत थाट और रितेश जैन के साथ मिलकर CA, CS और कानूनी सेवाओं के लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बनाया। यह बिजनेस सेटअप किसी कंपनी की स्थापना की रणनीति, फंड जुटाने, विलय और अधिग्रहण मार्गदर्शन, बिजनेस मॉडल तैयार करने, फाइनेंशियल रिपोर्टिंग एंड प्रोजेक्शन आदि की सेवाएं प्रदान करता है।
इसके अलावा यह अकाउंटिंग और फाइनेंशियल बुक्स को मैनेज करने, पेरोल, टैक्स और रेगुलेटरी कंप्लायंस का समन्वय ऑडिट और मूल्यांकन करने में मदद करता है। हाल ही में, स्टार्टअप ने भारत में ऑपरेशन स्थापित करने की चाह रखने वाली विदेशी कंपनियों के लिए एक इंडिया एंट्री सर्विस भी शुरू की है।
विशेषज्ञों का सपोर्ट
सभी संस्थापक सीए हैं और उन्हें कंसल्टिंग और टैक्सेशन में 10 वर्षों का अनुभव है। 30 वर्षीय खुशबू, टैक्सेशन टीम का नेतृत्व करती हैं और इन-हाउस जीएसटी विशेषज्ञ हैं। 31 वर्षीय प्रणित, इंडिया एंट्री सर्विस का नेतृत्व करते हैं और भारत में व्यापार की स्थापना, संचालन, और स्वीकृती को लेकर एनआरआई और विदेशी कंपनियों को सलाह देते हैं। वह बजाज फाइनेंस सहित सूचीबद्ध कंपनियों की सहायता करते हैं।
30 वर्षीय रितेश फाइनेंशियल मैनेजमेंट को लीड करते हैं। वह 20 से अधिक विदेशी सहायक कंपनियों के लिए वर्चुअल सीएफओ भी हैं, और इंडो-जर्मन चैंबरफ कॉमर्स में सक्रिय है। रोहित फंड जुटाने, एमएंडए गाइडेंस और बिजनेस डेवलपमेंट को देखते हैं। वह डोमिनोज पिज्जा सहित कई कंपनियों के अनुपालन का अवलोकन करने वाले निदेशक हैं।
एक युवा संगठन
बिजनेस सेटअप के पास अब पुणे, मुंबई और बेंगलुरु के ऑफिस में काम करने वाली 45-सदस्यीय टीम है। संगठन में काम करने वालों की औसत आयु 28 वर्ष है। रोहित कहते हैं,
"कई बार ऐसा हुआ है जब क्लाइंट ने हमसे पूछा कि हमारा बॉस कहां है!"
कंपनी को अपने पहले 10 क्लाइउंट्स पाने के लिए कई राउंड्स की मीटिंग, कॉल्स और कॉन्फिडेंस का इस्तेमाल करना पड़ा। वर्तमान में, कंपनी 1,000 से अधिक ग्राहकों मैनेज करती है। कंपनी का दावा है कि उसने 1500 से अधिक ग्राहकों को उनके व्यवसाय को पंजीकृत करने में मदद की है। इसकी क्लाइंट लिस्ट में Turms, Northmist, Schoolay, Rapawalk और Heelium जैसे स्टार्टअप शामिल हैं।
स्टार्टअप अपने शुरू से ही बूटस्ट्रैप है, जिसमें सभी चारों सह-संस्थापकों ने अपने-अपने पास से 11-11 हजार रुपये का निवेश किया है। ऑपरेशनल कॉस्ट को बचाने के लिए, सह-संस्थापकों ने पहले वर्ष क्लर्किल काम किए, बाद में इंटर्न को काम पर रखा और उन्हें ट्रेनिंग दी। रोहित आगे कहते हैं, ''हमारी फिलोस्फी हमेशा से बूटस्ट्रैप्ड और खुद से ही ग्रो करने की रही है।"
एडवाइजर से लेकर पार्टनर तक
कंपनी बिजनेस सेट अप करने में कैसे मदद करती है? जब एक ग्राहक उनके पास आता है तब वे उद्यमी की जरूरतों को समझने से शुरूआत करते हैं। रोहित कहते हैं,
"फ्यूचर ग्रोथ और फंडिंग स्ट्रेटजी के आधार पर, हम व्यवसाय स्थापित करने के लिए संरचित समाधान प्रदान करते हैं।"
निगमन के बाद, कंपनी प्रत्येक ग्राहक के लिए एक हर सवालों के जवाब के लिए एक प्रोजेक्ट मैनेजर प्रदान करती है। इस मैनेजर की निगरानी वरिष्ठ भागीदारों या सह-संस्थापकों द्वारा की जाती है।
वे आगे कहते हैं,
"क्लाइंट साइज और जरूरतों के आधार पर, हम पैकेज डिजाइन करते हैं, जिसमें टैक्स फाइलिंग, बुक कीपिंग, ऑडिट और आरओसी स्वीकृति सेवाएं शामिल हैं।"
ग्राहक सरकारी योजनाओं और परिवर्तनों पर नियमित अपडेट भी प्राप्त करते हैं। HNI और एंजेल इन्वेस्टर्स को निकटता से जानने के बाद, कंपनी ने 25 से अधिक ग्राहकों को धन जुटाने में मदद की है। बिजनेस सेटअप ने इन-हाउस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल्स भी डेवलप किया है।
रोहित कहते हैं,
"हम 'पे ऐज यू ग्रो' मॉडल के तहत पैकेज की योजना भी बना रहे हैं, जहां ग्राहक अपनी जरूरत के मुताबिक सेवाओं का भुगतान करने में सक्षम होंगे।
रिवेन्यू मॉडल
प्रारंभिक निगमन के लिए, कंपनी कोई सेवा शुल्क नहीं लेती है। रोहित कहते के अनुसार इससे स्टार्टअप्स को लगभग 15,000 रुपये बचाने में मदद मिलती है। बिजनेस सेटअप क्लाइंट के कन्वर्जन पर रिवेन्यू कमाता है - जब वे अकाउंटिंग, ऑपरेशनल और कंप्लायंस सर्विसेस की तलाश करते हैं। रोहित के अनुसार, उनके पास "90 प्रतिशत कन्वर्जन रेट" है। अर्थात 90 प्रतिशत क्लाइंट हैं, जो उनसे जानकारी लेने के बाद उनकी सेवाएं लेते हैं।
20 लाख रुपये तक के टर्नओवर वाली पार्टनर कंपनी के लिए, ये बिजनेस सेटअप प्रति माह 4,000 रुपये (50 लाख रुपये के टर्नओवर के लिए, यह 6,000 रुपये प्रति माह और इसी तरह) चार्ज करता है। यह शुल्क टीडीएस रिटर्न, जीएसटी रिटर्न, आरओसी कंप्लायंस और अन्य वित्तीय सेवाओं आदि के लिए लगाया जाता है। कंपनी पहले दिन से ही कैश पॉजिटिव रही है, और पिछले वित्तीय वर्ष में 5 करोड़ रुपये का दावा किया है।
कंपटीशन और फ्यूचर प्लान्स
कंपनी वर्तमान में Vakilsearch, Indiafillings, LawRato और NearLaw आदि जैसे स्टार्टअप के साथ कंपटीशन देख रही है। जहां ये सभी प्लेयर्स एक एग्रीगेटर मॉडल पर काम करते हैं और लोगों को बाहरी संस्थाओं की सेवा प्रदान करते हैं, वहीं जो चीज इस बिजनेस सेटअप को अलग करती है वह है, वह अनुभवी पेशेवरों की इन-हाउस टीम है।
कंपनी को उम्मीद है कि इस साल के अंत तक StartupIndia.gov.in के माध्यम से 2,000 से अधिक स्टार्टअप को अपनी सर्विस दे सकती है।
रोहित कहते हैं,
''हम एक ऐसा प्लेटफॉर्म विकसित कर रहे हैं, जो प्रक्रियाओं को तेज और आसान बनाने के लिए एआई टूल्स से संचालित होगा और लेन-देन की बड़ी मात्रा को पूरा करेगा।''