मुंबई की वर्सोवा खाड़ी में सिर्फ 3 दिनों में निकला 500 किलो कचरा
शायद आप नहीं जानते होंगे कि तटीय मुंबई के सफाई कर्मचारी शहर की खाड़ियों को साफ करते हुए हर महीने 24 टन कचरा हटाते हैं.
दुनियाभर में बीते वर्षों में नदियों और समुद्री इलाकों में सॉलिड वेस्ट (ठोस कचरा) बढ़ता जा रहा है. हालांकि, समय समय पर इसको लेकर जनता जागरुक भी हो रही है. अब आलम ये है कि इन जागरुकता अभियानों का असर भी दिखने लगा है.
हाल ही में Ministry of Mumbai's Magic (MMM) द्वारा एक बहुत ही महत्वपूर्ण और दिलचस्प परियोजना चलाई गई. इसे न्यू कैच इन टाउन (New Catch in Town) का नाम दिया गया. इस परियोजना के तहत मुंबई की वर्सोवा खाड़ी में एक वॉटर चैनल में खास तरह के मछली पकड़ने के जाल बिछाए गए. इस चैनल से सिर्फ 3 दिनों में 500 किलो सॉलिड वेस्ट इकट्ठा किया गया.
इस परियोजना का उद्देश्य मुंबई की खाड़ियों या नालों को प्रदूषित करने वाले कचरे का दीर्घकालिक समाधान करना है.
इस साल जून में, मुंबई के वर्सोवा की कावट्या खाड़ी में यह अनूठा अभियान चलाया गया. यह काम कम खर्चीला है. इस मछली पकड़ने के जाल का उपयोग सभी तरह के प्लास्टिक, रबर, कांच और नाले में डंप किए गए कचरे को फंसाने के लिए किया जाता है. फिर इसे इकट्ठा करके रिसाइकिल किया जाता है. इस तरह इसे समुद्र में जाने से रोका जा सकता है.
शायद आप नहीं जानते होंगे कि तटीय मुंबई के सफाई कर्मचारी शहर की खाड़ियों को साफ करते हुए हर महीने 24 टन कचरा हटाते हैं.
मछली पकड़ने के जाल का इस तरह उपयोग करना, कोली समुदाय के दिमाग की उपज है, जो अपने पारंपरिक ज्ञान का लाभ उठाकर इन वॉटर सिस्टम्स से कचरे को इकट्ठा करके शहर की खाड़ियों को साफ करने के लिए कम खर्चीले इनोवेशन को दर्शाता है.
यह परियोजना Bombay61 के नेतृत्व में चलाई गई, और इसे MMM का समर्थन प्राप्त है.
क्यों महत्वपूर्ण है यह परियोजना?
मुंबई में प्रतिदिन लगभग 7000 टन कचरा निकलता है, जो कि लैंडफिल क्षमता से कहीं ज्यादा है. इसलिए ये कचरा खाड़ियों और नदियों में जाकर मिलता है और इसका नकारात्मक नतीजा पर्यावरण के नुकसान के रूप में दिखाई दे रहा है. साथ ही स्थानीय समुदायों की आजीविका भी खतरे में पड़ रही है, जो अपने जीवन के लिए इस पानी पर निर्भर हैं.
मुंबई की खाड़ियां या "नाले" स्थानीय समुदायों की आजीविका का एक अनिवार्य हिस्सा हैं. वे इकोसिस्टम के लिए भी महत्वपूर्ण हैं, लेकिन प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि अब वे खाडि़यां छोटे-छोटे नालों में तब्दील हो गई हैं. वो गंदी और बदबूदार हैं.
MMM का दृढ़ विश्वास है कि समुद्र को बचाने के लिए केवल समुद्र तट की सफाई ही पर्याप्त नहीं है. सरकारी मंत्रालयों को भी इस दिशा में तत्काल कार्रवाई करने की जरूरत है. वे सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि मलाड जैसी खाड़ी को बचाने में मदद करने के लिए मुंबई के प्रमुख क्षेत्रों में इस तरह के एक व्यावहारिक समाधान को अपनाएं और उसे अमल में लाएं.
(बैनर तस्वीर: मुंबई में सफाई अभियान के दौरान समुद्र तट से कचरा हटाते हुए वॉलेंटियर अफ़रोज़ शाह)
Edited by रविकांत पारीक