पटेल के पदोन्नत होने से रिज़र्व बैंक के लिए मौद्रिक नीति समिति के मामले में कड़ी चुनौती
उर्जित पटेल को पदोन्नत कर गवर्नर बनाया जाने से रिजर्व बैंक के लिए नई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) व्यवस्था के लिए अपने पदाधिकारियों के चयन में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है जबकि समिति के गठन के लिए समय बहुत थोड़ा ही है। सरकार जबतक पटेल के स्थान पर किसी नए डिप्टी गवर्नर नहीं नियुक्त करती है, केंद्रीय बैंक को अंतरिम तौर पर मौद्रिक नीति का काम देखने के लिये अपने तीन डिप्टी गवर्नरों, आर गांधी, एस एस मुंदड़ा और एन एस विश्वानाथन में से किसी एक को नियुक्त करना होगा।
पटेल की जगह डिप्टी गवर्नर के लिए आरबीआई के कार्यकारी निदेशक माइकल पत्रा का नाम चल रहा है जो डिप्टी गवर्नर के साथ मौद्रिक नीति प्रभारी होंगे। रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल को उसके बाद एक नये व्यक्ति का नाम देना है जो उनकी ओर से एमपीसी का तीसरा सदस्य बनेगा।
अगर सरकार पुराने तरीके पर कायम रहती है तो और एक अर्थशास्त्री को डिप्टी गवर्नर बनाती है जो रिजर्व बैंक से नहीं हो तो केंद्रीय बैंक के लिये काम थोड़ा आसान हो सकता है। क्यों कि उस स्थिति में कार्यकारी निदेशक पात्रा एमपीसी में उसके प्रतिनिधि बने रहेंगे।
रिजर्व बैंक के निवर्तमान गवर्नर रघुराम राजन ने तीसरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में कहा था कि चार अक्तूबर को पेश होने वाली अगली समीक्षा एमपीसी करेगी। नई व्यवस्था नीतिगत दरों के बारे में निर्णय एमपीसी करेगी जो अबतक गवर्नर करते थे। एमपीसी में हर सदस्य के राय की गिनती होगी और मत-बराबरी की स्थिति में गवर्नर को निर्णायक वोट देने का अधिकार है।
गवर्नर की अध्यक्षता में समिति में छह सदस्य होंगे। रिजर्व बैंक की तरफ से तीन सदस्य होंगे। इसमें एक गवर्नर तथा मौद्रिक नीति प्रभारी डिप्टी गवर्नर होंगे जबकि आरबीआई निदेशक मंडल तीसरे सदस्य की सिफारिश करेगा। इसके अलावा तीन सदस्य सरकार नामित करेगी
मौद्रिक नीति समिति के तीन सदस्यों को इस महीने नामित कर सकती है सरकार
उर्जित पटेल को रिज़र्व बैंक का अगला गवर्नर नियुक्त किये जाने के बाद सरकार अगले कुछ दिनों में नीतिगत दर निर्धारण करने वाली समिति एमपीसी के तीन सदस्यों के नाम को अंतिम रूप दे देगी।
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी)में सरकार के प्रतिनिधियों के नामों की एक सूची मंत्रिमंडल सचिव की अध्यक्षता वाली तलाश-सह-चयन समिति बना चुकी है। इस समिति में कैबिनेट सचिव के अलावा आर्थिक मामलों के सचिव, रिज़र्व बैंक के गवर्नर तथा आर्थिक या बैंकिंग या वित्त या मौद्रिक नीति की विशेषज्ञता रखने वाले तीन सदस्य शामिल हैं। मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इस बारे में निर्णय अगले कुछ दिनों या अगले महीने की शुरूआत में आने की संभावना है। अगली द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा चार अक्तूबर को होने वाली है। उसमें नीतिगत ब्याज दर का निर्णय मौद्रिक नीति समिति करेगी।
एमपीसी का गठन भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम, 1934 में वित्त विधेयक 2016 के ज़रिये संशोधन किया गया है। नई व्यवस्था के तहत आरबीआई गवर्नर इसके पदेन चेयरपर्सन होंगे। इसके अलावा मौद्रिक नीति समिति में रिज़र्व बैंक के मौद्रिक नीति के प्रभारी डिप्टी गवर्नर तथा आरबीआई का एक और अधिकारी होगा। नयी व्यवस्था में सरकार ने रिजर्व बैंक के लिए पांच साल तक खुदरा मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत घट बढ के साथ चार प्रतिशत के दायरे में रखने का लक्ष्य रखा है। मौद्रिक नीति समिति व्यवस्था में रिजर्व बैंक के गवर्नर को किसी प्रस्ताव पर मत-विभाजन में बराबरी की स्थिति में निर्णायक वोट देने का अधिकार होगा।।- पीटीआई