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52 फीसदी भारतीयों को विरासत में मिली संपत्ति को पाने के लिए देनी पड़ी रिश्‍वत- सर्वे

26000 लोगों पर हुए इस सर्वे में 67 फीसदी पुरुष और 33 फीसदी महिलाएं हैं.

52 फीसदी भारतीयों को विरासत में मिली संपत्ति को पाने के लिए देनी पड़ी रिश्‍वत- सर्वे

Wednesday October 26, 2022 , 3 min Read

एक सर्वे प्‍लेटफॉर्म लोकल सर्कल (LocalCircles ) का यह सर्वे कह रहा है कि 52 फीसदी भारतीयों को विरासत में मिली संपत्ति को अपने नाम पर ट्रांसफर करवाने के निए रिश्‍वत देनी पड़ी. इस सर्वे में 26,000 लोगों ने हिस्‍सा लिया, जिसमें से 48 फीसदी लोग टियर-1 शहरों में रहने वाले थे. 27 फीसदी लोग टियर-2 शहरों से थे और 25 फीसदी लोग टियर 3-4 शहरों, छोटे कस्‍बों और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले थे.


इस सर्वे में भाग लेने वालों में 67 फीसदी पुरुष और 33 फीसदी महिलाएं थीं. यह सर्वे भारत समाज और सरकारी प्रशासन व्‍यवस्‍था की एक कड़वी हकीकत को बयान कर रहा है.


जब भी किसी व्‍यक्ति को विरासत में कोई प्रॉपर्टी मिलती है तो प्रॉपर्टी देने वाले का विल या वसीयतनामा लिखना काफी नहीं होता. विल होने के बाद भी प्रॉपर्टी को किसी व्‍यक्ति विशेष के नाम ट्रांसफर करने की कानूनी प्रक्रिया लंबी और जटिल होती है. यह प्रॉपर्टी जमीन, मकान, जूलरी, बॉल्‍ड्स, म्‍यूचुअल फंड, ब्रोकरेज अकाउंट या बैंक बैलेंस किसी भी रूप में हो सकती है. इस सर्वे में शामिल 26,000 लोगों में से आधे से ज्‍यादा लोगों का कहना है कि संपत्ति ट्रांसफर करवाने की प्रक्रिया में उन्‍हें एक से ज्‍यादा जगह पर घूस देना पड़ा.


52 फीसदी लोगों ने दी रिश्‍वत

इस सर्वे में हिस्‍सा लेने वाले 25 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें प्रॉपर्टी ट्रांसफर करवाने के लिए कई जगहों पर अलग-अलग लोगों, अधिकारियों और दलालों को रिश्‍वत देनी पड़ी. 27 प्रतिशत लोगों का कहना था कि उन्‍होंने एक या दो जगहों पर लोगों को रिश्‍वत दी. 24 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उन्हें प्रॉपर्टी ट्रांसफर करवाने के लिए किसी को कोई रिश्‍वत नहीं देनी पड़ी. 8 फीसदी लोगों कोई स्‍पष्‍ट जवाब नहीं दिया. कुल मिलाकर सर्वे में शामिल हुए 26,000 लोगों में से 52 फीसदी को विरासत में मिली संपत्ति को अपने नाम करवाने के लिए किसी न किसी स्‍तर पर एक या उससे अधिक बार रिश्‍वत देनी पड़ी.   


सर्वे में एक सवाल यह पूछा गया था कि यह रिश्‍वत उन्‍होंने कहां दी. इस सवाल का जवाब 8707 लोगों ने दिया. इन 8707 लोगों में से 86 प्रतिशत लोगों ने जवाब में लिखा कि उन्‍होंने किसी न किसी सरकारी दफ्तर में रिश्‍वत दी, जैसेकि प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन ऑफिस, मजिस्ट्रेट ऑफिस और दूसरे स्थानीय सरकारी दफ्तर. 

 

सर्वे में एक सवाल यह पूछा गया था कि क्‍या उनके प्रॉपर्टी ट्रांसफर की प्रक्रिया आसानी से पूरी हो गई. इस सवाल के जवाब में 13 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके पास वसीयत थी, जिसके कारण प्रॉपर्टी ट्रांसफर आसानी से हो गया. 10 फीसदी लोगों ने जवाब में लिखा कि उनके पास कोई विल या वसीयत नहीं थी, फिर भी प्रॉपर्टी ट्रांसफर की प्रक्रिया आसानी से पूरी हो गई. कुल मिलाकर सिर्फ 23 फीसदी लोगों ने यह कहा कि विरासत में मिली प्रॉपर्टी को पाने में उन्‍हें किसी कानूनी जटिलता का सामना नहीं करना पड़ा. 


Edited by Manisha Pandey