करीबन 58 फीसदी बिल्डर्स ने माना 2023 में महंगे हो जाएंगे घरों के दामः रिपोर्ट
रियल्टर्स एपेक्स बॉडी क्रेडाई और रियल एस्टेट कंसल्टेंट कोलियर्स इंडिया और प्रॉपर्टी रिसर्च फर्म लियासेस फोरास के सर्वे के मुताबिक 43 प्रतिशत डिवलपर्स 2023 में आवासीय मांग स्थिर रहने की उम्मीद करते हैं, जबकि 31 प्रतिशत मांग को लगता है कि डिमांड इस साल 25 फीसदी तक बढ़ जाएगी.
लगभग 58 प्रतिशत डेवलपर्स को मानना है कि इनपुट लागत में वृद्धि के कारण इस साल आवास की कीमतें बढ़ेंगी, जबकि 32 प्रतिशत बिल्डरों का मानना है कि यह स्थिर रहेगा.
रियल्टर्स एपेक्स बॉडी क्रेडाई और रियल एस्टेट कंसल्टेंट कोलियर्स इंडिया और प्रॉपर्टी रिसर्च फर्म लियासेस फोरास के सर्वे के मुताबिक 43 प्रतिशत डिवलपर्स 2023 में आवासीय मांग स्थिर रहने की उम्मीद करते हैं, जबकि 31 प्रतिशत मांग को लगता है कि डिमांड इस साल 25 फीसदी तक बढ़ जाएगी.
इस सर्वे में देश के 341 रियल एस्टेट डिवेलपर्स ने हिस्सा लिया था, जिसे 2 महीने के अंदर पूरा किया गया है. रिपोर्ट कहती है, 58 फीसदी डिवेलपर्स की राय है कि 2023 में कच्चे माल की घटती बढ़ती कीमतों, आर्थिक अनिश्चितता और लंबे समय से ऊपर चल रही महंगाई दरों के बीच में घरों के दाम बढ़ेंगे.
हालांकि, सर्वेक्षण से पता चला कि लगभग 32 प्रतिशत डेवलपर्स का मानना है कि कीमतें 2023 में स्थिर रहेंगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि मजबूत आवास मांग के साथ-साथ इनपुट लागत में वृद्धि की वजह से आवास की कीमतों में पिछली कुछ तिमाहियों में वृद्धि हुई है.
सर्वेक्षण रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि 43 प्रतिशत डिवलपर्स ने बढ़ती इनपुट लागत के बीच 2022 में परियोजना लागत में 10-20 प्रतिशत की वृद्धि देखी. सर्वेक्षण के अनुसार, डिवलपर्स सरकार से 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' चाहते हैं.
कोलिएर्स इंडिया के सीईओ रमेश नैर ने कहा, बढ़ती ब्याज दरों के बीच भी लोगों में अभी भी अपना खरीदने को लेकर सेंटिमेंट मजबूत बना हुआ है.
रियल एस्टेट डिवलपर्स भी उन परियोजनाओं को लॉन्च करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जो होमबॉयर्स की जरूरतों के अनुसार तैयार हैं.
बिल्डर्स भी अपनी लंबित परियोजनाओं को पूरा करने और मांग के आधार पर आपूर्ति लाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. सर्वे में करीबन 46 फीसदी डिवेलपर्स ने माना कि संभावित मंदी का उनके बिजनेस पर औसत असर होगा.
31 फीसदी डिवेलपर्स ने उम्मीद जताई कि संभावित का हल्का फुल्का असर होगा जबकि 15 फीसदी ने माना कि इसका सेक्टर पर काफी गहरा असर पड़ेगा.
CREDAI प्रेजिडेंट हर्ष वर्धन पटोदिया ने कहा,’कोविड की मार के बाद इंडस्ट्री को एक तगड़े पुश की जरूरत थी जो बीते साल ने इंडस्ट्री को दिया है. इसका नतीजा ये रहा कि पिछले दशक में रेकॉर्ड तोड़ बिक्री का नेतृत्व किया.’
70 प्रतिशत से अधिक उत्तरदाताओं का मानना है कि 2023 में घर के स्वामित्व की मांग या तो बढ़ेगी या स्थिर रहेगी. पटोदिया ने कहा, 'इस तरह के सेंटिमेंट के साथ, समुदाय के अधिकांश डेवलपर्स (87 प्रतिशत) अपनी पेशकश का विस्तार करना चाहते हैं.
इस वर्ष निर्माणाधीन वर्तमान आपूर्ति के बराबर नए लॉन्च में वृद्धि देखने की संभावना है. उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्या, धन वृद्धि और तेजी से शहरीकरण इस क्षेत्र के विकास को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक हैं.
Edited by Upasana