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‘जुगनू’ कराएगा महिला ऑटो ड्राइवर उपलब्ध, दिल्ली एनसीआर के बाद दूसरे शहरों पर नज़र

‘जुगनू’ कराएगा महिला ऑटो ड्राइवर उपलब्ध, दिल्ली एनसीआर के बाद दूसरे शहरों पर नज़र

Saturday January 09, 2016 , 3 min Read

जुगनू एप्लीकेशन ऑटो के लिए...

इसके जरिए सिर्फ महिला ऑटो ड्राइवर ही उपलब्ध कराया जाता है...

पेटीएम का इस्तेमाल कर सकते हैं सफर के दौरान...

मकसद, महिलाओं की तरफ से महिलाओं के लिए....


देश की अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी दिन ब दिन बढ़ती जा रही है, इसी बात को ध्यान में रखते हुए चंडीगढ़ से ‘जुगनू’ नाम के एक ऐप की शुरूआत हुई है। जो अपने प्लेटफॉर्म में महिला ऑटो ड्राइवर उपलब्ध कराता है, उनको ट्रेनिंग देता है और सुरक्षा के उपाय सुझाता है। फिलहाल ये योजना पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर काम कर रही है। हाल ही में कंपनी ने नोएडा से पहली महिला ऑटो ड्राइवर को अपने यहां रजिस्ट्रर किया है। अब कंपनी की योजना अलग अलग शहरों से हर महीने दो महिला ऑटो ड्राइवर को अपने साथ जोड़ने की है।

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पेटीएम समर्थित ये उद्यम महिला ऑटो ड्राइवर को ना सिर्फ ट्रैफिक नियमों की जानकारी देता है बल्कि ये भी बताता है कि मुशिकल हालात में अपनी सुरक्षा कैसे की जा सकती है। ‘जुगनू’ के सीईओ और सह-संस्थापक समीर सिंगला ने योरस्टोरी को बताया, 

कंपनी की सामाजिक जिम्मेदारी भी है साथ ही एक लक्ष्य भी है कि महिला सवारियों की संख्या को बढ़ाया जाये।

सौभाग्य से, जमीनी स्तर पर लोगों की मानसिकता एक बड़ा परिवर्तन दिख रहा है, महिलाएं इस बात का स्वागत कर रही हैं कि पुरूष प्रधान इस उद्योग में उनको नई चुनौतियों का सामना करने का मौका मिल रहा है।

महत्वपूर्ण बात ये है कि बेंगलुरू आधारित ‘जिप गो’ ने दिल्ली एनसीआर के कुछ हिस्सों (द्वारका, गुड़गांव और मानेसर) में महिलाओं के लिए अपनी शटल सर्विस शुरू की है। जिसके बाद अब उसकी योजना पूरे एनसीआर में इसी तरह की सेवा शुरू करने की है। समीर का कहना है कि 

ये महिलाएं ही हैं जो सामाजिक बंधनों को तोड़ ऑटो रिक्शा चला कर बेहतर जीवन जीना चाहती हैं, ‘जुगनू’ का विकास भी तभी संभव है जब महिलाओं को अपने साथ जोड़ने उनको कुशल बनाने के साथ उनकी आय को भी लगातार बनाये रखा जा सके।

महिलाओं के लिए सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है खास तौर से जब उनको रोज यात्रा करनी पड़ती हो। ऐसे में रोज यात्रा करने के लिए कैब एक महंगा विकल्प तो है ही साथ ही पीक अवर में कैब का ना मिलना बड़ी तकलीफ भी है। दूसरी तरफ ऑटो की सवारी आसानी से उपलब्ध हो जाती है और कैब के मुकाबले सस्ती भी होती है और कहीं भी पहुंचने में कम वक्त लेती है।

ये पहल महिला ड्राइवरों और सवारियों दोनों के लिए फायदेमंद है। दिल्ली में साल 2014 में घटी एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद केवल महिलाओं के लिए कैब और ऑटो की डिमांड काफी बढ़ी है। हालांकि गुडगांव जैसे शहर में पिछले दो सालों से चल रहे पिंक ऑटो (सिर्फ महिलाओं के लिए) की योजना महिला सवारियों के बीच खासी लोकप्रिय नहीं हो सकी है। बावजूद इसके ‘जिप गो’ और ‘जुगनू’, बजट होटल एग्रीगेटर ‘ओयो’ सिर्फ महिलाओं के लिए दिल्ली, गुडगांव में अच्छा काम कर रहा है और इनकी डिमांड भी बढ़ रही है।

फोटो: शटरस्टॉक से