Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

ट्रांसजेंडर्स के लिए काम करने वाली मिस इंडिया-2018 अनुकृति की प्रेरणादायक कहानी

एक छोटे से शहर से निकलकर देश की तमाम लड़कियों के लिए प्रेरणा बनने वाली अनुकृति की कहानी सबके लिए मिसाल हैं...

ट्रांसजेंडर्स के लिए काम करने वाली मिस इंडिया-2018 अनुकृति की प्रेरणादायक कहानी

Tuesday June 26, 2018 , 5 min Read

19 साल की अनुकृति मिस इंडिया वर्ल्ड बन गई हैं। चेन्नई के लॉयला कॉलेज की एक साधारण सी स्टूडेंट अनुकृति को यह खिताब मुंबई के एनएससीआई स्टेडियम में प्रदान किया गया। एक छोटे से शहर से निकलकर देश की तमाम लड़कियों के लिए प्रेरणा बनने वाली अनुकृति की कहानी सबके लिए मिसाल हैं।

image


अनुकृति एक डांसर और एथलिट होने के साथ-साथ बाइकिंग का भी शौक रखती हैं। वे बैचलर ऑफ़ आर्ट्स की विद्यार्थी हैं। उनका कहना है कि 2015 में उनकी एक ट्रांसजेंडर दोस्त ने उन्हें ट्रांसजेंडर्स के हित में काम करने वाले एक एनजीओ से जुड़ने की प्रेरणा दी।

21 जून को तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली शहर की सड़कों पर जश्न का माहौल था। इसकी वजह थी शहर की वो लड़की जिसने मिस इंडिया वर्ल्ड 2018 का खिताब जीतकर पूरे शहर का नाम रोशन किया। 19 साल की अनुकृति मिस इंडिया वर्ल्ड बन गई हैं। चेन्नई के लॉयला कॉलेज की एक साधारण सी स्टूडेंट अनुकृति को यह खिताब मुंबई के एनएससीआई स्टेडियम में प्रदान किया गया। एक छोटे से शहर से निकलकर देश की तमाम लड़कियों के लिए प्रेरणा बनने वाली अनुकृति की कहानी सबके लिए मिसाल हैं।

नई मिस इंडिया का कहना है कि, "मुझे अभी तक खुद पर विश्वास नहीं हो रहा। मैं इस दिन का न जाने कितने दिन से इंतज़ार कर रही थी। मैंने अपनी ज़िन्दगी के किसी भी वक़्त को बुरा वक़्त समझा ही नहीं क्योंकि मेरे लिए हार या जीत कोई मायने नहीं रखती थी। मैंने कभी हार या जीत के बारे में सोचा ही नहीं। मै तो बस इस सफर के हर एक पल को महसूस करना चाहती थी और इन सब से सीखकर आगे बढ़ना चाहती थी। मैं हमेशा से इस ताज को एक बार छूना चाहती थी और आज यह ताज मेरे पास है।"

अनुकृति का यह सफर उनकी मां के लिए भी काफी मुश्किल भरा था। पिता की अनुपस्थिति में अनुकृति की माँ सलीना के लिए उनको अकेले पालना और उनके सपनों को पूरा करना काफी चुनौतियों से भरा था। छोटे शहर में रहने वाली अनुकृति के मॉडलिंग करने जैसे बड़े सपने पर लोग उंगलिया उठाते थे और इतना ही नहीं उन्हें नीचे गिराने की भी पूरी कोशिश करते थे।

अनुकृति की माँ का सलीना कहती हैं, "मैंने अपनी बेटी को बचपन से ही स्वतंत्र और निडर बनने की सीख दी है। वह काफी ज़िद्दी और मेहनती भी है। वह जो भी करने की ठान लेती है उसे पूरा कर के ही दम लेती है। अनुकृति में आत्मविश्वास की कोई कमी नहीं है। मेरी बेटी ने आज मेरा सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है, अब लोग मुझे उसकी माँ के नाम से पहचानेंगे। एक माँ के लिए इस से बड़ी गर्व की बात और क्या हो सकती है? मुझे मेरी बेटी के इस सपने को पूरा करने के लिए काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ा पर मैं इन सब के बावजूद भी अपनी बेटी के सपने को पूरा करने में उसका पूरा साथ दिया। मुझे आज इन सब से कोई शिकायत नहीं है क्योंकि मेरी बेटी आज जिस मुकाम पर पहुंची है उसने सबकी परेशानियों को को प्रशंसा में बदल दिया है।"

अनुकृति एक डांसर और एथलिट होने के साथ-साथ बाइकिंग का भी शौक रखती हैं। वे बैचलर ऑफ़ आर्ट्स की विद्यार्थी हैं। उनका कहना है कि 2015 में उनकी एक ट्रांसजेंडर दोस्त ने उन्हें ट्रांसजेंडर्स के हित में काम करने वाले एक एनजीओ से जुड़ने की प्रेरणा दी। वह जिस एनजीओ के लिए काम करती हैं उसका मकसद है कि वह कम से कम 30 ट्रांसजेंडर को गोद ले उनके रहन-सहन, शिक्षा और काम की पूरी ज़िम्मेदारी उठाये। एक तरह से उन्हें सक्षम बनाने की और समाज के अन्य लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलकर चलने की प्रेरणा देना है।

image


इस बारे में वे बताती हैं, "मैं ट्रांसजेंडरों की शिक्षा के लिए काम कर रही हूं। स्कूल के समय का मेरा एक दोस्त ट्रांसजेंडर था और उसके परिवार ने उसे छोड़ दिया था। इस घटना ने मुझे इस बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया। मैं एक अनाथालय और एक गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) के साथ काम कर उनके बच्चों की शिक्षा में सहयोग कर रही हूं। ताकि किसी और के साथ ऐसा न हो"

अनुकृति को मिस इंडिया वर्ल्ड 2018 का पूर्व मिस इंडिया और हाल ही में बनी मिस वर्ल्ड मानुषी छिल्लर ने दिया। अनुकृति को पढ़ाने वाले फादर एंथरो ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा, 'हम अनु की इस सफलता से बहुत खुश हैं। उसका यह मिस इंडिया का खिताब मानवता के उद्धार के लिए इस्तेमाल होना चाहिए। समाज में कई तरह की परेशानियां हैं। अनु को इन सब के खिलाफ कदम उठाना चाहिए ताकि उसकी ज़िन्दगी सार्थक सिद्ध हो सके।

अनुकृति से इस कॉम्पिटिशन में पूछा गया था कि जिंदगी में सबसे बेहतर कौन सिखाता है, सफलता या असफलता? उन्होंने बड़ी होशियारी से इसका जवाब देते हुए कहा, 'मेरी जिंदगी में हमेशा से ही असफलता रही है और उन्हीं सारी असफलताओं और उनसे सीखे सबक ने मुझे आज यहाँ तक पहुंचाया है। एक छोटे शहर से यहाँ तक का मेरा यह सफर आसान नहीं था। मैंने अपनी ज़िन्दगी के हर एक मोड़ पर असफलता को महसूस किया है। मेरी माँ के अलावा मेरे साथ ऐसा कोई नहीं था जो मेरे इस सफर में मेरा साथ दे। अगर आज मैं एक स्वतंत्र और निडर महिला हूं तो इसके पीछे की वजह मेरे जीवन की सारी उतार चढ़ाव और वह सरे ताने है जो दुनिया ने मुझे दिये। मेरे हिसाब से अनुभव हमारे जीवन के सबसे बड़े शिक्षक होते हैं और मैं लोगो से यही कहूँगी की हमेशा कोशिश करते रहें सफलता जरूर मिलेगी।'

यह भी पढ़ें: कभी बेटी को जूता खरीदने का बूता न था, आज दुनिया के पैर सजा रहीं मुक्तामणि