जिन्हें टेररिस्ट कहकर बुलाया गया वो रविंदर भल्ला बने यूएस में पहले सिख मेयर
रविंदर भल्ला इस वक्त एक उल्लेखनीय जीत का जश्न मना रहे हैं। उन्हें अपने गृह राज्य के पहले सिख अमेरिकी महापौर के रूप में चुना गया है। भल्ला ने मंगलवार को हॉबोकेन की मेयरल रेस जीती, जिसमें पांच अन्य उम्मीदवारों को उन्होंने अपने जन समर्थन से हरा दिया। चुनाव प्रचार के दौरान नस्लवादी फ्लायर अभियान द्वारा लक्षित होने के बावजूद शहर के काउंसिलर ने ये जीत दर्ज की।
उनकी फोटो के उनके खिलाफ बैनर फहराए गए थे कि आतंकवादियों की जीत नहीं होने देंगे। इस नफरती प्रतिक्रियाओं के बावजूद भल्ला ने पूरे शहर को इस जीत के लिए दिल से धन्यवाद दिया है।
भल्ला को आतंकवादी दिखाए हुए जो फ्लायर, बैनर लहराए गए थे वो उनके लिए बहुत परेशान और हानिकारक था। न सिर्फ उनके लिए बल्कि अपनी पत्नी और बच्चों के लिए भी। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं था कि जब उन्हें आतंकवादी कहा गया हो। उन्हें सोशल मीडिया पर खूब अब्यूज किया गया था।
रविंदर भल्ला इस वक्त एक उल्लेखनीय जीत का जश्न मना रहे हैं। उन्हें अपने गृह राज्य के पहले सिख अमेरिकी महापौर के रूप में चुना गया है। भल्ला ने मंगलवार को हॉबोकेन की मेयरल रेस जीती, जिसमें पांच अन्य उम्मीदवारों को उन्होंने अपने जन समर्थन से हरा दिया। चुनाव प्रचार के दौरान नस्लवादी फ्लायर अभियान द्वारा लक्षित होने के बावजूद शहर के काउंसिलर ने ये जीत दर्ज की। उनकी फोटो के उनके खिलाफ बैनर फहराए गए थे कि आतंकवादियों की जीत नहीं होने देंगे। इस नफरती प्रतिक्रियाओं के बावजूद भल्ला ने पूरे शहर को इस जीत के लिए दिल से धन्यवाद दिया है।
हालांकि भल्ला इस धार्मिक भेदभाव के लिए कोई अजनबी नहीं है। न्यू जर्सी में बढ़ते हुए सिख अमेरिकी राजनेता ने बताया कि वह नियमित रूप से सार्वजनिक रूप से स्कूल में अपने धर्म, पगड़ी, अपने विश्वास के प्रति समर्पण की वजह से धमकियों और उत्पीड़न का सामना करते आए हैं। भल्ला ने हफपोस्ट को बताया, मुझे लगता है कि सिख बच्चों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि उन्हें अपने विश्वास पर गर्व होना चाहिए और इस देश में आकाश एक सीमा है। मैं महापौर के रूप में आशा करता हूं कि मैं सामान्य जनता के लिए सिख की एक सकारात्मक छवि पेश कर सकूंगा और मुझे उम्मीद है कि यह स्कूल में युवा बच्चों के लिए आसान बना देगा।
भल्ला को आतंकवादी दिखाए हुए जो फ्लायर, बैनर लहराए गए थे वो उनके लिए बहुत परेशान और हानिकारक था। न सिर्फ उनके लिए बल्कि अपनी पत्नी और बच्चों के लिए भी। उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं था कि जब उन्हें आतंकवादी कहा गया हो। उन्हें सोशल मीडिया पर खूब अब्यूज किया गया था। न्यू जर्सी में बीते उनके बचपन के दौरान उन्होंने अपने खिलाफ बदमाशियों, नस्ल, धर्मभेदी टिप्पणियों का एक लंबा बुरा अनुभव है। सिख 100 से अधिक वर्षों तक अमेरिका के धार्मिक माहौल का हिस्सा रहे हैं। लेकिन कुछ अमेरिकी अभी भी धर्म से अपरिचित हैं या गलती से विश्वास करते हैं कि सिखों का उनके विश्वास के रूप में पगड़ी पहनने का मतलब है कि वे मुस्लिम हैं। 11 सितंबर के हमलों के बाद से, सिख अक्सर नस्लीय शोषम, धमकियों और हेटस्पीच का सामना करते आ रहे हैं।
ये सिर्फ अमेरिका ही हाल नहीं है, अभी पिछले महीने ही कनाडा में सिख नेता जगमीत सिंह को ऐसे ही धर्मभेदी गुस्से का शिकार होना पड़ा था। लेकिन सिंह ने बड़ी ही समझदारी और शांति से इसे हैंडल किया और पूरी दुनिया में हीरो बन गए। मजहब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना वाला मंत्र ही इस दुनिया को बेहतर बनाएगा। जगमीत ने उस वक्त एक महिला द्वारा ब्रैंपटन ओन्टेरियो में हो रहे एक अभियान समारोह में इस्लाम विरोधी, मुस्लिम विरोधी टिप्पणियो पर शांत प्रतिक्रिया दी थी। उनका ये वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ और उसे बहुत अनुमोदन प्राप्त हुआ है।
नवनिर्वाचित मेयर भल्ला ने माना कि डॉनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपित बनने के बाद से न सिर्फ सिखों के प्रति जातिवाद और जीनोफोबिया बढ़ गए हैं बल्कि अन्य कमजोर अल्पसंख्यक समुदायों पर भी विघटनकारी ताकतों ने हमले बढ़ा दिए हैं। भल्ला की ये जीत इन ताकतों के मुंह पर एक तमाचा है। वो कहते हैं, दुर्भाग्य से, हम एक अलग जलवायु में रहते हैं, जहां कुछ लोगों को लगता है कि इस प्रकार का आचरण स्वीकार्य है। यह हमारे लिए महत्वपूर्ण है ताकि हम एक मजबूत, स्पष्ट संदेश भेज सकें कि हमारे समुदायों में नफरत स्वीकार्य नहीं है।
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