पंजाब सरकार का सराहनीय कदम: लड़कियों के लिए नर्सरी से लेकर पीएचडी तक की शिक्षा मुफ्त
कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने अपना पहला बजट पेश किया है। इस बजट में लड़कियों की शिक्षा पर खास ध्यान दिया गया है। बजट में लड़कियों को फ्री शिक्षा देने का प्रावधान किया गया।
शिक्षा का अधिकार, जिस पर दुनिया के हर बच्चे का हक है। हमारे देश में सर्व शिक्षा अभियान, मिडडे मील जैसी कई सारी योजनाएं चलाई जा रही हैं, फिर भी बहुत सारे बच्चे हैं जो कई कारणों से अपने इस शिक्षा के अधिकार से मरहूम रह जा रहे हैं। और बात जब लड़कियों को हो तो उनके स्कूल में एडमिशन, उपस्थिति का ग्राफ हमेशा नीचे ही रहता है। तमाम तरह के जागरूकता अभियान के बावजूद लोग लड़कियों को स्कूल भेजने से कतराते हैं। जिसकी वजह असुरक्षा की भावना, गरीबी और रूढ़िवादी मानसिकता भी है।
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पंजाब सरकार ने की घोषणा, राज्य में लड़कियों को मिलेगी नर्सरी से पीएचडी तक फ्री एजुकेशन।
2011 में हुई जनगणना के अनुसार पंजाब में साक्षरता दर 75.84 है जो कि राष्ट्रीय औसत से थोड़ी बेहतर हैं। आंकड़ों के अनुसार पंजाब में कुल साक्षरों की संख्या 1,87,07,137 हैं। जिसमें पुरुषों में साक्षरता दर 80.44 फीसदी है जबकि महिला में ये 70.73 फीसदी है।
कई सारे अभिभावक सोचते हैं कि अगर पैसा खर्च ही कर रहे हैं तो क्यों न लड़के की शादी पर किया जाए, लड़कियों को पढ़ाने की बजाय उनकी शादी के लिए पैसे इकट्ठे किए जाएं। उनकी इस मानसिकता को धीरे-धीरे खत्म करने के लिए कई संस्थाएं और सरकार काम कर रही है, लेकिन इस समस्या से तुरंत और प्रभावी ढंग से निबटने के लिए पंजाब सरकार ने एक बहुत ही जरूरी कदम उठाया है।
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पंजाब सरकार ने घोषणा की है कि राज्य में लड़कियों को नर्सरी से पीएचडी तक फ्री शिक्षा मिलेगी। ये मुफ्त शिक्षा सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में दी जाएगी। कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने अपना पहला बजट पेश किया है। इस बजट में लड़कियों की शिक्षा पर खास ध्यान दिया गया है। बजट में लड़कियों को फ्री शिक्षा देने का प्रावधान किया गया। लड़कियों को ना कवेल फीस माफी दी जाएगी बल्कि उन्हें फ्री टेक्स्टबुक्स भी दी जाएंगी। ये सब अगले एकेडमिक सत्र से लागू होगा। 2011 की जनगणना के अनुसार, पंजाब में साक्षरता दर 75.84% है जो राष्ट्रीय औसत 73.0% से बेहतर है।
पंजाब में साक्षियों की कुल संख्या 1,87,07,137 है पुरुष साक्षरता दर 80.44% है और महिला साक्षरता दर 70.73% है।
हाल ही में कैप्टन सिंह ने घोषणा कि अगले शैक्षणिक सत्र से सरकारी विद्यालयों में सभी छात्रों को फ्री किताबें दीं जाएगी। उन्होंने बताया कि पुस्तकें भी ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाएंगी, जिसे छात्र मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है। इसके अलावा उन्होंने नर्सरी और एलकेजी कक्षाओं को अगले साल से सरकारी स्कूलों में फिर से प्रवेश दें दिया है। उन्होंने 13,000 प्राथमिक स्कूलों और सभी 48 सरकारी कॉलेजों के लिए वाई-फाई की मुफ्त सुविधा देने की घोषणा कीं।
पंचायती राज में महिलाओं की ज्यादा भागेदारी
साथ ही सरकार में पंचायती राज संस्थाओं और शहर के स्थानीय निकायों में महिलाओ की भागदारी को 33 फीसदी से बढ़ाकर 50 फीसदी कर दी है। वहीं अन्य फैसले के तहत राज्य सरकार ने पंजाब में नया लोकपाल बिल लाने की घोषणा की है। नए लोकपाल के दायरे में मुख्यमंत्री, मंत्री सहित सभी अधिकारियों के आने की बात कही गई है। लोकपास के पास होने के बाद इन सभी के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के पूरे अधिकार होंगे।
वहीं अन्य फैसले के तहत मुख्यमंत्री ने सीमांत किसानों की कर्जमाफी की घोषणा की है। यहां सरकार ने पांच एकड़ तक की जोत वाले किसानों के लिए दो लाख रुपए तक कर्जमाफी की घोषणा की है। सरकार के अनुसार इससे 10.25 किसानों को सीधा फायदा होगा। बता दें कि साल 2011 में हुई जनगणना के अनुसार पंजाब में साक्षरता दर 75.84 है जो कि राष्ट्रीय औसत से थोड़ी बेहतर हैं। आंकड़ों के अनुसार पंजाब में कुल साक्षरों की संख्या 1,87,07,137 हैं। जिसमें पुरुषों में साक्षरता दर 80.44 फीसदी है जबकि महिला में ये 70.73 फीसदी है।