कार चलाने के अधिकार के बाद सऊदी में महिला ड्राइविंग स्कूल की घोषणा
इस संबंध में प्रिंसेस नोरा महिला विश्वविद्यालय ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। ड्राइविंग के अधिकार पर कानून बनाने वाले आदेश में कहा गया है कि यह शरीयत के मानकों के अनुसार होगा।
दुनिया में सऊदी एकमात्र ऐसा देश था जहां महिलाओं को गाड़ी चलाने की इजाजत नहीं थी। सऊदी किंग के आदेश को 24 जून 2018 तक प्रभावी किया जाना है।
निसान, फोर्ड आदि कंपनियों ने सऊदी महिलाओं को उनका अधिकार मिलने पर उन्हें बधाई दी है। वहां की महिलाओं और लड़कियों के लिए यह एक बड़ी खुशखबरी है।
महिला अधिकार के लिए बर्बर माने जाने वाले देश सऊदी में महिलाओं के गाड़ी चलाने संबंधी अधिकार की सुगबुगाहट के बाद से ही अब वहां महिलाओं के लिए ड्राइविंग स्कूल खोलने की घोषणा हो गई है। सऊदी अरब की एक यूनिवर्सिटी ने महिलाओं के लिए ड्राइविंग स्कूल खोलने का फैसला लिया है। इस संबंध में प्रिंसेस नोरा महिला विश्वविद्यालय ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। ड्राइविंग के अधिकार पर कानून बनाने वाले आदेश में कहा गया है कि यह शरीयत के मानकों के अनुसार होगा। सऊदी अरब में महिलाओं को कार चलाने से रोकने वाला कोई कानून नहीं है, लेकिन धार्मिक मान्यताएं इनका समर्थन नहीं करतीं। सऊदी अरब के धार्मिक प्रतिनिधियों के मुताबिक ड्राइविंग करने वाली महिलाएं सामाजिक मूल्यों का उल्लंघन करती हैं।
इस यूनिवर्सिटी में रियाद व अन्य शहरों की 60 हजार से अधिक लड़कियां पढ़ती हैं। सऊदी अरब के किंग सलमान ने गत दिनों शाही आदेश जारी कर महिलाओं के ड्राइविंग करने पर लगी रोक खत्म कर दी थी। दुनिया में सऊदी एकमात्र ऐसा देश था जहां महिलाओं को गाड़ी चलाने की इजाजत नहीं थी। सऊदी किंग के आदेश को 24 जून 2018 तक प्रभावी किया जाना है। महिलाओं को गाड़ी चलाने की आजादी मिलने के बाद दुनिया भर की कार कंपनियों में भी खुशी है। निसान, फोर्ड आदि कंपनियों ने सऊदी महिलाओं को उनका अधिकार मिलने पर उन्हें बधाई दी है। वहां की महिलाओं और लड़कियों के लिए यह एक बड़ी खुशखबरी है।
सऊदी शासन के फैसले से कारों की बिक्री में तेजी से इजाफा होने की उम्मीद है। ज्यादातर महिलाएं जनवरी 2018 के पहले कार खरीदने की इच्छुक हैं। सऊदी में अगले साल जनवरी से वैल्यू एडेड टैक्स लागू होने जा रहा है। नए शाही फरमान के तहत महिलाओं को वाहन चलाने की इजाजत देने का फैसला अगले साल जून से लागू होगा। आपको जानकर हैरानी होगी कि सऊदी दुनिया का आखिरी देश होगा जहां महिलाओं को कार चलाने की इजाजत मिली है। सऊदी के शासक सलमान बिन के शाही आदेश में आदेश को सही तरीके से लागू करने के लिए उच्चस्तरीय मंत्री स्तर की कमिटी का गठन करने कहा गया है। यह कमिटी 30 दिन के अंदर सुझाव पेश करेगी और जून 2018 तक इस आदेश को लागू किया जाएगा।
इसके पहले कार न चलाने देने के पीछे वहां के लोगों का तर्क था कि इससे महिलाओं के अंडाशय पर बुरा असर पड़ता है। पिछले ही हफ्ते सऊदी के एक धार्मिक नेता ने कहा था कि महिलाओं को गाड़ी चलाने की इजाजत नहीं मिलनी चाहिए क्योंकि उनके पास पुरुषों के मुकाबले एक चौथाई दिमाग होता है। सऊदी में महिलाओं पर कई तरह की बंदिशें लागू हैं। वहां की महिलाओं को पासपोर्ट, वीजा और बैंक में खाता खुलवाने जैसे कामों के लिए पुरुषों की इजाजत लेनी होती है। वहां के सरकारी कार्यालयों में महिलाओं के लिए अलग एंट्री गेट्स होते हैं और पुरुषों को पता ही नहीं होता है कि महिलाओं से कैसे बात करनी है। यही वजह है जिससे गाड़ी चलाने संबंधी नए आदेश को लागू करने में कई सारी दिक्कतें भी आ सकती हैं।
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