69 साल उम्र और शरीर पैरालाइज़्ड, लेकिन हर रोज़ झील से बाहर निकलते हैं प्लास्टिक कचरा
राजप्पन का शरीर घुटनों के नीचे पैरालाइज़्ड है, लेकिन अपने मजबूत हौसलों के साथ राजप्पन हर रोज़ वेंबनाड झील और कुमारकोम से प्लास्टिक कचरे को साफ करने का काम करते हैं।
उम्र बीतने के साथ अक्सर लोगों का शरीर कमजोर पड़ने लगता है और उन्हे दैनिक कामों को करने में भी परेशानी उठानी पड़ती है, लेकिन अगर आपसे कहा जाए कि अपने जीवन के लगभग सात दशक पार कर चुका शख्स जो शारीरिक तौर पर और भी कमजोर है और आज प्रकृति के लिए अपने जीवन को समर्पित कर चुका है, तो आप भी उस शख्स के बारे में जानने के लिए उत्सुक हो जाएंगे।
ये शख्स हैं 69 साल के एनएस राजप्पन, जो केरल के कोट्टयम जिले के निवासी हैं। राजप्पन पिछले 6 सालों से लगातार एक झील से कचरा साफ करने का काम कर रहे हैं।
मालूम हो कि राजप्पन का शरीर घुटनों के नीचे पैरालाइज़्ड है, लेकिन अपने मजबूत हौसलों के साथ राजप्पन हर रोज़ वेंबनाड झील और कुमारकोम से प्लास्टिक कचरे को साफ करने का काम करते हैं।
इनकी सराहना करते हुए अभिनेता रणदीप हुड्डा ने भी एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होने लिखा, “कैसे कोई अपने देश के लिए प्यार दिखा सकता है? शायद इस तरह... प्यार सिर्फ शब्दों या सोशल मीडिया पर नहीं, बल्कि काम में झलकता है... राजप्पन जी को सलाम, देशभक्ति का असली चेहरा।”
राजप्पन अपने इस काम को पूरा करने के लिए किराए पर एक नाव लेते हैं और चप्पू की मदद से उसे चलाते हैं। इस दौरान वे झील में फेंकी हुई बोतलों को इकट्ठा कर बाहर निकालते हैं।
राजप्पन एक टूटे से घर में रहते हैं, जहां उनकी बहन उन्हे खाना देती हैं। दो साल पहले आई भीषण बाढ़ ने उनका घर बुरी तरह तबाह कर दिया था, लेकिन राजप्पन ने बावजूद इसके हार नहीं मानी है।
मीडिया से हुई राजप्पन की बातचीत में उन्होने बताया है कि उन्हे एक किलो प्लास्टिक के बदले उन्हे महज 12 रुपये मिलते हैं, लेकिन उनके लिए इस कचरे को साफ करना अधिक महत्वपूर्ण है। राजप्पन अब एक बड़ी नाव चाहते हैं, जिससे वे अधिक कचरा बाहर निकाल सकें।