संदीप की हौसले वाली उड़ान, कबाड़ से बना डाली फ्लाइंग मशीन
हरियाणा के संदीप ने देसी जुगाड़ से उड़ने वाली अनोखी मशीन तैयार की है, जो एक लीटर पेट्रोल में 6 मिनट तक आसमान में उड़ती है।
2013 में संदीप का हरियाणा पुलिस में सिपाही के पद पर सलेक्शन हो गया। पुलिस में ज्वॉइनिंग होने के बाद भी संदीप का फ्लाइंग मशीन बनाने का जुनून कम नहीं हुआ। संदीर की मशीन दिखने में भले ही साधारण लगती हो, लेकिन ये उड़ान गजब की भरती है।
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यात्री विमान, लड़ाकू विमान, मालवाहक विमान, छोटे विमान, बड़े विमान हर तरह के विमान इस वक्त मार्केट में हैं। फिर भी लोगों में कुछ अलग तरह के हवाई विमान बनाने की चाह खत्म नहीं हुई है। इस बात का प्रमाण है, हरियाणा के एक छोटे से गांव में बनाई गई एक फ्लाइंग मशीन।
मानव सभ्यता की शुरूआत से ही इंसान को, पंछियों की तरह हवा में उड़ने का शौक था। वो अपने इस ख्वाब को पूरा करने के लिए प्रयास करता रहा। पक्षियों की तरह पंख लगे कई तरह के विमान वो बनाता रहा। मगर उनमें से अधिकतर उड़ान नहीं भर सके। लेकिन 17 दिसंबर 1903 को राइट बंधुओं ने एक ऐसा विमान बनाकर दिखा दिया जो उड़ सकता था। इस कीर्तिमान के बाद हवा में उड़ सकने वाले कई तरह के विमानों का आविष्कार होते रहे। यात्री विमान, लड़ाकू विमान, मालवाहक विमान, छोटे विमान, बड़े विमान हर तरह के विमान इस वक्त मार्केट में हैं। फिर भी लोगों में कुछ अलग तरह के हवाई विमान बनाने की चाह खत्म नहीं हुई है। इस बात का प्रमाण है, हरियाणा के एक छोटे से गांव में बनाई गई एक फ्लाइंग मशीन।
क्या है ये नई फ्लाइंग मशीन
हरियाणा के झज्जर जिले में सेहलंगा नाम का एक गांव है, संदीप वहीं के रहने वाले हैं। 26 वर्षीय संदीप के पिता खेती-किसानी करते हैं। संदीप ने रेवाड़ी ITI से मोटर मकेनिक की ट्रेड से पढ़ाई की और बाद में बीए (ग्रेजुएशन) किया।
संदीप ने देसी जुगाड़ से उड़ने वाली अनोखी मशीन तैयार की है। ये मशीन एक लीटर पेट्रोल में 6 मिनट तक आसमान में उड़ती है। इसे मिनी हेलीकॉप्टर या पैराग्लाईडिंग फ्लाईंग मशीन का नाम दिया गया है। संदीप ने चार साल की कड़ी मेहनत के बाद पैराग्लाईडिंग फ्लाईग मशीन को आसमान में उड़ाने में सफलता पाई है। मशीन दिखने में भले ही साधारण लगती हो, लेकिन ये उड़ान गजब की भरती है।
टंकी फुल तो 30 मिनट हवा की सैर
इस अनोखी मशीन में संदीप ने बाइक का इंजन लगाया है। इसके अलावा लकड़ी के पंखे लगाए हैं। साथ ही साथ छोटे टायर लगाए हैं। इसका मतलब ये है कि संदीप ने वही चीजें इसमें लगाई हैं, जो बाजार में आसानी से मिलते हैं। अब आपको बता दें कि ये मशीन पेट्रोल से उड़ती है। इसमें पांच लीटर का टैंक है। एक लीटर में ये मशीन छह मिनट तक उड़ती है यानी कुल मिलाकर इस मशीन की टंकी फुल होने के बाद आप 30 मिनट तक आसमान में उड़ सकते हैं।
संदीप का जुनून और शौक है हवा में उड़ना
संदीप को शुरू से ही हवा में उड़ने का शौक था और अब वो अपने मुकाम पर पहुंच गया है। हालांकि इस पहले भी उसने एक ऐसी ही मशीन तैयार की थी, लेकिन वो ट्रायल के दौरान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई थी। इसके बावजूद भी उसने हिम्मत नहीं हारी। फिर से पैरागलाडिंग फ्लांईग मशीन बनाने का निर्णय लिया और आज वो कामयाब हो ही गया। संदीप ने अपने दादा से वादा किया था कि बड़ा होकर अपने हाथ से बनाई फ्लाईंग मशीन बनाकर उनको हवा में उड़ाएंगे। फिलहाल इस मशीन में केवल एक ही व्यक्ति बैठ सकता है, लेकिन संदीप ने दावा किया है कि तीन महीने में ये मशीन तीन लोगों को लेकर उड़ेगी, जिसमें सबसे पहले वो अपने दादाजी को बैठायेगा।
संदीप की हौसले वाली उड़ान
संदीप के पिता सुरेश कुमार ने बताया कि संदीप देर रात इस मशीन को बनाता रहता था। हमारे मना करने के बावजूद भी संदीप मशीन पूरा करने में लगा रहता था। 2013 में संदीप का हरियाणा पुलिस में सिपाही के पद पर सलेक्शन हो गया। पुलिस में ज्वॉइनिंग होने के बाद भी संदीप का फ्लाइंग मशीन बनाने का जुनून कम नहीं हुआ। संदीप जब भी छुट्टी पर घर आता तभी वो अपनी मशीन के काम में लग जाता था। वहीं संदीप के दादा समुद्र सिंह ने कहा कि उन्हें पक्का विश्वास है कि संदीप उन्हें हवा में जरूर सैर करायेगा।
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