किसान के 19 वर्षीय बेटे ने बना दिया रिमोट से चलने वाला ड्राइवरलेस ट्रैक्टर
रिमोट से चलने वाला ट्रैक्टर बना दिया 19 साल के लड़के ने
इस ट्रैक्टर को बनाने के पीछे के उद्देश्य के बारे में बताते हुए योगेश कहते हैं कि उनके पिता को पीठ में दर्द होता था, जिसकी वजह से वे खेतों में काम नहीं कर पाते थे और ट्रैक्टर न चला पाने के कारण खेती सही से नहीं हो पा रही थी।
योगेश अभी बीएससी प्रथम वर्ष में पढ़ रहा है। इस तकनीक से ट्रैक्टर को रिमोट से ऑपरेट करना पड़ता है जिसे एक ऑपरेटर की जरूरत होती है, लेकिन ऑपरेटर को ट्रैक्टर पर नहीं बैठना पड़ता।
योगेश अब अपनी इस खोज को आगे ले जाना चाहता है। वह भारत सरकार से मेक इन इंडिया पहल के जरिए इसे अप्रूव करना चाहता है। उसका सपना है कि वह भारतीय सेना का लिए काम करे।
भारत में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। यही कारण है कि दूर दराज के गांवों के युवा भी ऐसी खोज कर डालते हैं कि लोगों को हैरत हो जाती है। राजस्थान के बारां जिले के बम्बौरी कलां गांव में रहने वाले योगेश नागर ने कुछ ऐसा ही कारनामा करके सबको चकित कर दिया है। इस ट्रैक्टर को बनाने के पीछे के उद्देश्य के बारे में बताते हुए योगेश कहते हैं कि उनके पिता को पीठ में दर्द होता था, जिसकी वजह से वे खेतों में काम नहीं कर पाते थे और ट्रैक्टर न चला पाने के कारण खेती सही से नहीं हो पा रही थी। अपने पिता की मदद करने के लिए योगेश ने दिमाग लगाया और काफी खोजबीन करने के बाद सैटेलाइट रिमोट की मदद से चलने वाला ट्रैक्टर बना डाला।
जब उन्होंने देखा कि उनकी तकनीक सही दिशा में काम कर रही है तो उन्होंने अपने दोस्तों और पिता से 50,000 रुपये जुटाए और रिमोट डिजाइन कर लिया। इसे देखकर गांव के बाकी किसान भी अपने ट्रैक्टरों में इसे लगवाना चाहते हैं। योगेश के पिता रामबाबू नागर अपनी 15 बीघा जमीन पर खेती व मजदूरी कर परिवार का पालन कर रहे हैं। ट्रैक्टर चलाने की वजह से उनकी पीठ में तकलीफ रहती थी जिससे वह काम नहीं कर पाते थे। उनकी तकलीफ देखकर ही योगेश ने रिमोट से ट्रैक्टर चलाने की तकनीक ढूंढी और ऐसा रिमोर्ट तैयार किया जिससे ट्रैक्टर चलाने के लिए किसी ड्राइवर की जरूरत नहीं होती।
योगेश अभी बीएससी प्रथम वर्ष में पढ़ रहा है। इस तकनीक से ट्रैक्टर को रिमोट से ऑपरेट करना पड़ता है जिसे एक ऑपरेटर की जरूरत होती है, लेकिन ऑपरेटर को ट्रैक्टर पर नहीं बैठना पड़ता। इसे खेत के बाहर से भी ऑपरेट किया जा सकता है। इस रोबोटिक ट्रैक्टर बनाने के लिए उसने ट्रैक्टर पर दो सिग्नल लगाए हैं ताकि उसे रिमोट से कनेक्ट किया जा सके। योगेश ने बताया कि रिमोट से ट्रैक्टर चलाने की तकनीक को विकसित करने के लिए कुछ उपकरण उसने खुद बनाए थे और कुछ बाजार से खरीदे। उसने बताया कि इसे बनाने में लगभग 47 हजार रुपये खर्च हो गए।
इस रिमोट की कवरेज दायरा एक से डेढ़ किलोमीटर है। उसने इसके लिए एक ऑटो पैनल तैयार किया जिससे सिंग्नल देकर ट्रैक्टर को बिना चालक के ही चलाया जा सके। इससे खेत में एक जगह बैठकर रिमोट से ट्रैक्टर चलाकर हंकाई-जुताई की जा सकती है। इसे बनाने में योगेश को 3 से 4 महीने का समय लगा है। योगेश अब अपनी इस खोज को आगे ले जाना चाहता है। वह भारत सरकार से मेक इन इंडिया पहल के जरिए इसे अप्रूव करना चाहता है। उसका सपना है कि वह भारतीय सेना का लिए काम करे।
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