क्या विकास की दौड़ जीत रही है साईकिल...
जनसंख्या के लिहाज देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तरप्रदेश कई मायनों में अन्य राज्यों से जुदा है। यहां की भौगौलिक बनावट, रहन-सहन, संस्कृति, रीति-रिवाज, बोलचाल, वेश-भूषा इसे औरों से अलहदा करती है। राजनीति के लिहाज से भी यूपी औरों से अलग है, कहते हैं दिल्ली की कुर्सी का रास्ता यूपी से होकर जाता है। इस कहावत को हकीकत में तब्दील होते हुए कई बार देखा है, देश को सबसे ज्यादा प्रधानमंत्री यूपी ने दिया है।
संस्कृति, सभ्यता और संसाधन से लबरेज यूपी तमाम खूबियों के बावजूद विकास की दौड़ में पीछे क्यों रह गया? कलम की नोक से इस सवाल को कुरेदने पर उत्तर मिला कि नहीं यूपी बदल रहा है। आज यहां मेट्रो से लेकर साईकिल ट्रैक, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे, मेदान्ता मेडिसिटी से लेकर आईटी सिटी, अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम से लेकर साईकिल ट्रैक सब कुछ बन गया है, यानि यूपी बदल गया है। सुबह-शाम साईकिल ट्रैक पर फर्राटा भरते हुए युवा दिखाई देते हैं। पूछने पर कहते हैं, पत्थर नहीं जीवन चाहिए। निर्जीव मूर्तियों वाले पार्क के बजाय जनेश्वर मिश्र जैसा पार्क चाहिए जहां हरियाली है, जीवन है, उपवन है।
ऐसा पर्यटन स्थल नहीं चाहिए जिसे बनाने के लिए हजारों पेड़ों की बलि देनी पड़े। ऐसा पर्यटन चाहिए जिससे राज्य की हरियाली बनी रहे। यूपी के हर जन के लिए वो दिन गौरवपूर्ण था, जिस दिन एक दिन में सर्वाधिक पेड़ लगाए जाने के लिए राज्य को गिनीज बुक का तमगा मिल गया।
फिर सवाल उठता है कि आखिरकार पिछली सरकार जनता से थी या जनता पर थी। ‘जनता पर’ यानि जनहित की अनदेखी, तभी तो सरकार के फैसलों में जनहित हाशिए पर था। बहरहाल मौजूदा दौर की बात करें तो राज्य में अमूल, मदर डेयरी, सैमसंग और एलजी जैसी कंपनियां निवेश कर रही हैं। सरकार ने पर्यटन को इंडस्ट्री का दर्जा दिलाकर देश का ध्यान आकर्षित करने में सफलता हासिल की है। लोकतंत्र में जनता जनार्दन है, सजीव और निर्जीव में फर्क बखूबी जानती है लिहाजा मूल्यांकन जनता पर छोड़ देना चाहिए, विकास के मापदण्ड पर कौन खरा उतरता है इसके लिए पेश हैं कुछ बुनियादी तत्व।
कृषि
कृषि क्षेत्र की बात की जाए तो मौजूदा सरकार ने किसानों के हित से जुड़े कई अहम फैसले लिए हैं। इसमें मुफ्त सिंचाई एक महत्वपूर्ण विषय हैं, इस योजना के अंतर्गत अब तक किसानों पर बकाया 700 करोड़ रुपए का आबपाशी शुल्क माफ किया जा चुका है। एकतरफ पूरे देश में किसान कर्ज के कारण आत्महत्या करने पर मजबूर हैं वहीं उत्तरप्रदेश सरकार ने सहकारी ग्राम विकास बैंक से किसानों द्वारा लिए गए 50 हजार रुपए तक के कर्ज माफ कर मिसाल कायम कर दिया है। आंकड़ों पर गौर करें तो ऋण माफी योजना के तहत 7, 86,000 किसानों इस योजना से लाभ पा चुके हैं। मौजूदा सरकार किसानों के लिए कृषक दुर्घटना बीमा योजना चला रही है, इसके तहत प्रति व्यक्ति अधिकतम आवरण राशि एक लाख रुपए से बढ़ाकर पांच लाख रुपए कर दी गई है। इस योजना से अब तक 21 हजार से अधिक कृषक परिवारों को लगभग 1000 करोड़ रुपए की सहायता दी जा चुकी है।
चिकित्सा
समाजवादी पार्टी के पितामह डॉ0 राम मनोहर लोहिया ने कहा था- ‘रोटी, कपड़ा सस्ती हो, दवा, पढ़ाई मुफ्ती हो’ पार्टी का वर्तमान नेतृत्व इसी फॉर्मूले पर काम कर रहा है। इसकी बानगी देखने के लिए मौजूदा सरकार के आंकड़ों पर गौर करना होगा, प्रदेश में गंभीर/असाध्य रोगों (किडनी, लिवर, हृदय व कैंसर) से ग्रसित निर्धन वर्ग के लोगों के लिए मुफ्त इलाज दिया जा रहा है। बी0पी0एल0 कार्ड धारकों का समस्त उपचार एवं परीक्षण निःशुल्क किया जा रहा है। इतना ही नहीं बी0पी0एल0 श्रेणी के मरीजों को इलाज के लिए मुख्यमंत्री कोष से आर्थिक सहायता दिए जाने की भी व्यवस्था है। प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में मरीजों को दवा, एक्सरे, पैथोलॉजी जांचें तथा अल्ट्रासाउण्ड की सुविधा भी पूरी तरह से मुफ्त उपलब्ध कराई जा रही है। राज्य के सभी हॉस्पिटल्स में भर्ती होने वाले रोगियों का भर्ती शुल्क खत्म कर दिया गया है।
शिक्षा
शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा किसी भी सभ्य समाज की रीढ़ होती है। शिक्षा में प्राईमरी एजुकेशन, माध्यमिक, उच्च, प्राविधिक और चिकित्सा शिक्षा की श्रेणी शामिल होती है। मौजूदा सरकार ने हर श्रेणी को बढ़ावा देने के लिए फैसले लिए हैं। बेसिक शिक्षा की बात करें तो अध्यापकों की कमी को दूर करने के लिए बी0टी0सी/ विशिष्ट बी0टी0सी0/मोअल्लिम के 18,127 शिक्षकों की नियुक्ति संपन्न की जा चुकी है। 15,000 अध्यापकों की नियुक्ति प्रक्रिया जारी है। टी0ई0टी0 प्रशिक्ष 60,000 शिक्षकों की नियुक्ति हो चुकी है। साथ ही उच्च प्राथमिक में गणित और विज्ञान के 29 हजार से ज्यादा अध्यापकों की नियुक्ति भी की जा चुकी है।
युवाओं को रोजगारपरक ट्रेनिंग
किसान और नौजवान वर्तमान सरकार की प्राथमिकता में शामिल हैं। प्रदेश में नौजवानों को तरह-तरह के व्यवसायों हेतु ट्रेन्ड करने के लिए कौशल विकास मिशन की स्थापना की गई है। इसके तहत 14 से 45 साल की उम्र के लोगों को ट्रेनिंग की व्यवस्था की गई है। अब तक एक लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार भी दिया जा चुका है। कौशल विकास मिशन के तहत बेहतरीन परफॉर्मेंस पर भारत सरकार ने राज्य को अवॉर्ड भी दिया है।
महिला सुरक्षा
महिला सुरक्षा के लिए राज्य सरकार बेहद संवेदनशील है। सरकार द्वारा शुरू की गई 1090 महिला पॉवरलाइन के जरिए 3.88 लाख से अधिक शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है। इस नंबर के जरिए महिलाओं को आपत्तिजनक फोन कॉल्स, एसएमएस, एमएमएस की समस्या से काफी हद तक छुट्टी मिल गई है। इतना ही नहीं आगामी अक्टूबर महीने से राज्य सरकार की डायल-100 परियोजना भी शुरू होने जा रही है। जिसके शुरू होने के बाद पुलिस का रिस्पॉन्स टाइम काफी कम हो जाएगा। यानि 100 नंबर डायल करते ही बेहद कम समय में पुलिस मौके पर पहुंचेगी।
समाजवादी पेंशन योजना
प्रदेश सरकार ने ऐसे लोगों के लिए इस स्कीम को शुरू किया है जिनके पास आय का कोई साधन नहीं है। योजना के तहत 500 रुपए प्रति महीने पेंशन दिया जाता है, खास बात है कि योजना का लाभ सीधे लाभार्थी को मिले इसके लिए पेंशन सीधे उसके खाते में दी जाती है। योजना के तहत 45 लाख परिवारों को लाभान्वित किया जा चुका है। योजना की खास बात ये है कि हर साल 50 रुपए की वृद्धि की जाती है।
विद्युत आपूर्ति में सुधार
राज्य से अंधेरा मिटाने के लिए मौजूदा सरकार ने विस्तृत योजना तैयार की है। इसके अंतर्गत अक्टूबर 2016 से ग्रामीण क्षेत्रों में कम से कम 14 से 16 घण्टे तथा शहरी क्षेत्रों में 22 से 24 घण्टे तक विद्युत आपूर्ति करने का लक्ष्य तय किया गया है। आगामी दिनों में बारा, ललितपुर और श्रीनगर परियोजना से 4000 मेगावॉट तथा अनपरा डी परियोजना से 1000 मेगावॉट बिजली मिलने लगेगी। इसके अलावा कई अन्य परियोजनाओं से भी बिजली उत्पादन बढ़ाने के लिए तैयारी की गई है। ताकि राज्य में अबाध बिजली आपूर्ति होने लगे।
लोहिया ग्रामीण आवास योजना
लोहिया ग्रामीण आवास योजना ऐसे ग्रामीण परिवारों को निःशुल्क आवास उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई है, जिनके पास घर नहीं है, साथ ही जिनकी सालाना आय 36,000 रुपए से कम है। योजना के अंतर्गत पात्र परिवार को सरकार की ओर से 3,05,000 रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती है। इन घरों में बिजली आपूर्ति के लिए सोलर लाइट का बंदोबस्त किया गया है। अब तक एक लाख से ज्यादा लोगों को इस योजना के तहत लाभान्वित किया जा चुका है।
मेट्रो परियोजना
जनसामान्य को बेहतर परिवहन सुविधा उपलब्ध कराए जाने हेतु मेट्रो रेल परियोजना का काम तेजी से जारी है। लखनऊ की बात करें तो यहां प्रथम चरण में अमौसी एयरपोर्ट से मुंशी पुलिया तक के मार्ग का काम काफी तेजी से हो रहा है। इसके बाद सेकेण्ड फेज का काम शुरू होगा। लखनऊ के अलावा वाराणसी, कानपुर और आगरा में मेट्रो दौड़ाने की तैयारी पूरी कर ली गई है। डीपीआर तैयार करके इन शहरों में मेट्रो के काम को तेजी से आगे बढ़ाने की तैयारी की जा रही है।
राज्य में बिछा सड़कों का जाल
अमेरिका ने सड़कें बनाईं, सड़कों ने अमेरिका को बनाया। वर्तमान सरकार कुछ इसी फॉर्मेट पर काम कर रही है। एक बाद के एक सड़कें बनाकर पूरे राज्य में सड़कों का बड़ा नेटवर्क खड़ा कर दिया है। देश का सबसे लंबा, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे आगामी अक्टूबर महीने से शुरू होने जा रहा है। 300 कि0मी0 लंबी 6 लेन के इस हाईवे को 15,000 करोड़ की लागत से तैयार किया जा रहा है। यह परियोजना देश की सबसे लंबी ग्रीन फील्ड परियोजना है। इस एक्सप्रेस-वे पर चार डेवलपमेंट सेंटर दो कृषि मंडियां स्थापित की जाएंगी। गौरतलब है कि एक्सप्रेस-वे राज्य के 10 जिलों से होकर गुजरेगा। जिला मुख्यालयों को फोर-लेन से जोड़ने की योजना भी प्रचलित है। इसके साथ ही हमीरपुर-कालपी फोर लेन, बदायूं-बरेली फोर लेन, बहराइच-भिनगा फोर लेन जैसी कई परियोजनाओं का लोकार्पण हो चुका है।
सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में मिसाल गढ़ता उत्तरप्रदेश
हम सूचना एवं क्रांति के युग में जी रहे हैं। जिंदगी का हर फलसफा इससे कहीं ना कहीं जुड़ा है। उत्तरप्रदेश में मौजूद सरकार ने इस दिशा में मिसाल गढ़ दिया है। लखनऊ स्थित चक गंजरिया फॉर्म को सी0जी0 सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसमें आई0टी0 सिटी एवं आई0टी0 पार्क सहित आई0आई0आई0टी, मेडिसिटी, सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, एडमिनिस्ट्रेशन एकेडमी, डेयरी प्रोसेसिंग प्लाण्ट तैयार किया जा रहा है।
निवेश को बढ़ावा
राज्य सरकार की बेहतर नीतियों का नतीजा हर क्षेत्र में मिलने लगा है। निवेश की बात करें तो कई बड़ी कंपनियां राज्य में इनवेस्ट करने के लिए आगे आई हैं, इनमें अमूल, मदर डेयरी, सैमसंग, एलजी, जैक्सन पॉवर और एचसीएल जैसे कुछ प्रमुख नाम हैं। जिनके आने से एक तरफ निवेश बढ़ेगा दूसरी ओर राज्य के नौजवानों को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। इससे राज्य की अर्थव्यवस्था में समूल वृद्धि होगी।
लेखक - वृजनंदन चौबे