टैल्कम पाउडर का इस्तेमाल करते हैं तो सावधान, हो सकता है कैंसर
अमेरिका में हाल ही में महिला ने जॉनसन एंड जॉनसन पर आरोप लगाया कि कंपनी के पाउडर के इस्तेमाल से उसे गर्भाशय का कैंसर हो गया। इसके बाद मामला कोर्ट में पहुंचा और कोर्ट ने कंपनी पर 27 अरब रुपये का भारी भरकम जुर्माना ठोंक दिया।
कनाडा के पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट ने रिस्क हेल्थ असेसमेंट ड्राफ्ट ऑन टैल्क जारी किया है। ड्राफ्ट के अनुसार टैल्कम पाउडर फेफड़ों के लिए खतरनाक है। दूसरी ओर अगर इसका इस्तेमाल महिलाएं करेंगी तो उन्हें गर्भाशय के कैंसर का खतरा रहता है।
भारत में टैल्कम पाउडर का इस्तेमाल बहुतायत मात्रा में होता है। ग्रामीण और शहरी इलाकों दोनों जगह इसे पसीना सुखाने, खुशबू और गोरेपन के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन हाल ही में अमेरिका में इस बात की चर्चा रही है कि इन टैल्कम पाउडर से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का खतरा उत्पन्न हो सकता है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि सौंदर्य और चिकित्सा और सौंदर्य उत्पाद बनाने वाली कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन के कुछ उत्पादों में एस्बैस्टस मिलने के संकेत मिले हैं। आपको बता दें कि एस्बैस्टस से कैंसर होने का खतरा होता है।
दरअसल अमेरिका में हाल ही में महिला ने जॉनसन एंड जॉनसन पर आरोप लगाया कि कंपनी के पाउडर के इस्तेमाल से उसे गर्भाशय का कैंसर हो गया। इसके बाद मामला कोर्ट में पहुंचा और कोर्ट ने कंपनी पर 27 अरब रुपये का भारी भरकम जुर्माना ठोंक दिया। ऐसा आरोप एक महिला ने नहीं बल्कि 22 महिलाओं द्वारा लगाया गया था। वहीं न्यूज एंजेसी रॉयटर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि जॉनसन एंड जॉनसन को कई सालों से पता था यह बात पता थी कि उसके बेबी पाउडर में एस्बेस्टस की मिलावट पाई गई।
भारत में औषधि नियंत्रण नियामक संस्था सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गैनाइजेशन (CDSCO) ने इस अमेरिकी कंपनी के उत्पादों की जांच करने का फैसला किया है। इस जांच में यह जानने की कोशिश की जाएगी कि क्या जॉनसन एंड जॉनसन के उत्पादों में एस्बेस्टस की उपस्थिति है जिससे कि कैंसर होने का खतरा होता है। हालांकि कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा है कि उसके उत्पाद पूरी तरह से सुरक्षित हैं और इनसे किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होता है।
कंपनी द्वारा जारी बयान में कहा गया, 'CDSCO और स्थानीय FDA के अधिकारी निरीक्षण करने के लिए आए और हमने उन्हें टेस्ट सैंपल देने के साथ ही उनका पूरा सहयोग दिया।' कंपनी द्वारा यह भी कहा गया कि कंपनी पर छापा मारने या औचक निरीक्षण करने जैसी बातें गलत हैं और यह निरीक्षण पूरी तरह से नियमों के मुताबिक था।
मिशिगन में कैंसर पर शोध करने वाले डॉक्टर आदिल अख्तर के मुताबिक एस्बैस्टस के कैंसर होता है। उनका कहना है, 'मैं किसी को ऐसे प्रोडक्ट इस्तेमाल करने की सलाह नहीं दूंगा जिसमें एस्बेस्टस की उपस्थिति हो।' उन्होंने बताया 'एस्बेस्टस पहले कार्सिनोजेन तत्व में परिवर्तित होता है जो कि सूक्ष्म फाइबर्स के कण के रूप में होता है। अगर एस्बेस्टस के ये कण सांस के द्वारा फेफड़ों तक पहुंच जाएं तो फिर ये इंसान के रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करते हैं। इससे फेफड़ों में धब्बे पड़ जाते हैं।'
कनाडा के पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट ने रिस्क हेल्थ असेसमेंट ड्राफ्ट ऑन टैल्क जारी किया है। ड्राफ्ट के अनुसार टैल्कम पाउडर फेफड़ों के लिए खतरनाक है। दूसरी ओर अगर इसका इस्तेमाल महिलाएं करेंगी तो उन्हें गर्भाशय के कैंसर का खतरा रहता है। ड्राफ्ट पर जनता का विचार मांगा गया है। मुमकिन है कि कनाडा इसको विषैले पदार्थ की सूची में डाल दे। भारत में इसका बाजार 700 करोड़ रुपये है।
दरअसल टैल्क एक क्ले मिनरल होता है जिसमें हाइड्रेटड मैग्नीशियम सिलिकेट पाया जाता है। इसका प्रयोग कॉस्मेटिक्स, पेंट्स और सिरेमिक में किया जाता है। अमेरिका के पीडियाट्रिक्स एकैडमी ने भी स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के तहत बेबी पाउडर के प्रयोग के संबंध में चेतावनी दी है। साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के मुताबिक टैल्कम पाउडर का इस्तेमाल इंसानों में कैंसर का कारण बन सकते हैं।
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