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जानिए 'नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन' की खास बातें, जिसे पीएम मोदी ने हाल ही में लॉन्च किया था

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को देश के 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए 'नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन' की घोषणा की थी।

जानिए 'नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन' की खास बातें, जिसे पीएम मोदी ने हाल ही में लॉन्च किया था

Monday August 17, 2020 , 4 min Read

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते शनिवार को 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर अपने भाषण में 'नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन' (राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य मिशन) के रूप में एक बड़ी डिजिटल पहल की घोषणा की।


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74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन की घोषणा की


उन्होंने कहा कि परियोजना देश के प्रत्येक व्यक्ति को एक हेल्थ आईडी प्रदान करेगी, और गरीबों को लाभान्वित करेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि एक चिकित्सक ने जो भी दवा निर्धारित की थी, वह कब निर्धारित की गई थी, क्या रिपोर्ट्स क्या थी - यह सभी जानकारी एक व्यक्ति के हेल्थ आईडी से जुड़ी होगी।


यह आयुष्मान भारत की तरह सरकार का एक अन्य प्रमुख अभियान है।

क्या है नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन ?

सरकार के थिंक टैंक NITI Aayog द्वारा 2018 में प्रस्तावित राष्ट्रीय स्वास्थ्य स्टैक के लिए एक रूपरेखा तैयार करने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय के पैनल द्वारा मिशन का राष्ट्रीय डिजिटल हेल्थ ब्लूप्रिंट तैयार किया गया था। यह मिशन व्यापक स्तर पर डेटा और इन्फ्रास्ट्रक्चर सर्विसेज के माध्यम से एक कुशल और सस्ती स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करेगा।


इस मिशन की प्रमुख विशेषता टेक्नोलॉजी है - यह सभी के लिए उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए खुले डिजिटल सिस्टम का लाभ उठाएगा। यह एक इको सिस्टम बनाने के लिए विभिन्न डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं को एकीकृत करेगा जो मौजूदा स्वास्थ्य सूचना प्रणालियों को आत्मसात कर सकता है।


सरकार ने कहा है कि वह व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित करेगी।


केंद्र शासित प्रदेशों चंडीगढ़, लद्दाख, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव, पुडुचेरी, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप में पायलट लॉन्च के माध्यम से इस योजना को 15 अगस्त से शुरू कर दिया गया है।



क्या है हेल्थ आईडी ?

देश के प्रत्येक व्यक्ति को एक डिजिटल हेल्थ आईडी मिलेगी जो मूल रूप से उसके सभी हेल्थ रिकॉर्ड्स का एक डिजिटल प्रारूप है जो देश भर के डॉक्टरों और स्वास्थ्य सुविधाओं की रजिस्ट्री से जुड़ा होगा।


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सांकेतिक फोटो (साभार: shutterstock)

स्वास्थ्य सेवा वितरण की दक्षता, प्रभावशीलता और पारदर्शिता में सुधार के लिए प्लेटफॉर्म की योजना बनाई गई है। हेल्थ आईडी वेबसाइट के मोबाइल एप्लिकेशन के रूप में होगी।


सरकार ने विभिन्न हितधारकों से प्रतिक्रिया और सुझाव मांगे थे जो पहल का एक हिस्सा होगा। सरकार ने कहा है कि पहल में नामांकन स्वैच्छिक होगा।


केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने पिछले साल ब्लूप्रिंट लॉन्च करते हुए कहा था कि सरकार ने आयुष्मान भारत योजना और अन्य आईटी-सक्षम योजनाओं जैसे प्रजनन बाल स्वास्थ्य सेवा, और NIKSHAY को लॉन्च करके इतिहास में एक पहचान बनाई है।


NDHM में छह प्रमुख बिल्डिंग ब्लॉक्स या डिजिटल सिस्टम शामिल हैं, HealthID, DigiDoctor, हेल्थ फैसिलिटी रजिस्ट्री, पर्सनल हेल्थ रिकॉर्ड्स, ई-फार्मेसी और टेलीमेडिसिन - जो एक ‘नागरिक-केंद्रित’ दृष्टिकोण के माध्यम से समय पर, सुरक्षित और सस्ती हेल्थकेयर तक पहुंचने में सक्षम होंगे। ई-फार्मेसी और टेलीमेडिसिन को छोड़कर इन सभी डिजिटल उत्पादों को तैनात किया गया है और ये चल रहे हैं।



ये है मिशन की खास बातें

यहां जानिए 'नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन' की खास बातें-

NDHM हर भारतीय के लिए व्यक्तिगत स्वास्थ्य आईडी, स्वास्थ्य रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण के साथ-साथ पूरे देश में डॉक्टरों और स्वास्थ्य सुविधाओं की एक रजिस्ट्री के साथ फुल डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम है।

  • डिजिटल प्लेटफॉर्म चार प्रमुख विशेषताओं- हेल्थ आईडी, व्यक्तिगत स्वास्थ्य रिकॉर्ड, डिजी डॉक्टर और स्वास्थ्य सुविधा रजिस्ट्री के साथ लॉन्च किया गया है।
  • यह आईडी राज्यों, अस्पतालों, डायग्नॉस्टिक लैबोरेट्रीज़ और फार्मेसियों में लागू होगी।
  • बाद के चरण में, इसमें ई-फार्मेसी और टेलीमेडिसिन सेवाएं भी शामिल होंगी, जिसके लिए नियामक दिशानिर्देश तैयार किए जा रहे हैं।
  • प्लेटफ़ॉर्म स्वैच्छिक है क्योंकि यह ऐप पर नामांकित होने के लिए एक व्यक्ति पर निर्भर होगा।
  • व्यक्ति द्वारा ऑथराइजेशन के बाद ही स्वास्थ्य रिकॉर्ड साझा किए जाएंगे। इसी तरह, यह एप्लिकेशन के लिए विवरण प्रदान करने के लिए अस्पतालों और डॉक्टरों पर निर्भर होगा।
  • डिजी डॉक्टर विकल्प देश भर के डॉक्टरों को उनके संपर्क नंबर सहित उनके विवरणों को नामांकन करने की अनुमति देगा, यदि वे उन्हें प्रदान करना चाहते हैं, तो वे उपलब्ध होंगे। इन डॉक्टरों को मुफ्त में डिजिटल हस्ताक्षर भी सौंपे जाएंगे जिनका उपयोग पर्चे लिखने के लिए किया जा सकता है।
  • हालांकि, सरकार को लगता है कि ऐप की उपयोगिता व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करेगी।
  • आयुष्मान भारत को बनाने वाली एजेंसी एनएचए ने ही यह प्लेटफॉर्म बनाया है, जो एक ऐप और वेबसाइट के रूप में उपलब्ध होगा।
  • वित्त मंत्रालय ने प्रस्ताव के लिए 470 करोड़ रुपये के बजट को मंजूरी दी है, लेकिन अंतिम एनएचए प्रस्ताव 400 करोड़ रुपये तक हो सकता है।