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बस हादसे में 15 स्कूली बच्चों की बचाई जान, पीएम मोदी करेंगे वीरता पुरस्कार से सम्मानित

अपनी जान की परवाह न करके इस लड़के ने बचाई 15 स्कूली बच्चों की जान, अब होंगे सम्मानित...

बस हादसे में 15 स्कूली बच्चों की बचाई जान, पीएम मोदी करेंगे वीरता पुरस्कार से सम्मानित

Saturday January 20, 2018 , 3 min Read

पंजाब के अमृतसर के रहने वाले करणबीर सिंह को दुर्घटनाग्रस्त स्कूल बस से 15 बच्चों को बचाने के लिए राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाने वाला है। इस साल गणतंत्र दिवस पर उन्हें 18 बच्चों के साथ बहादुरी अवॉर्ड दिया जाएगा। इस हादसे में 7 बच्चों की जान चली गई थी। यह हादसा पूरी तरह ड्राइवर की लापरवाही से हुआ था। बस में करणवीर और उसकी बहन जैसमीन कौर भी थी। करण ने कुल 15 बच्चों को सही सलामत बस के बाहर निकाला था...

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जिस वक्त बस पानी में गिरी थी उसमें करण भी बस में सवार था। उसने अपनी जान की परवाह न करते हुए बाकी फंसे बच्चों को बस से बाहर निकाला था। यह घटना सितंबर 2016 की है। अमृतसर से 35 किलोमीटर दूर महवा गांव के पास स्कूली बच्चों को ले जा रही बस अनियंत्रित होकर बिना रेलिंग वाले पुल से नीचे गिर गई थी। स्कूल में डीएवी पब्लिक स्कूल नेश्टा के बच्चे सवार थे।

पंजाब के अमृतसर के रहने वाले करणबीर सिंह को दुर्घटनाग्रस्त स्कूल बस से 15 बच्चों को बचाने के लिए राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाने वाला है। इस साल गणतंत्र दिवस पर उन्हें 18 बच्चों के साथ बहादुरी अवॉर्ड दिया जाएगा। जिस वक्त बस पानी में गिरी थी उसमें करण भी बस में सवार था। उसने अपनी जान की परवाह न करते हुए बाकी फंसे बच्चों को बस से बाहर निकाला था। यह घटना सितंबर 2016 की है। अमृतसर से 35 किलोमीटर दूर महवा गांव के पास स्कूली बच्चों को ले जा रही बस अनियंत्रित होकर बिना रेलिंग वाले पुल से नीचे गिर गई थी। स्कूल में डीएवी पब्लिक स्कूल नेश्टा के बच्चे सवार थे।

करण ने बताया कि उस वक्त ड्राइवर सही से बस नहीं चला रहा था। उसने बताया, 'मैंने ड्राइवर से कई बार कहा था कि बस को सही से चलाए क्योंकि आगे काफी संकरा पुल था। लेकिन उसने मेरी बात नहीं मानी। कुछ ही पल बाद हादसा हो ही गया। बस का अगला टायर हवा में उछला और बस सीधे पुल के नीचे।' करण ने बताया कि उसने तुरंत बस के सारे आपातकालीन रास्तों को खोल दिया और बच्चों को बाहर निकालने का प्रयास करने लगा।

उस गंभीर हादसे में 7 बच्चों की जान चली गई थी। यह हादसा पूरी तरह ड्राइवर की लापरवाही से हुआ था। बस में करणवीर और उसकी बहन जैसमीन कौर भी थी। करण ने कुल 15 बच्चों को सही सलामत बस के बाहर निकाला था। 12वीं में पढ़ने वाले करण इन दिनों में दिल्ली में हैं। उसने कहा कि उस वक्त बच्चों को बचाना उनकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी थी जिसे उन्होंने अच्छे से निभाया। पुरस्कार प्राप्त करने की खबर सुनकर वो काफी खुश और उत्साहित भी है। किसान देवेंद्र सिंह का बेटा करण आर्म्ड फोर्सेज में जाकर देश की सेवा करना चाहता है।

हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर बहादुरी का काम करने वाले बच्चों को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इस बार ये पुरस्कार 18 बच्चों को दिया जा रहा है जिनमें 11 लड़के और 7 लड़कियां शामिल हैं। तीन बच्चों को उनके अप्रतिम साहस के लिए मरणोपरांत राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से नवाजा जाएगा। पुरस्कार को पांच श्रेणियों में विभाजित किया गया है। जिसमें भारत पुरस्कार, गीता चोपड़ा पुरस्कार, संजय चोपड़ा पुरस्कार, बापू गैधानी पुरस्कार और सामान्य राष्ट्रीयता पुरस्कार। ये पुरस्कार 24 जनवरी को पीएम मोदी के हाथों दिया जाएगा। करणबीर को संजय चोपड़ा पुरस्कार दिया जाएगा।

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