Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Youtstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

पिता की अनुपस्थिति में कड़े संघर्ष से की पढ़ाई, पहले प्रयास में ही बने सीए टॉपर मोहित गुप्ता

फर्स्ट अटैंप्ट में CA की परीक्षा टॉप करने वाले मोहित गुप्ता...

पिता की अनुपस्थिति में कड़े संघर्ष से की पढ़ाई, पहले प्रयास में ही बने सीए टॉपर मोहित गुप्ता

Friday January 19, 2018 , 4 min Read

मोहित और उनके भाई का जब रिजल्ट आया तो उन्होंने सबसे पहले अपनी मां को यह खबर दी, यह सुनकर उनकी आंखों में आंसू आ गए। मोहित के पिता नहीं हैं, जब मोहित सात साल के थे तभी उनके पिता का देहांत हो गया था।

मोहित गुु्प्ता (फोटो साभार- फेसबुक)

मोहित गुु्प्ता (फोटो साभार- फेसबुक)


 मोहित शुरू से ही पढ़ने में काफी मेधावी रहे हैं 2012 में उन्होंने 95.6% के साथ 12वीं पास की। मोहित ने अपनी सफलता के राज खोलते हुए बताया कि उन्होंने कभी भी टॉप के बारे में सोचकर पढ़ाई नहीं की।

बीते दिनों सीए की फाइनल परीक्षा का रिजल्ट आ गया है जिसमें हरियाणा के रहने वाले मोहित गुप्ता ने टॉप किया है। मोहित को 800 में से 587 (73.38%) अंक मिले। मोहित के साथ ही उनके छोटे भाई शुभम ने भी इस परीक्षा में 44वीं रैंक हासिल की, उन्हें 485 नंबर मिले। मोहित और उनके भाई की कामयाबी पर उनके घरवाले खुशी मना रहे हैं और उन पर गर्व भी कर रहे हैं, लेकिन उनकी जिंदगी के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर भी रोशनी डालना जरूरी है। जिस परिस्थितियों और हालात में मोहित ने सफलता हासिल की है वह वाकई प्ररेणा का स्रोत बन सकती है।

मोहित और उनके भाई का जब रिजल्ट आया तो उन्होंने सबसे पहले अपनी मां को यह खबर दी, यह सुनकर उनकी आंखों में आंसू आ गए। मोहित के पिता नहीं हैं, जब मोहित सात साल के थे तभी उनके पिता का देहांत हो गया था। उनकी मां ने पिता की अनुपस्थिति में दुकान चलाकर अपने बेटों को पढ़ाया लिखाया। मोहित ने 8वीं तक की पढ़ाई श्री शक्ति मिशन स्कूल से की उसके बाद 12वीं तक की पढ़ाई आर एस स्कूल से की। मोहित ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज से बी.कॉम और एम. कॉम. किया है। अभी वह गुड़गांव में एक सीए के साथ काम कर रहे हैं और उनका भाई दिल्ली के रोहिणी में जॉब करता है।

मोहित ने अपने पहले ही प्रयासों में सीए की फाइनल परीक्षा पास की है। मोहित ने इससे पहले आईपीसीसी में भी 22 रैंक पाई थी। वो डीयू के रामजस कॉलेज में वे बीकॉम ऑनर्स के टॉपर भी रहे हैं। मोहित शुरू से ही पढ़ने में काफी मेधावी रहे हैं 2012 में उन्होंने 95.6% के साथ 12वीं पास की। मोहित ने अपनी सफलता के राज खोलते हुए बताया कि उन्होंने कभी भी टॉप के बारे में सोचकर पढ़ाई नहीं की। वे बस मन लगाकर पढ़ते रहे और एग्जाम के रिजल्ट उनकी मेहनत की कहानी को बयां करते रहे। मोहित पढ़ाई के लिए आईसीएआई की किताबों के अलावा किसी और किताबों पर निर्भर नहीं रहे।

मोहित ने कई सोर्स से पढ़ाई करने की बजाय एक ही सोर्स को कई बार रिवाइज किया। आजकल सोशल मीडिया का हमारी जिंदगी में बड़ा रोल हो गया है। हर कोई सोशल मीडिया पर अपना काफी कीमती समय बर्बाद कर देता है। स्टूडेंट के लिए तो समय बचाना और भी कीमती हो जाता है इसलिए मोहित ने इससे दूरी बही बनाए रखी। उन्होंने बताया कि वह हर रोज 6 घंटे की पढ़ाई करते थे और इस बीच वे सिर्फ और सिर्फ पढ़ाई पर फोकस्ड रहते थे। उन्होंने पढ़ाई का आकलन करने के लिए खूब सारे टेस्ट पेपर भी सॉल्व किए। मोहित बताते हैं कि प्रतियोगी छात्र सिर्फ पढ़ाई में ही लगे रह जाते हैं, जबकि तैयारी का आकलन करने के लिए टेस्ट पेपर हल करना भी जरूरी होता है।

सीए फाइनल एग्जाम के लिए ग्रुप -I टेस्ट के लिए कुल 39,328 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी जिसमें से 15.91% ही पास हुए वहीं ग्रुप- II टेस्ट में कुल 39,753 छात्र बैठे थे, उसमें से 15.11% ने फाइनल परीक्षा पास की। पहले स्थान पर मोहित के अलावा दूसरे स्थान पर दिल्ली के प्रशांत और तीसरे स्थान पर आदित्य मित्तल ने कब्जा जमाया। मोहित के भाई शुभम भी कॉमर्स के छात्र रहे हैं और अपने बड़े भाई के पदचिन्हों पर चलते हुए उन्होंने भी इस परीक्षा में 44वीं रैंक हासिल की। मोहित कहते हैं इसलिए उन्हें दोगुना खुशी हुई। उनकी बहन नैन्सी भी दिल्ली विश्वविद्यालय से बी.कॉम कर रही है और आगे चलकर वह भी सीए बनने के लिए एग्जाम देगी।

यह भी पढ़ें: क्यों ये पद्मश्री डॉक्टर पिछले 43 सालों से चला रहे हैं गरीबों के लिए मुफ्त क्लीनिक