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समुंदर की लहरों पर सवार दुनिया की परिक्रमा करने वाली महिलाओं को मिला 2017 का नारी शक्ति पुरस्कार

समुंदर की लहरों पर सवार दुनिया की परिक्रमा करने वाली महिलाओं को मिला 2017 का नारी शक्ति पुरस्कार

Friday May 25, 2018 , 5 min Read

भारतीय नौसेना नौवहन पोत ‘तारिणी’ की चालक दल भारतीय नौसेना के विशिष्‍ट परियोजना ‘नाविका सागर परिक्रमा’ का एक हिस्‍सा है जिसकी सभी सदस्‍य महिलाएं होती हैं। इस परियोजना के तहत सागर की परिक्रमा की जाती है, समुद्री नौवहन गतिविधियों को प्रोत्‍साहित किया जाता है तथा महिला सशक्तिकरण के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया जाता है।

नाविका सागर परिक्रमा की सदस्य

नाविका सागर परिक्रमा की सदस्य


चालक दल की महिला सदस्‍यों ने अनुकरणीय साहस और टीम भावना प्रदर्शित किया है। उन्‍हें 60 नॉट की गति वाली तेज हवाओं तथा 7 मीटर तक ऊंची समुद्री लहरों से जूझना पड़ा। चालक दल ने स्‍वेदशी तकनीक से निर्मित आईएनएसवी तारिणी का उपयोग किया जो 55 फुट लंबा नौवहन पोत है।

पूरी तरह से भारत में निर्मित नौका पर सवार होकर दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण बंदरगाहों तक भ्रमण कर वापस स्वदेश लौटने वाली महिला नाविकों को 2017 का प्रतिष्ठित नारी शक्ति पुरस्कार दिया गया। केन्‍द्रीय महिला व बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने कल नई दिल्‍ली में आईएनएसवी तारिणी की टीम को यह पुरस्कार प्रदान किया। तारिणी टीम की सभी सदस्‍य महिलाएं हैं। टीम सदस्‍य, लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी, लेफ्टिनेंट कमांडर प्रतिभा जामवाल, लेफ्टिनेंट कमांडर स्‍वाति पतरपल्‍ली, लेफ्टिनेंट ऐश्‍वर्या वोडापट्टी, लेफ्टिनेंट एस. एच. विजया देवी तथा लेफ्टिनेंट पायल गुप्‍ता ने यह पुरस्‍कार ग्रहण किया।

इस मौके पर टीम सदस्‍यों को बधाई देते हुए मेनका गांधी ने कहा कि आईएनएसवी तारिणी भविष्‍य की पीढि़यों को ऐसे क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है जिसमें महिलाओं की भागीदारी बहुत कम रही है। उन्‍होंने आगे कहा कि नारी शक्ति पुरस्‍कार, अनुकरणीय साहस तथा टीम भावना के लिए तारिणी टीम को आभार व्‍यक्‍त करने की दिशा में एक कदम है। राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च, 2018) के अवसर पर राष्‍ट्रपति भवन में नारी शक्ति पुरस्‍कार प्रदान किए थे। लेकिन आईएनएसवी तारिणी टीम सागर परिक्रमा की यात्रा पर थी इसलिए ये पुरस्‍कार उस समय नहीं दिए जा सके थे।

पीएम मोदी के साथ नाविका सागर परिक्रमा की सदस्य

पीएम मोदी के साथ नाविका सागर परिक्रमा की सदस्य


भारतीय नौसेना नौवहन पोत ‘तारिणी’ की चालक दल भारतीय नौसेना के विशिष्‍ट परियोजना ‘नाविका सागर परिक्रमा’ का एक हिस्‍सा है जिसकी सभी सदस्‍य महिलाएं होती हैं। इस परियोजना के तहत सागर की परिक्रमा की जाती है, समुद्री नौवहन गतिविधियों को प्रोत्‍साहित किया जाता है तथा महिला सशक्तिकरण के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया जाता है। चालक दल की प्रत्‍येक सदस्‍य को कम-से-कम 20,000 समुद्री मील नौकायन का अनुभव प्राप्‍त है। इस परियोजना का लक्ष्‍य विश्‍व मंच पर नारी शक्ति को प्रदर्शित करना है। स्‍वदेशी तकनीक से निर्मित आईएनएसवी तारिणी के माध्‍यम से ‘मेक इन इंडिया’ पहल को भी प्रदर्शित किया गया।

समुंदर में तारिणी पोत

समुंदर में तारिणी पोत


महिला चालक दल का नेतृत्‍व लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी ने किया तथा सागर परिक्रमा की इस यात्रा का संचालन किया। इस यात्रा में कुल 254 दिन लगे। इनमें से 199 दिन समुद्र में बिताये गए और 21600 समुद्री मील की दूरी तय की गई। गोवा में हुई घर वापसी से पहले आईएनएसवी तारिणी ऑस्‍ट्रेलिया के फ्रेमेंटल, न्‍यूजीलैंड के लि‍टेल्‍टन, फॉकलैंड के पोर्ट स्‍टेनली, दक्षिण अफ्रीका के केपटाउन तथा अंत में मॉरीशस बंदरगाहों पर विश्राम किया। कैप्‍टन दि‍लीप डोंडे ने सभी छह महिला सदस्‍यों को तीन वर्षों तक प्रशिक्षण प्रदान किया। कैप्‍टन दिलीप डोंडे 2009 और 2010 के बीच अकेले सागर परिक्रमा करने वाले पहले भारतीय हैं।

चालक दल की महिला सदस्‍यों ने अनुकरणीय साहस और टीम भावना प्रदर्शित किया है। उन्‍हें 60 नॉट की गति वाली तेज हवाओं तथा 7 मीटर तक ऊंची समुद्री लहरों से जूझना पड़ा। चालक दल ने स्‍वेदशी तकनीक से निर्मित आईएनएसवी तारिणी का उपयोग किया जो 55 फुट लंबा नौवहन पोत है।

एल्‍युमिनियम और स्‍टील की तुलना में बेहतर प्रदर्शन के लिए नौका का ढांचा लकड़ी और फाइबर ग्‍लास से बना है। आईएनएसवी तारिणी में 6 सूट हैं। इस नौका का डिजाइन ओडिसा के गंजम जिले के प्रसिद्ध तारा तारिणी मंदिर से प्रेरित है। तारिणी शब्‍द का अर्थ होता है नौका और संस्‍कृत में इसका मतलब होता है तारने वाला। पोत ने ऊंची समुद्री लहरों, अत्‍यधिक ठंड तथा खराब समुद्री स्थितियों का सामना किया जिससे यह अभियान अत्‍यधिक चुनौ‍तीपूर्ण हो गया।

समुद्री नौवहन गतिविधियों और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सेना ने विश्‍व के पहले भारतीय महिला परिनौसंचालन अभियान की परिकल्‍पना की थी, जिसे बहादुर महिला अधिकारियों ने सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंचाया। इस परियोजना के लिए लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी के नेतृत्‍व में 6 महिला अधिकारियों के दल का चयन किया गया था। इन अधिकारियों ने आईएनडब्‍ल्‍यूटीसी, मुंबई में नौवहन का मौलिक प्रशिक्षण भी लिया था।

इस सफर से वापस वतन लौटने पर चालक दल ने भारतीय मौसम विभाग की सटीक भविष्‍यवाणी के लिए नियमित रूप से मौसमी, समुद्री तथा लहर से संबंधित आंकड़ों को अपडेट किया तथा गहरे समुद्र में प्रदूषण के बारे में जानकारी साझा की। बंदरगाहों पर विश्राम के दौरान चालक दल के सदस्‍यों ने स्‍थानीय आबादी विशेषकर बच्‍चों से विस्‍तृत बातचीत की।

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