विशेष बच्चों को दी जीने की एक नई उमंग- मीनू बुद्दिया
जिन्दगी को कराया जिन्दगी से रुबरू. जी हा मीनू बुद्दिया ने रंगो से भर दी उन बच्चो की दुनिया जो मानसिक रूप से आस्वस्थ है. मीनू ने इन बच्चो को समाज मे रेह्ने के लिये न सिर्फ पेह्चान दी बल्कि इस काबिल बनाया कि वह अपने मकाम तक पहुन्चा सके और अपनी जिन्दगी के हर कदम को बाखूबी जी सके. कह्ने को तो भगवान ने इन बच्चो को बनाया है लेकिन उसी भगवान ने मीनू बुद्दिया जैसे लोगो को भी दुनिया मे भेजा जो इन्हे समझ सके और इनके जीवन मे खुशिया ला सके. यह उन हर बच्चो और उनके परिवार के लिये एक परेर्ना बनी जिन्हे समाज कोइ स्थान नही दे पा रहा था. यह एक ऐसी शक्स है जिन्होने न सिर्फ अपनी बेटी के दुख दर्द को समझा बल्कि दुनिया के उस हर बच्चे का दुख समझा जो मान्सिक रूप से आस्वस्थ है. जी हाँ उन की अपनी बेटी भी मान्सिक रूप से पीरित है. उन्हे अपनी बेटी को यू खाली बैठना गवारा नही होता था. वे नही चाह्ती थी कि उनकी बेटी पूरी जिन्दगी सिर्फ टीवी के सहारे न बिताये. मीनू इन बच्चो को एक ऐसा होसला देना चाह्ती है जिससे वह अपने जीवन मे आगे बड सके.
अपनी बेटी और उन सब बच्चो को ध्यान मे रखकर मीनू ने अपना होसला बुलन्द किया और कोलकाता मे उन्होने उन सभी बच्चो को ऐड लाइफ केयरिंग माइन्ड जैसा एक वन स्टोप क्लिनिक दिया जहा उन बच्चो को आत्म निर्भर और जिम्मेदार बनाया जा सके. यह एक ऐसा क्लिनिक है जहा ३० से भी ज्यादा विशेषज्ञ है जो इन बच्चो के मानसिक सवास्थ को समझते है और इन्हे जिन्दगी जीने की प्रेर्ना देते है. दर बदर भट्कने वाले उन बच्चो के परिवार को मीनू ने अपने इस क्लिनिक से राहत की सांस दी और वन स्टोप केह्लाने वाला यह क्लिनिक आज उन बच्चो के लिये अम्रित साबित हुआ है.
पान्च भागो मे बान्टे गये इस क्लिनिक का हर भाग बच्चो की देखभाल व उन्हे समाज के प्रती जाग्रूक करता है और उनके हर सपने को उड्ने के लिये पंख लगा देता है जिन्हे वह हमेशा से जीने की आशा करते रहे है. आज परिवार के उस हर व्यक्ति के चेहरे पर खुशी है तो वह सिर्फ मीनू की बदौलत जो उनके बच्चो के जीवन के लिये एक नयी किरन बनी और उनके जीवन को एक नयी दिशा दी.