ऑनलाइन मेडिकल जांच करने वाला यह स्टार्टअप अब गांवों में भी दे रहा सुविधाएं
पैथोलॉजी प्रयोगशालाएं '3h केयर लैब्स' नाम से संचालित होंगी जिसमें उपभोक्ताओं को जांच के दिन ही रिपोर्ट दी जाएगी और फ्री होम सैम्पल कलेक्शन की सुविधा भी प्रदान की जाएगी।
डायग्नोस्टिक्स जैसी बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं से रहित टायर 3 और टायर 4 शहरों पर भी काफी ध्यान देने की जरूरत है। प्रौद्योगिकी में प्रगति होने के साथ, बुनियादी पैथोलॉजी लैब को विशेष रूप से प्रषिक्षित डॉक्टरों की आवश्यकता नहीं होती है।
प्रमुख ऑनलाइन हेल्थकेयर पोर्टल 3h केयर ने पूरे भारत में अपनी ऑफलाइन मौजूदगी का विस्तार करने के लिए एक अति महत्वाकांक्षी योजना के तहत हाल ही में अपना पहला डायग्नोस्टिक लैब शुरू किया। ऑनलाइन पोर्टल ने इसकी शुरुआत कोसी से की है और जल्द ही हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अन्य स्थानों में भी तेजी से बढ़ने की योजना बना रहा है।
पैथोलॉजी प्रयोगशालाएं '3h केयर लैब्स' नाम से संचालित होंगी जिसमें उपभोक्ताओं को जांच के दिन ही रिपोर्ट दी जाएगी और फ्री होम सैम्पल कलेक्शन की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। यह प्रयोगशाला आईएसओ प्रमाणीकरण प्राप्त करने की प्रक्रिया में है और इसे जल्द ही एनएबीएल से भी मान्यता मिलने की उम्मीद है।
3h केयर की संस्थापक और सीईओ सीए (डॉ.) रुचि गुप्ता ने कहा, 'स्वास्थ्य देखभाल की बढ़ती मांग के कारण भारत में डायग्नोस्टिक क्षेत्र में भारी वृद्धि होने वाली है। 80 प्रतिषत से अधिक मामलों में, पैथोलॉजिकल परिणाम आगे के उपचार के लिए निर्णय लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं जो भारत में चिकित्सा देखभाल के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है। इस प्रकार, डायग्नोस्टिक क्षेत्र गुणवत्ता पूर्ण स्वास्थ्य देखभाल पर निरंतर प्रभाव डालता है और स्वास्थ्य समस्याओं के बेहतर निदान के लिए एक निवारक देखभाल नेटवर्क का निर्माण कर रहा है।'
डायग्नोस्टिक्स जैसी बुनियादी स्वास्थ्य सेवाओं से रहित टायर 3 और टायर 4 शहरों पर भी काफी ध्यान देने की जरूरत है। प्रौद्योगिकी में प्रगति होने के साथ, बुनियादी पैथोलॉजी लैब को विशेष रूप से प्रषिक्षित डॉक्टरों की आवश्यकता नहीं होती है, क्योंकि इसके रिपोर्ट देने वाले कमांड सेंटरों के माध्यम से परीक्षण परिणामों को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है और रोगी को सही उपचार के लिए निर्देशित किया जा सकता है।
गुणात्मक प्रमाणन की कमी और इन्हें षुरू करने में कोई बाधा नहीं आने के कारण, टायर 3 और 4 शहरों में स्थानीय डायग्नोस्टिक फल- फूल रहे हैं। ऐसे परिदृश्य में, 3h केयर लैब्स (जो ऑनलाइन सेगमेंट में 3h केयर के रूप में अच्छी तरह से स्थापित हो चुका है) के ऑफ़लाइन सेगमेंट में इन गांवों और कस्बों में भी प्रवेश और गढ़ बनाने के लिए काफी गुंजाइश है।
डॉ. गुप्ता ने कहा, 'छोटे गांवों और कस्बों में पैथोलॉजिकल प्रयोगशालाओं की उपलब्धता और मांग के बीच काफी अंतर है जिसमें विकास के लिए काफी क्षमता है। जनसंख्या में तेजी से वृद्धि, क्रोनिक बीमारियों में तेजी, डायग्नोस्टिक केंद्रों की अपर्याप्त उपलब्धता और सटीक और समय पर चिकित्सा देखभाल की मांग के कारण 3h केयर लैब्स का लक्ष्य यहां सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली पैथोलॉजी सेवाएं प्रदान करना है।'
बीमारी के पैटर्न में बदलाव आ रहा है और अब मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और कार्डियोवैस्कुलर बीमारी जैसी अधिक से अधिक जीवन शैली से संबंधित बीमारियां बढ़ रही हैं जो अब सिर्फ टायर 1 शहरों तक ही सीमित नहीं है। कुल मामलों में से करीब 30-35 मामले टायर 3 और 4 षहरों में दर्ज किये जाते हैं, जिन्हें नियमित परीक्षणों के माध्यम से प्रबंधित किया जाना चाहिए। गुणवत्ता पूर्ण सेवाएं प्रदान करने के लिए, 3h केयर लैब्स घरेलू नमूना संग्रह और समय पर रिपोर्ट देने जैसी बेहतर और उपभोक्ता अनुकूल सेवाएं प्रदान करता है।
ऑनलाइन पोर्टल घरों में सर्वश्रेष्ठ डायग्नोस्टिक सेवाएं प्रदान करने में अग्रणी रहा है और यह पूरे भारत में सर्वोत्तम मान्यता प्राप्त अस्पतालों में उपचार या सर्जरी का समय और उपलब्धता पाने के लिए 'प्लान माई सर्जरी फीचर' की सुविधा भी प्रदान करता है।
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