अब फ्रेश सब्जियां,फल खरीदना हुआ आसान बस एक क्लिक में सामान पहुंचेगा आपके घर
गुड़गांव में पूर्णिमा राव ने रखी फ्रेश2ऑल की नीव...
सस्ते दामों पर फ्रेश सब्जियां और फल मुहैया करवाता है फ्रेश2ऑल...
ग्राहक फल और सब्जियां ऑनलाइन कर सकते हैं बुक...
समय के साथ हर चीज में बदलाव आता है। आज हर दिन बदलाव हो रहे हैं हर दिन कोई नई और उन्नत चीज हमारे सामने आ रही हैं जिसकी कुछ समय पहले तक हम कल्पना भी नहीं करते थे। ये बदलाव किसी एक क्षेत्र में नहीं है अपितु हर क्षेत्र में देखने को मिल रहे हैं। ऐसा ही एक बदलाव देखा गया सब्जी और फलों की खरीददारी में। पहले जहां लोग सब्जी और फल लेने के लिए रेड़ी पटरी वालों पर आश्रित रहते थे वहीं अब इन चीजों को आप मॉल्स में या बड़े- बड़े शॉपिंग कॉम्पेलक्स में भी खरीद सकते हैं इसके अलावा हाल ही में सब्जियों की होम डिलीवरी भी होने लगी है जो एक बिल्कुल नया कॉन्सेप्ट है।
गुड़गांव की पूर्णिमा राव भी लोगों को घरों में सस्ते दामों पर ताजा सब्जियां व फल पहुंचा रहीं हैं। उन्होंने हाल ही में फ्रेश2ऑल की नीव रखी। बहुत जल्द ही काफी लोग उनकी सेवाएं लेने लगे और उनके ग्राहकों की संख्या हर दिन बढ़ती जा रही है। फ्रेश2ऑल सस्ते दामों पर लोगों को फ्रेश सब्जियां व फल मुहैया करवाता है। ये लोग सीधे किसानों से माल खरीदते हैं और उन्हें बिना किसी बिचौलिए के सीधा ग्राहकों तक पहुंचाते हैं जिससे काफी मार्जेन बच जाता है और सबको फायदा पहुंचता है। पूर्णिमा कहती हैं कि वे ग्राहकों तक फ्रेश और बढ़िया माल पहुंचाती हैं। ग्राहक सीधा इनकी वेबसाइट पर जाकर खरीददारी कर सकते हैं।
पूर्णिमा पटियाला के एक मिडल क्लास परिवार से हैं। उन्होंने पटियाला से ही स्कूलिंग की और फिर कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग की। स्नातक के बाद उन्होंने मल्टीनेशनल कंपनियों में काम किया। 2007 में उनकी पुत्री का जन्म हुआ और उन्होंने नौकरी से ब्रेक ले लिया फिर 2011 में वे नौकरी पर लौट आई। 2012 में उनकी दूसरी पुत्री का जन्म हुआ जिस कारण उन्हें एक बार फिर नौकरी छोड़नी पड़ी।
पूर्णिमा हमेशा से ही कुछ अपना काम करना चाहती थीं। अपने ससुराल में उन्होंने देखा कि वे लोग गांव से जुड़े हुए थे व कई गांव वालों का वहां आना जाना था। पूर्णिमा ने सोचा कि क्यों न वे इन किसानों से जुड़कर कुछ काम करें उसके बाद उन्होंने रिसर्च की और जुलाई 2015 में फ्रेश2ऑल की नीव रखी।
पूर्णिमा ने योरस्टोरी को बताया
"हमारे परिवार की हरियाणा में अपनी जमीन है और परिवार के लोग हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के कई किसानों को जानते हैं। ऐसे में मैंने सोचा कि अगर इन किसानों से फल और सब्जियां लेकर सीधा गुड़गांव में रह रहे लोगों को मैं बेचूंगी तो इससे सबको काफी फायदा होगा और फिर मैंने अपना काम शुरू किया।"
शुरूआत उन्होंने कुछ किसानों से ही की लेकिन जल्द ही वे दूसरे किसानों से भी जुड़ गई। किसान भी उनके पास आने लगे क्योंकि अब किसानों को उनके उत्पादन का ज्यादा पैसा मिलने लगा। वहीं ग्राहकों को भी सही दाम पर फ्रेश सब्जियां व फल मिलने लगे।
पूर्णिमा बताती हैं कि अगर उन्हें इस क्षेत्र में आगे जाना है तो उनको काफी मेहनत करनी होगी और अपना दृष्टिकोण स्पष्ट रखना होगा क्योंकि बाजार में काफी लोग हैं जो इस कार्य में लगे हुए हैं ऐसे में अपने लिए बाजार में जगह बनाना इतना आसान काम नहीं है।
कुछ महीनों में ही पूर्णिमा को अच्छा रिस्पॉस मिलने लगा और उनके ग्राहकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। पूर्णिमा आगे बढ़ने के चक्कर में क्वालिटी से समझौता नहीं करना चाहतीं। वो संभल कर अच्छे तरीके से ही आगे बढ़ना चाहती हैं और अपनी इस स्ट्रेटर्जी में वे अब तक सफल भी हो रहीं हैं।
वे मार्केटिंग में पैसा खर्च नहीं करना चाहतीं बल्कि उस पैसे से वे अपनों ग्राहकों को सस्ते दामों में फल व सब्जियां मुहैया करवाना चाहती हैं। वे मानती हैं कि अगर वे अच्छा काम करेंगी तो उनके ग्राहक उनकी खुद ही पब्लिसिटी कर देंगे।
अपना अनुभव साझा करते हुए वे कहती हैं कि उनके 90 प्रतिशत ग्राहक जिनसे वे खुद मिलीं हैं उन्होंने पहली बार किसी वेबसाइट से फल व सब्जी बुक करवाई हैं और वे काफी संतुष्ट हैं। पूर्णिमा की टीम छोटी है वे खुद काफी सारे काम करती हैं और चीजों को मैनेज करती हैं। इस पूरे सफर में उनके परिवार और पति ने उनका साथ दिया और वे सदैव उनके साथ खड़े रहे।
पूर्णिमा अपने ग्राहकों से मिलने वाले फीडबैक्स पर काफी ध्यान देती हैं और उन पर तुरंत संज्ञान लेती हैं इसी कारण उनकी कंपनी और बेहतर होती जा रही है। वे बिल की प्रिंटिड़ कॉपी ग्राहकों को देती हैं और उनसे फीडबैक लेती हैं । वे रीयूजेबल बैग्स का प्रयोग करती हैं और उनके यहां पर रिटर्न व रिफंड पॉलिसी है नो मिनिमम ऑर्डर के साथ जो उन्हें बाकियों से अलग करता है।
पूर्णिमा अगले दो वर्षों तक केवल गुडगांव में ही काम करना चाहती हैं। उसके बाद ही किसी दूसरे इलाके में रुख करना चाहती हैं।