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दो घरेलु महिलाओं ने अपने खाने का दीवाना बनाया कॉर्पोरेट एम्पलॉइज को, शुरू किया ‘कॉरपोरेट ढाबा’

दो घरेलु महिलाओं ने अपने खाने का दीवाना बनाया कॉर्पोरेट एम्पलॉइज को, शुरू किया ‘कॉरपोरेट ढाबा’

Monday November 23, 2015 , 4 min Read

मई 2013 में रखी मुन्नी देवी और पल्लवी प्रीति ने रखी कॉरपोरेट ढाबा की नीव...

कॉरपोरेट ढाबा एक ऑफिस टिफिन सर्विस है...

प्रतिदिन लगभग 400-500 ऑर्डर्स को डिलिवर कर रही है कंपनी...

घर के स्वाद के साथ क्वालिटी दे रहा है कॉरपोरेट ढाबा...


घर के खाने का महत्व वही सबसे ज्यादा जानता है जो घर से दूर हो। होटल्स रेस्तरां और कैंटीन का खाना कितना ही स्वादिष्ट क्यों न हो उसमें वो बात नहीं होती जो घर के खाने में होती है साथ ही उस खाने को आप ज्यादा दिन नहीं खा सकते वो स्वास्थ्य की दृष्टि से भी ज्यादा अच्छा नहीं होता। ऐसे में घर से दूर रह रहे नौकरीपेशा लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। चूंकि आजकल लाइफ काफी बिजी है इसलिए अकेले रह रहे लोगों के लिए यह मुमकिन नहीं हो पाता कि वे हर समय खुद खाना बनाएं उन्हें दिन में एक दो बार बाहर से खाना ही पड़ता है।

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मुन्नी देवी बिहार के आरा से हैं उनके दोनो बेटे पढ़ाई और नौकरी के लिए दिल्ली आ गए मुन्नी देवी को हमेशा ही अपने बेटों की सेहत संबंधी फिक्र रहती थी। वे साल में कुछ दिन अपने बेटो के पास आया करती थीं। एक बार जब वे दिल्ली आई तो उनकी मुलाकात अपने बेटे के दोस्त की पत्नी पल्लवी प्रीति से हुई क्योंकि उनकी पत्नी भी बिहार से ही थीं तो दोनों में अच्छी बातचीत होनें लगी। दोनों ने सोचा कि क्यों न वे मिलकर कुछ ऐसा काम करें जिससे घर से दूर रह रहे लोगों को घर का साफ और हेल्थी खाना मिल सके। उसके बाद दोनों ने रिसर्च शुरू कर दी और जल्द ही अपनी रिसर्च को फाइनल करके मई 2013 में कॉरपोरेट ढाबा की नीव रखी। यह एक ऑफिस टिफिन सर्विस है जो दिल्ली एनसीआर में काम कर रही है।

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कॉरपोरेट ढाबा का मकसद कॉरपोरेट जगत में नौकरी कर रहे लोगों को शुद्ध, बढ़िया घर का खाना मुहैया करवाना था। लॉंचिंग के पहले ही दिन इनको 38 मील्स का ऑर्डर मिला जो कि काफी ज्यादा था । शुरूआत के कुछ दिन तो दोनों ने मिलकर ही खाना बनाया लेकिन लगातार बढ़ती डिमांड के चलते कुछ लोगों को काम पर रखा गया।

मुन्नी देवी बताती हैं कि हम खाने की क्वालिटी से बिलकुल समझौता नहीं करते आम तौर पर जब डिमांड ज्यादा आने लगती है तो कई फूड प्रोवाइडर क्वालिटी से समझौता कर देते हैं ताकि बढ़ी हुई डिमांड को पूरा किया जा सके और ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाया जा सके लेकिन हम लोग चाहते हैं कि भले ही मुनाफा कम हो लेकिन हम अपनी क्वालिटी का स्तर नहीं गिराएंगे। मुन्नी देवी कहती हैं कि मैं अपने ग्राहकों को अपने बच्चों की तरह ही मानती हूं और फिर उसी हिसाब से हम लोग काम करते हैं।

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दिल्ली एनसीआर में कई टिफिन सर्विस प्रोवाइडर हैं लेकिन वे सब बहुत छोटे स्तर पर काम कर रहे हैं अमूमन वे घरों में अकेले रह रहे लोगों तक ही खाना पहुंचाते हैं लेकिन कॉरपोरेट ढाबा ने अपने क्लाइंट रेंज को बढ़ाया और कॉरपोरेट ऑफिसिज में खाना पहुंचाना शुरू किया।

आज कॉरपोरेट ढ़ाबा एक दिन में लगभग 400-500 मील्स कॉरपोरेट लोगों तक पहुंचाता है और कई दिन ये आंकड़ा 600 से पार भी हो जाता है। ये लोग नौकरी.कॉम, ट्रूली मैडली, पटेल इंजीनियरिंग, मैगनस, यूनिवर्सल सोफ्टवेयर, अर्थकॉन ग्रुप, शिक्षा.कॉम, संचार निगम (दिल्ली) जैसी कंपनियों में अपना खाना डिलिवर करते हैं।

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काम के बढ़ने के साथ ही नए पार्टनर के तौर पर आफशा अजीज ने भी कंपनी को हाल ही में ज्वाइन किया है। इसके अलावा मुन्नी देवी बताती हैं कि उनके यहां पर काम कर रहे लोग काफी प्रोफेश्नल हैं जिन्हें कार्य का लंबा अनुभव है मो. ताहिर कंपनी के चीफ शेफ हैं जिन्होंने विभिन्न देशों में काफी समय काम किया है। इसके अलावा कंपनी के पास आज लगभग 25 प्रोफेश्नल लोगों की एक अच्छी टीम है।

कंपनी ऑफिसिज के अलावा कॉरपोरेट में काम कर रहे लोगों के घर में भी खाना पहुंचाती है। ये लोग अभी केवल सोशल नेटवर्किग के जरिए ही अपनी मार्केटिंग कर रही है साथ ही उनके ग्राहक माउथ पब्लिसिटी करके लगातार कंपनी की सेल बढ़ा रहे हैं। कंपनी अभी दिल्ली एनसीआर में ऑपरेट कर रही है आने वाले समय में ये लोग इसी क्षेत्र में अपने काम का विस्तार करना चाहते हैं।

कंपनी का मानना है कि अगर वे क्वालिटी बनाए रखेंगे तो लोग खुद उनके पास आएंगे और उन्हें मार्केटिंग वगैरा करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ये एक बहुत बड़ा बाजार है जहां पर अपार संभावनाएं हैं और कंपनी का फोकस आने वाले समय में क्वालिटी के साथ अपना क्लाइंट बेस बढ़ाने का है।