नोटबंदी के कदम पर बचाव की मुद्रा में आने की कोई जरूरत नहीं है, सहयोगी दलों से कहा मोदी ने
भाजपा और उसके सहयोगी दलों ने उच्च मूल्य के नोट को अमान्य करने के सरकार के निर्णय का आज मजबूती से समर्थन किया जिस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसी पुनर्विचार से इनकार किया है। राजग दलों ने 16 नवम्बर से शुरू होनें वाले संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष से मुकाबले के लिए तैयारी की। सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि उच्च मूल्य के नोट को अमान्य करने के निर्णय पर कोई पुनर्विचार नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि कालेधन और भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार की लड़ाई को उसके अंत तक पहुंचाया जाएगा। राजग दलों ने यह भी निर्णय किया कि वे उच्च मूल्य के नोट को अमान्य करने के सरकार के निर्णय की आलोचना करने वाली विपक्षी पार्टियों से उनके प्रत्येक आरोप का जवाब देकर मुकाबला करेंगे। पार्टियों ने यह भी निर्णय किया कि वे बचाव की मुद्रा नहीं अपनायेंगी क्योंकि लोगों ने इस कदम का समर्थन किया है और वे असुविधा का सामना करने के लिए तैयार हैं। राजग के सहयोगी दलों ने मोदी की प्रशंसा की और नोट को अमान्य करने और गत सितम्बर में नियंत्रण रेखा के पार किये गए लक्षित हमले के लिए सरकार की प्रशंसा की। इससे पहले भाजपा की संसदीय दल की बैठक में मोदी को समर्थन मिला जिसमें उनके द्वारा भ्रष्टाचार और कालेधन पर अंकुश के लिए उठाये गए कदमों पर चर्चा की गई।
प्रधानमंत्री मोदी ने राजग दलों को बताया कि उच्च मूल्य के नोट बंद करने के कदम पर बचाव की मुद्रा में आने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि इस कदम का व्यापक समर्थन है और लोग बड़े लाभ के लिए मुश्किलों का सामना करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने इसके साथ ही राजग दलों से आग्रह किया कि वे जनता में जायें और दीर्घकाल में भ्रष्टाचार एवं कालेधन पर अंकुश में इससे मिलने वाले लाभ बतायें। उन्होंने सहयोगी दलों से कहा कि इस कदम का श्रेय अकेले उन्हें नहीं जाता बल्कि उन सभी दलों को जाता है जो सरकार के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि वह अभियान को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे क्योंकि उनके द्वारा उठाये गए कदमों ने लोगों को उम्मीद दी है कि चीजें सुधरेंगी।
राजग की बैठक में प्रधानमंत्री की टिप्पणी के बाद केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने उन्हें उच्च मूल्य के नोट अमान्य करने के लिए उठाये गए ‘‘साहसिक एवं निर्णायक’’ कदम के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि इससे देश में अमीर और गरीब के बीच अंतर को कम करने में मदद मिलेगी। पासवान के बाद अन्य सहयोगी दलों ने भी इस कदम का समर्थन किया और लक्षित हमले के साथ ही इस कदम के लिए प्रधानमंत्री की प्रशंसा की। जिन नेताओं ने सरकार का समर्थन किया उनमें शिवसेना नेता आनंदराव अदसुल, लोजपा नेता रामविलास पासवान, शिअद नेता सुखदेव सिंह ढींढसा, आरएलएसपी नेता उपेंद्र कुशवाहा और तेदेपा नेता टी नरसिमम शामिल थे। इसके साथ ही इसमें पूर्वोत्तर पार्टियों के नेता भी शामिल थे। संसदीय मामलों के मंत्री अनंत कुमार ने कहा, ‘‘राजग के घटक दलों ने प्रधानमंत्री से कहा कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के लॉजिकल अंत तक पहुंचने तक उनके साथ खड़े रहेंगे। दलों ने इसके साथ ही उच्च मूल्य के नोट चलन से बाहर करने के निर्णय से लोगों को होने वाली परेशानियों के समाधान के लिए वित्त मंत्रालय की ओर से उठाये गए कदम की प्रशंसा की।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह सत्र लोगों को भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के बारे में बताने का एक उपयुक्त मंच होगा और यह दिखाएगा कि कौन सी पार्टी भ्रष्टाचार के पक्ष में है और कौन उसके खिलाफ है।’’ उन्होंने कहा कि राजग के सभी सहयोगी दलों ने कदम का ‘‘एक स्वर’’ में स्वागत किया और भ्रष्टाचार के खात्मे के लिए सरकार एवं प्रधानमंत्री के निर्णय का समर्थन किया।
कुमार ने कहा कि कालेधन का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों और आतंकवाद के लिए किया जा रहा था। सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि सुधार प्रक्रिया को पटरी से उतारने के लिए ‘‘दुष्प्रचार’’ फैलाया जा रहा है। उन्होंने इसके लिए नमक की कमी जैसी अफवाहों का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि जहां कुल नमक उत्पादन 220 लाख टन है, घरेलू खपत मात्र 60 हजार टन है और इसलिए इसकी कोई कमी नहीं है। उन्होंने विपक्ष के इस आरोप को भी खारिज कर दिया कि मोदी ने उच्च मूल्य के नोट अमान्य करने के निर्णय का खुलासा अपने पार्टी सदस्यों से किया था और विपक्ष को हैरान किया। उन्होंने कहा कि इन चीजों का कोई आधार नहीं है और इसलिए इसका जवाब देना जरूरी नहीं है। नायडू ने कहा, ‘‘कई विपक्षी पार्टियां कदम का स्वागत कर रही हैं और यदि कुछ इसका विरोध कर रही हैं तो पता चलेगा कि कौन जमाखोरों और भ्रष्टों के साथ खड़ा है।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा संसदीय दल और राजग बैठकों में सभी ने लक्षित हमले और ‘‘कालाधन एवं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई शुरू करने के लिए उठाये गए साहसिक, ऐतिहासिक कदम’’ के पक्ष में एक स्वर में बोला। उन्होंने कहा, ‘‘सभी ने निर्णय का समर्थन किया और कहा कि सरकार को आगे बढ़ना चाहिए। वे बड़े लाभ के लिए अस्थायी परेशानी के लिए तैयार हैं। लोग चिंतित नहीं है बल्कि वे अर्थव्यवस्था के बड़े लाभ की ओर देख रहे हैं।’’