Brands
YSTV
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory
search

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

Videos

ADVERTISEMENT
Advertise with us

सड़क पर तड़प रहे घायलों को SDM शालिनी श्रीवास्तव ने अपनी गाड़ी से पहुंचाया अस्पताल

सड़क पर तड़प रहे घायलों को SDM शालिनी श्रीवास्तव ने अपनी गाड़ी से पहुंचाया अस्पताल

Thursday November 23, 2017 , 4 min Read

भोपाल-देवास रोड पर एक बस और वैन की जोरदार टक्कर हो गई। हादसे में एक की मौत हो गई वहीं बाकी घायल तड़पते और चीखते हुए मदद की गुहार लगाते रहे। इसी बीच वहां से गुजर रहीं इंदौर की एसडीएम शालिनी श्रीवास्तव ने अपनी कार रोककर उन सभी घायलों को अस्पताल पहुंचाया।

एसडीएम शालिनी ने की घायलों की मदद

एसडीएम शालिनी ने की घायलों की मदद


 शालिनी ने पहले ही पुलिस और एंबुलेंस को फोन कर सूचना दे दी थी इसलिए मौके पर पुलिस भी पहुंच गई। हालांकि वैन के ड्राइवर शशिकुमार के सिर पर गंभीर चोट लग गई थी। इसलिए उन्हें बचाया नहीं जा सका और उनकी मौत हो गई।

हादसे के दौरान मौजूद लोगों ने बताया कि बस ड्राइवर गलत दिशा में बस को लेकर जा रहा था इसलिए हादसा हुआ। पुलिस ने बस ड्राइवर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

सड़क पर रोज इतने हादसे होते हैं, कोई मदद के लिए तड़प रहा होता है तो हम क्या करते हैं। शायद नजरें बचाकर वहां से निकल लेते हैं। लेकिन कुछ कहानियां हमारे सामने ऐसी आती हैं कि हमारा यकीन इंसानियत पर फिर से पक्का हो जाता है। मध्य प्रदेश के शहर इंदौर की एक कहानी ऐसी ही है जिसे सुनकर आप कहेंगे कि थोड़ी ही सही लेकिन इंसानियत अभी जिंदा है। दरअसल भोपाल-देवास रोड पर बीते कल यानी गुरुवार को रसूलपुर बाईपास पर एक कॉलेज बस और वैन की जोरदार टक्कर हो गई। हादसे में एक की मौत हो गई वहीं बाकी घायल तड़पते और चीखते हुए मदद की गुहार लगाते रहे। इसी बीच वहां से गुजर रहीं इंदौर की एसडीएम शालिनी श्रीवास्तव ने अपनी कार रोककर उन सभी घायलों को अस्पताल पहुंचाया।

जिस जगह पर यह हादसा हुआ वह जगह काफी भीड़भाड़ वाली मानी जाती है। इसी जगह पर गुरुवार सुबह जाम लगा हुआ था। वहीं पर भोपाल से इंदौर जा रही रही वैन एक कॉलेज की बस से टकरा गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि वैन ड्राइवर की मौके पर ही मौत हो गई। बाकी घायल वैन के भीतर ही तड़पते रहे। इतने में ही वहां से जा रहीं एक महिला अपनी गाड़ी रोककर वैन के पास आईं और सभी घायलों को किसी तरह बाहर निकलवाया। इसके बाद वे एंबुलेंस को बुलाने लगीं, लेकिन मालूम चला कि एंबुलेंस के आने में देर लग सकती है।

घायलों की हालत बिगड़ती जा रही थी इसलिए उन्होंने किसी तरह लोगों की मदद से घायलों को अपनी गाड़ी में बैठाया और उन्हें अस्पताल तक पहुंचाया। उनके साथ लोक सेवा प्रबंधक अमोघ श्रीवास्तव भी थे। दोनों घायलों के साथ अस्पताल पहुंचे और अपना परिचय देते हुए कहा कि वो इंदौर के एसडीएम हैं। उन्होंने डॉक्टरों को पूरी तत्परता से इलाज करने को कहा। शालिनी ने पहले ही पुलिस और एंबुलेंस को फोन कर सूचना दे दी थी इसलिए मौके पर पुलिस भी पहुंच गई। हालांकि वैन के ड्राइवर शशिकुमार के सिर पर गंभीर चोट लग गई थी। इसलिए उन्हें बचाया नहीं जा सका और उनकी मौत हो गई।

हादसे के दौरान मौजूद लोगों ने बताया कि बस ड्राइवर गलत दिशा में बस को लेकर जा रहा था इसलिए हादसा हुआ। पुलिस ने बस ड्राइवर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। घायलों को सही वक्त पर इलाज मिल गया इसलिए उन सभी की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। वैसे सभी घायल एसडीएम शालिनी के शुक्रगुजार होंगे, क्योंकि अगर वे मौके पर नहीं होतीं तो शायद उन्हें अस्पताल पहुंचने में देरी भी हो सकती थी। शालिनी श्रीवास्तव ने वाकई में घायलों की मदद करके हम सभी को एक सीख दी है कि सड़क पर घायलों की मदद करना हमारा पहला कर्तव्य होना चाहिए।

एसडीएम शालिनी इससे पहले भी कई सारे अच्छे काम कर चुकी हैं। उन्होंने इंदौर में ही बड़ी कार्रवाई करते हुए 100 से ज्यादा बाल श्रमिकों को मुक्त कराया था। सभी बच्चों को बिहार से इंदौर मजदूरी करने के लिए लाया गया था। उन बच्चों रोजाना सिर्फ 20 से 25 रुपए मजदूरी मिलती थी। बाद में पता चला था कि बच्चों के बेहद अमानवीय तरीके से काम कराया जा रहा था। उन्हें एक छोटे से कमरे में रहने और काम करने के लिए मजबूर किया जाता था। शालिनी की कहानी सुनकर हमें यही लगता है कि उन जैसे अधिकारियों की ही हमें जरूरत है।

यह भी पढ़ें: सबसे कम उम्र में सीएम ऑफिस का जिम्मा संभालने वाली IAS अॉफिसर स्मिता सब्बरवाल