अब होम्योपैथिक डॉक्टर भी कर सकेंगे एलोपैथिक इलाज!
केंद्र सरकार का यह विधेयक गरीबों, दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों, जहां एलोपैथिक दवा की सुविधा उपलब्ध नही है, जहां मरीजों को एलोपैथिक डॉक्टरों के पास जाने के पैसे नहीं है, को खास सुविधा उपलब्ध कराएगा।
इस विधेयक को इंडियन मेडिकल असोसिएशन के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इस स्वाभिमान समर्थन रैली में केंद्र सरकार की नीतियों का पुरजोर समर्थन किया जाएगा।
केंद्र सरकार के नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) विधेयक के समर्थन में होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक डॉक्टरों ने रामलीला मैदान में रैली निकालने की घोषणा की है। ये रैली 5 और 6 फरवरी को रामलीला मैदान में आयोजित की जाएगी। एनएमसी विधेयक में ब्रिज कोर्स प्रस्तावित है, जिससे होम्योपैथिक और आयुवेर्दिक डॉक्टरों को एलोपैथिक दवाएं प्रिसक्राइब करने का अधिकार मिल जाएगा। मोदी केयर के तहत इसे केंद्र सरकार की उल्लेखनीय उपलब्धि माना जा रहा है।
अब इस विधेयक के पारित होने के बाद होम्योपैथिक डॉक्टरों को एलोपैथिक डवाएं लिखने का अधिकार मिल जाएगा। इंडियन होम्योपैथिक असोसिएशन के अनुसार इस बिल को केंद्र सरकार की गरीबों के पक्ष में काम करने वाली नीतियों का एक सबूत माना जा रहा है। इससे दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले मरीजों को सुविधा होगी और वह केंद्र सरकार की स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाली नीतियों से लाभान्वित हो पाएंगे।
एनएमसी की महाराष्ट्र की कोर मेंबर डॉ. सुरेखा ने कहा कि केंद्र सरकार के एनएमसी बिल में प्रस्तावित ब्रिज कोर्स से गरीबों और सुख सुविधाओं से विहीन लोगों को फायदा होगा। इससे भारतीय आबादी को दी जानी वाली स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार आएगा। ऑल इंडिया होम्योपैथिक डॉक्टर्स फेडरेशन की ओर से आयोजित की जाने वाली स्वाभिमान समर्थन रैली में आयुष डॉक्टरों के प्रति केंद्र सरकार की नीतियों का पुरजोर समर्थन किया जाएगा। गौरतलब है कि होम्योपैथिक डॉक्टर अपनी मांगों को पूरा करने के लिए पिछले 35 साल से संघर्ष कर रहे हैं।
देश भर की होम्योपैथिक डॉक्टरों के प्रतिनिधि इस बिल के एजेंडा के तहत आ गए और उन्होंने केंद्र सरकार की सिफारिशों के प्रति आभार जताने के लिए कोर कमिटी बनाई है। केंद्र सरकार का यह विधेयक गरीबों, दूरदराज के इलाकों में रहने वाले लोगों, जहां एलोपैथिक दवा की सुविधा उपलब्ध नही है, जहां मरीजों को एलोपैथिक डॉक्टरों के पास जाने के पैसे नहीं है, को खास सुविधा उपलब्ध कराएगा। इस विधेयक को इंडियन मेडिकल असोसिएशन के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। इस स्वाभिमान समर्थन रैली में केंद्र सरकार की नीतियों का पुरजोर समर्थन किया जाएगा।
एसोसिएशन ने कहा कि विधेयक के पारित होने पर होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक डॉक्टरों की 35 साल पुरानी मांग पूरी होंगी। हम आज केंद्र सरकार की नीतियों के प्रति आभार जताने के लिए इस रैली में इकट्ठे हुए हैं। इस रैली में भाग लेने के लिए देश की आर्थिक राजधानी महाराष्ट्र समेत हजारों की संख्या में होम्योपैथिक डॉक्टर शामिल होंगे। नीति आयोग की सिफारिशों के अनुसार केंद्र सरकार ने सभी आयुष डॉक्टरों के लिए एक ब्रिज कोर्स की घोषणा की है। इस कोर्स को करने के बाद भारतीय चिकित्सा पद्धति के तहत आने वाले होम्योपैथिक डॉक्टर मरीजों को एलोपैथिक दवाएं लिख सकेंगे। ऐसे समय में जब एलोपैथिक दवाओं की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, महंगे अस्पताल को खर्चे को न सहन कर सकने वाले मरीज होम्योपैथिक डॉक्टरों की शरण लेते हैं, केंद्र सरकार का यह विधेयक गरीबों के लिए विशेष रूप से लाभदायक है।
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