दिल्ली मेट्रो में मिलेंगी फ्री किताबें
किताब प्रेमियों के लिए दिल्ली मेट्रो बनेगा एक नया और अनोखा ठिकाना...
दिल्ली में रहने वाले एक युगल जोड़े ने अनोखी पहल की है। ये पहल दरअसल किताब प्रोमियों के लिए दिल्ली मेट्रो में की गई है। उनकी इस पहल के चलते दिल्ली मेट्रो में सफर करने वाले यात्री मुफ्त में किताब पढ़ने का फायदा उठा सकेंगे, जिसकी शर्त सिर्फ इतनी है कि किताब पढ़ने के बाद वापिस करनी होगी।
दिल्ली निवासी कपल श्रुति शर्मा और तरुण चौहान का मानना है कि मेट्रो में उनकी ये पहल 'बुक्स ऑन द दिल्ली मेट्रो' काफी लोकप्रिय होगी।
दिल्ली में किताब प्रेमियों के लिए अब पढ़ने का एक नया और अनोखा ठिकाना बनने जा रहा। किताबों का ये अड्डा और कोई नहीं खुद दिल्ली मेट्रो है। दिल्ली मेट्रो में सफर करने वाले अब मुफ्त में किताबें पढ़ सकते हैं। वहां अब फ्री में किताबें पढ़ने को मिलेंगी, लेकिन उसे पढ़ कर लौटाना होगा। दरअसल मेट्रो परिसर के अंदर एक नई शुरुआत की गई है। दिल्ली के रहने वाले कपल श्रुति शर्मा और तरुण चौहान का मानना है कि मेट्रो में उनकी ये पहल बुक्स ऑन द दिल्ली मेट्रो काफी लोकप्रिय होगी। वे अब फ्री में पैसेंजर्स के लिए मेट्रो परिसर और मेट्रो कोच में किताबें रख रहे हैं। यहां तक कि हार्पर कॉलिन्स इंडिया पब्लिकेशन भी किताब पढ़ने के आनंद को लोगों के बीच फैलाने के लिए इस प्रयास में शामिल हो गया है। अगर आपको कोई किताब पसंद है और आप चाहते हैं कि दूसरा भी इसे पढ़कर आनंद उठाए तो आप दिल्ली मेट्रो में किताब रख सकते हैं।
क्या है 'बुक्स ऑन द दिल्ली मेट्रो'
दिल्ली मेट्रो से यात्रा करने वाले लोगों को यहां स्टिकर लगी किताबों को देखकर अचंभा हो सकता है। स्टिकर पर आपको ‘टेक दिस बुक विद यू, रीड इट एंड रिटर्न इट फॉर समवन एल्स टू जॉय’ लिखा हुआ मिल सकता है। दिल्ली के रहने वाले दंपति श्रुति शर्मा और तरुण चौहान को लगता है कि मेट्रो में उनकी ‘बुक्स ऑन द दिल्ली मेट्रो’ वायरल होगी। किताब प्रेमी अब मुफ्त में यात्रियों के लिए मेट्रो परिसर और मेट्रो कोच में किताबें रख रहे हैं। श्रुति, हैरी पॉटर की कलाकार एमा वाटसन के ‘बुक्स ऑन द अंडरग्राउंड’ प्रयास से काफी प्रभावित हैं। इसी के चलते उन्हें भारत में भी ऐसी पहल करना का आइडिया आया। ‘बुक्स ऑन द दिल्ली मेट्रो’ के नाम से फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पेज भी है।
इस प्रयास के तहत अगर आपको कोई किताब पसंद है और आप चाहते हैं कि दूसरा भी इसे पढ़कर आनंद उठाए तो आप दिल्ली मेट्रो में किताब रख सकते हैं।