बगैर ऑक्सिजन सिलिंडर कंचनजंगा की चोटी फतह करने वाला शख़्स
मिलिए उस शख्स से जिसने बगैर ऑक्सिजन सिलिंडर फतह की कंचनजंगा की चोटी...
अर्जुन ऐसा करने वाले तीसरे सबसे युवा भारतीय बन गए हैं। कंचनजंगा सिक्किम-नेपाल सीमा पर 28,146 फुट ऊँचा, गौरीशंकर (एवरेस्ट) पर्वत के बाद विश्व का दूसरा सर्वोच्च पर्वत शिखर है। अर्जुन ने पहली बार 2011 में 16 साल की उम्र में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की थी।
अर्जुन दुनियां के पहले ऐसे पर्वतारोही बन गए जिसने सबसे कम उम्र में 8000 मीटर से ऊंची चार चोटियों को फतह किया। इन सब चोटियों के साथ ही अर्जुन ने माउंट चो ओयू को भी फतह किया है।
दुनिया में एवरेस्ट के बाद जिस पर्वत चोटी को सबसे ऊंचा माना जाता है उसका नाम कंचनजंगा है। इस तमाम पर्वत शिखरों की तरह कंचनजंगा पर भी हर साल तमाम पर्वतारोही चढ़ने का प्रयास करते हैं। कुछ सफल होते हैं वहीं कुछ हिम्मत हार कर वापस चले आते हैं। इतने ऊंचे शिखर पर पहुंचने के लिए हिम्मत के साथ ही ऑक्सिजन सिलिंडर की भी जरूरत होती है क्योंकि ऊंचाई पर ऑक्सिजन की भारी कमी महसूस होने लगती है। लेकिन कुछ बहादुर पर्वतारोही बिना ऑक्सिजन सिलिंडर के भी यह मुकाम हासिल कर लेते हैं। ऐसे ही एक पर्वतारोही हैं अर्जुन, जिन्होंने यह कारनामा कर दिखाया है।
अर्जुन ऐसा करने वाले तीसरे सबसे युवा भारतीय बन गए हैं। कंचनजंगा सिक्किम-नेपाल सीमा पर 28,146 फुट ऊँचा, गौरीशंकर (एवरेस्ट) पर्वत के बाद विश्व का दूसरा सर्वोच्च पर्वत शिखर है। अर्जुन ने पहली बार 2011 में 16 साल की उम्र में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की थी। उन्होंने दुनिया की चौथी और आठवी सबसे ऊंची चोटियों ल्होत्से और मनासलू पर चढ़ने की योजना बनाई। इसे भी आसानी से फतह कर लेने के बाद उन्होंने माउंट मकालू पर चढ़ने की योजना बनाई। इस चोटी को सबसे खतरनाक चोटियों में से एक माना जाता है। अर्जुन ने इसके लिए काफी तैयारियां की। 2013 में वे अपनी टीम के साथ माउंट मकालू के सफर पर निकले लेकिन शिखर से 150 मीटर पहले ही उनकी टीम वापस आ गई क्योंकि उनकी रस्सी छोटी पड़ गई।
2014 में उन्होंने एक बार फिर से माउंट मकालू को फतह करने का इरादा बनाया। लेकिन एक सदस्य के बीमार पड़ जाने के बाद उन्हें वापस आना पड़ा। तीसरी बार 2015 में नेपाल में भूकंप के कारण उन्हें मंजिल नहीं हासिल हो पाई। इतने प्रयासों के बाद कोई भी इंसान हार मान लेगा। लेकिन तीन बार की असफलता अर्जुन को नहीं डिगा सकी। अपने चौथे प्रयास में अर्जुन ने खराब मौसम और बर्फीले तूफान को चुनौती देते हुए 2016 में माउंट मकालू की चोटी फतह की। माउंट मकालू विश्व की पांचवी सबसे ऊंची चोटी है।
नेपाल और चीन के बॉर्डर पर स्थित इस चोटी की ऊंचाई 8463 मीटर यानी 27766 फीट है। माउंट मकालू को फतह करने के साथ ही अर्जुन वाजपेयी ने वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया। अर्जुन दुनियां के पहले ऐसे पर्वतारोही बन गए जिसने सबसे कम उम्र में 8000 मीटर से ऊंची चार चोटियों को फतह किया। इन सब चोटियों के साथ ही अर्जुन ने माउंट चो ओयू को भी फतह किया है। जिसे दुनिया की छठी सबसे ऊंची चोटी माना जाता है।
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