Brands
YSTV
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory
search

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

Videos

ADVERTISEMENT
Advertise with us

सेना पुलिस में अब महिलाओं की एंट्री, पुरुषों की तरह 62 हफ्तों की होगी ट्रेनिंग

सेना पुलिस में अब महिलाओं की एंट्री, पुरुषों की तरह 62 हफ्तों की होगी ट्रेनिंग

Saturday September 09, 2017 , 3 min Read

सेना ने एक बड़ा फैसला करते हुए मिलिटरी पुलिस में 874 महिला जवानों को शामिल करने का फैसला किया है। इसके तहत हर साल 52 महिला जवानों को मिलिटरी पुलिस में शामिल किया जाएगा।

सांकेतिक तस्वीर (फोटो साभार: इंंडियाटाइम्स)

सांकेतिक तस्वीर (फोटो साभार: इंंडियाटाइम्स)


जेंडर आधारित आरोपों की जांच के लिए महिला कर्मियों की जरूरत महसूस की जा रही थी। मिलिटरी पुलिस में महिलाओं को शामिल करना जरूरी था। 

अभी महिलाओं को थलसेना की मेडिकल, कानूनी, शैक्षणिक, सिग्नल एवं इंजीनियरिंग जैसी चुनिंदा शाखाओं में काम करने की इजाजत दी जाती है।

आज के युग में महिलाओं का हर क्षेत्र में दबदबा बढ़ रहा है। वे हर एक फील्ड में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रही हैं। लेकिन कुछ क्षेत्र ऐसे भी हैं जहां अभी तक महिलाओं की एंट्री बैन थी। यानी उस फील्ड या पद पर महिलाओं की नियुक्ति हो ही नहीं सकती। मगर इंडियन आर्मी की सैन्य पुलिस में अब महिलाएं भी शामिल हो सकेंगी। सैन्य पुलिस में महिलाओं को शामिल करने की एक योजना को अंतिम रूप दे दिया गया है । इसके बाद अब भारतीय थलसेना पुलिस की कमान महिलाओं के हाथ में होगी।

कुछ दिन पहले ही पूर्णकालिक रक्षा मंत्री के तौर पर देश की पहली महिला निर्मला सीतारमण को कार्यभार दिया गया है। उसके एक दिन बाद ही सेना में महिलाओं को शामिल करने का यह फैसला आया है। हालांकि इसकी भूमिका काफी दिनों से बन रही थी। जून में एक इंटरव्यू में थलसेना प्रमुख जनरल विपिन रावत ने कहा था कि आर्मी की पुलिस शाखा में महिला जवानों को शामिल करने पर विचार कर रही है और इस प्रक्रिया की शुरूआत महिलाओं को सैन्य पुलिस कोर में शामिल करने से होगी ।

सेना ने एक बड़ा फैसला करते हुए मिलिटरी पुलिस में 874 महिला जवानों को शामिल करने का फैसला किया है। इसके तहत हर साल 52 महिला जवानों को मिलिटरी पुलिस में शामिल किया जाएगा। सेना की ब्रीफिंग में ले. जनरल अश्विनी कुमार ने बताया कि जेंडर आधारित आरोपों की जांच के लिए महिला कर्मियों की जरूरत महसूस की जा रही थी। मिलिटरी पुलिस में महिलाओं को शामिल करना जरूरी था। मिलिट्री पुलिस में महिला जवानों को शामिल होने के लिए पुरुषों की ही तरह 62 हफ्तों की ट्रेनिंग की जरूरत होगी। महिलाओं को मिलिटरी पुलिस में शामिल करने की प्रक्रिया 2018 से शुरू की जाएगी और इसके तौर-तरीकों पर विचार किया जा रहा है।

लेफ्टिनेंट जनरल अश्विनी कुमार ने पत्रकारों को बताया कि इस योजना को थलसेना में लैंगिक बाधाओं को तोड़ने की दिशा में एक अहम कदम के तौर पर देखा जा रहा है । उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत सैन्य पुलिस में करीब 800 महिलाओं को शामिल किया जाएगा, जिनमें 52 महिला जवानों को हर साल शामिल करने की योजना है। जनरल कुमार ने कहा कि सैन्य पुलिस कोर में महिलाओं को शामिल करने के फैसले से लैंगिक अपराधों के आरोपों की जांच करने में मदद मिलेगी। अभी महिलाओं को थलसेना की मेडिकल, कानूनी, शैक्षणिक, सिग्नल एवं इंजीनियरिंग जैसी चुनिंदा शाखाओं में काम करने की इजाजत दी जाती है।

सैन्य पुलिस का काम कैंट एरिया की यूनिट में पुलिसिंग करना होता है। इसके अलावा वे जवानों की ओर से होने वाले नियम के उल्लंघन को भी रोकते हैं। युद्ध के दौरान व्यवस्था से जुड़े सारे इंतजाम सैन्य पुलिस को ही करते रहे हैं। इस तरह की जिम्मेदारियां अब महिलाएं भी संभालेंगी। पुरुषों के एकाधिकार वाले इस क्षेत्र में महिलाओं को एंट्री मिलना लैंगिक बराबरी की दिशा में एक सराहनीय और सार्थक कदम है। इससे बेटी और बेटे के बीच भेद तो कम होगा ही साथ ही महिलाएं भी गौरान्वित महसूस कर सकेंगी।

यह भी पढ़ें: माहवारी के दौरान सफाई की अहमियत सिखा रही हैं सुहानी