Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
ADVERTISEMENT
Advertise with us

बिड़ला खानदान का वो एक 'घर' जो अब हो गया है तबाह

वैसे तो शीर्ष उद्योगपति बिड़ला घराने के आज अलग-अलग कई ग्रुप्स हो चुके हैं, उनमें एक की बागडोर संभाल रहे 52 वर्षीय यशोवर्धन बिड़ला की अर्थव्यवस्था गंभीर संकट के दौर से गुज़र रही है। बेंगलुरु प्लेन हादसे में अपना परिवार खोने के बाद वह अब तक मानसिक रूप से उबरे नहीं हैं। उन्हे 'विलफ़ुल डिफॉल्टर' घोषित कर दिया गया है।


yash

यश बिड़ला

अर्थव्यवस्थाओं की नियति भी कैसे-कैसे रंग दिखाती है! बाजार कब तक किसे अर्श पर रखे, कब उसे फ़र्श की दास्तान बना कर रख दे, पहले से जान पाना कत्तई नामुमकिन सा होता है। देश के शीर्ष उद्योगपति अंबानी घराने के दो सितारे धीरूभाई अंबानी के आंगन में साथ-साथ खेले-पले-बढ़े लेकिन मां की आंखों के सामने देखते ही देखते छोटे भाई अनिल अंबानी कर्ज के बोझ से लस्त-पस्त हो चले लेकिन मुकेश का कारवां बुलंदी पर बना हुआ है।


एक ऐसा ही वाकया एक वक़्त के सबसे बड़े उद्योगपति बिड़ला घराने का है, जिसकी आज बागडोर संभाल रहे यशोवर्धन बिड़ला को 'विलफ़ुल डिफॉल्टर' घोषित कर दिया गया है। इस पूरे प्रकरण में सबसे ज्यादा अचंभित करने वाली बात तो ये है कि यश को कोलकाता के उसी यूको बैंक ने डिफॉल्टर घोषित किया है, जिसकी स्थापना कभी यश के ही परदादादा रामेश्वरदास बिड़ला के भाई घनश्यामदास बिड़ला ने की थी। इंदिरा गांधी की सरकार के दिनों में बैंकों के राष्ट्रीयकरण दौरान 19 जुलाई 1969 को यूको बैंक का भी सरकारीकरण हो गया था।


बताया जाता है कि यश बिड़ला की कंपनी बिड़ला सूर्या लिमिटेड को 67.65 करोड़ रुपए यूको बैंक को लौटाने हैं, जिसका टाइम लिमिट काफी पीछे छूट जाने के बाद रिकवरी के लिए उनको 'विलफ़ुल डिफ़ॉल्टर' घोषित किया गया है। एक अन्य जानकारी के मुताबिक, निवेशकों का बकाया चुकाने के लिए यश के उद्योगपति रिश्तेदार एवं आदित्य बिड़ला ग्रुप के मालिक कुमार मंगलम बिड़ला ने उन्हें 30 करोड़ रुपए दिए थे, लेकिन उस पैसे का कथित तौर पर कहीं और इस्तेमाल कर लिया गया। निवेशकों की उधारी यश पर लदी रह गई। वर्ष 2017 में यश ने मीडिया के सामने खुलासा किया कि उनकी कंपनी बिड़ला पावर सॉल्यूशंस लिमिटेड के अपने निवेशकों का बकाया लौटाने जा रही है। उस समय यश ने यह भी बताया था कि 775 निवेशकों के 51 करोड़ रुपए चुकता कर दिए जाने के साथ ही अब सिर्फ चार सौ निवेशकों के लगभग 3.56 करोड़ रुपए ही लौटाने को रह गए हैं।


यश की जिंदगी से लगभग दो दशक पुराना एक अत्यंत दुखद वाकया जुड़ा हुआ है। वह तेईस साल की उम्र में जब सन् 1990 में अमेरिका में पढ़ाई कर रहे थे, उनके पिता अशोकवर्धन बिड़ला, मां सुनंदा और बहन सुजाता की बेंगलुरु में प्लेन क्रैश में मौत हो गई थी। उस दुर्घटना में कुल 92 लोगों की जान चली गई थी। वह ट्रेजडी फेस करते हुए खुद यश ने ही कभी खुलासा किया था कि वह अपने खो चुके परिजनों की आत्माओं से बात करने की कोशिश किया करते थे। इसके लिए उन्होंने भारत के साथ-साथ विदेशों के विशेषज्ञों की मदद ली थी।


उन दिनों वह मंदिरों में जाते, जुनून की हद तक धार्मिक किताबें पढ़ते रहते। यहां तक उन्हें ऐसी मनःस्थितियों से उबारने के लिए उनकी पत्नी अवंती भी धार्मिक किताबें पढ़ने लगीं। यश लंबे समय तक मन से इस सच को स्वीकार नहीं कर सके थे कि उनका परिवार अब इस दुनिया में नहीं है। आज भी इस व्यामोह से वह बाहर नहीं आ सके हैं। किसी जमाने में विजय माल्या और रिचर्ड ब्रेन्सन को अपना आदर्श मानते रहे एवं वर्षों से सिक्स पैक्स एब्स मेंटेन कर रहे यश बाकी हर तरह के व्यसनों से दूर रहते हुए बॉडी बिल्डिंग के अलावा पेज-थ्री पार्टियों में भी रुचि रखते हैं। नियमित घरेलू जिम में मशक्कत के बाद प्राणायाम भी करते हैं लेकिन दशकों पहले उनके घर पर प्लेन क्रैश का जो कहर टूटा, उसे हादसे के बाद यश की अर्थ व्यवस्था को झटके पर झटके लगते चले गए।

 

घरेलू तनावों के बीच पिता की विरासत यश की आठ कंपनियों बिड़ला कैपिटल ऐंड फ़ाइनेंशियल सर्विसेज़, बिड़ला कॉट्सिन (इंडिया), बिड़ला पैसिफ़िक मेडस्पा, बिड़ला पावर सॉल्यूशंस, बिड़ला प्रिसीज़न टेक्नॉलजीज़, बिड़ला श्लोका एजुटेक, मेल्स्टॉर इन्फॉर्मेशन टेक्नॉलजीज़ और ज़ेनिश बिड़ला (इंडिया) के निवेशकों में हलचल बढ़ने लगी। वे अपने-अपने निवेश को लेकर बेचैन हो उठे क्योंकि वर्ष 2013 से ग्रुप की आठ में से सात कंपनियों के रिटर्न्स निगेटिव में पहुंच चुके थे।


इसकी एक बड़ी वजह रही कि उनको यश के बिज़नेस सलाहकार संभाल रहे थे, जिन्हे यश की अंटी प्रियंवदा बिड़ला के माध्यम से रखा था। उन्हे अपने दोस्त से भी झटका मिला। यश जब तक अपने मन की टीम बना पाते, तब तक लगभग एक दशक बीत गए। उस समय इंजीनियरिंग, टेक्सटाइल, केमिकल्स, वेलनेस, लाइफ़स्टाइल, आईटी आदि सेक्टरों से जुड़ी उनकी 20 कंपनियों का सालाना बिज़नेस लगभग तीन हजार करोड़ रुपये का था।


वर्ष 2014 में चौंकाने वाली खबर सार्वजनिक हो गई कि निवेशकों के पैसे न लौटाने को लेकर यश पर जांच चल रही है क्योंकि बिड़ला पावर सॉल्यूशंस पर 8,800 निवेशकों के 214 करोड़ रुपए बकाया हो गए हैं। उन्ही दिनों कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी को गिरफ़्तार करने के साथ ही यश के देश से बाहर जाने पर रोक लगा दी गई। यश की अन्य कंपनियों पर भी छापे पड़ने लगे। इस समय 52 वर्ष के हो चुके यश के परिवार पर यह दूसरी बड़ी आपदा रही, जिसने उनका पूरा आर्थिक ताना-बाना आज तक बिखेर रखा है।