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लोगों को मंज़िल तक पहुंचाने के भरोसे का साथ सड़कों पर उतरी दिव्या की टू-व्हीलर टैक्सी ‘बिक्सी’

लोगों को मंज़िल तक पहुंचाने के भरोसे का साथ सड़कों पर उतरी दिव्या की टू-व्हीलर टैक्सी ‘बिक्सी’

Monday February 08, 2016 , 6 min Read

महिलाएं अगर कुछ करने की ठान लें, तो वह किसी भी क्षेत्र में पुरूषों से पीछे नहीं रहतीं। महिला सशक्तिकरण के इस दौर में आज महिलाएं हर क्षेत्र में पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं, और उस काम को भी वो सफलता पूर्वक कर रही हैं जो अब तक पुरूष प्रधान माने जाते थे। शहरीकरण के इस दौर में आज जहां एक ओर तेजी से जनसंख्या बढ़ रही है, वहीं लोगों की मूल सुविधाओं में कमी आ रहीं हैं जैसे की शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन आदि। इन्हीं समस्याओं में से एक परिवहन की समस्या। इस समस्या को कुछ हद तक दूर करने की कोशिश की है गुड़गांव में रहने वाली दिव्या कालरा ने। जिन्होंने अपने तीन सहयोगियों के साथ टू-व्हीलर टैक्सी ‘बिक्सी’ की शुरूआत की है।

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दिव्या ने इकनॉमिक्स से पोस्ट ग्रेजुएट किया है। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने कई विदेशी संस्थानों में काम किया। दूसरे देशों में काम करने के दौरान उन्होंने वहां के औद्योगिक माहौल को जाना और वहां के सामाजिक मूल्यों को पहचानने की कोशिश की। हमेशा से दिव्या कुछ नया करने के बारे में सोचती रहती थीं, वह कुछ अलग काम करना चाहती थीं। एक दिन उनके पति मोहित के दिमाग में ‘बिक्सी’ का आइडिया आया। पति के इस आइडिया पर दिव्या ने अपने पति मोहित और अपने दोस्त डेनिस के साथ मिलकर ‘बिक्सी’ सर्विस की शुरूआत कर दी। इस सेवा को शुरू करने से पहले दिव्या और उनके पति ने दिल्ली और गुड़गांव के मेट्रो स्टेशन और उसके आस पास के एरिया में काफी रिसर्च की थी। दिव्या ने देखा कि मेट्रो स्टेशन पर उतरते ही लोगों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट के तौर पर रिक्शा और ऑटो वाले मिलते थे, जो कि थोड़ी दूरी का भी बहुत ज्यादा किराया मांगते थे। उन्होंने देखा की इन जगहों पर भीड़ भी बहुत रहती है इस वजह से रोज़ाना सफर करने वाले यात्रियों को बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ता है।

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कहते हैं कि जिसके इरादे बुलंद होते हैं किस्मत भी उसी का साथ देती है। जिस समय दिव्या ने बाईक टैक्सी सेवा के बारे में सोचा उसी समय हरियाणा सरकार ने दो पहिया वाहनों से जुड़ा रेगुलेशन पास कर पब्लिक ट्रांसर्पोट की इजाजत दे दी। इस तरह दिव्या और उनके दो और साथियों ने मिलकर जनवरी,2016 ‘बिक्सी’ की सेवाएं शुरू कर दी। उन्होंने अपनी इस सेवा को दो हिस्सों में बांटा एक हिस्से को नाम दिया ‘ब्लू बिक्सी’ जो सिर्फ पुरूषों के लिये थी और दूसरी सेवा शुरू की ‘पिंक बिक्सी’। ये सेवा का फायदा सिर्फ महिलाएं ही उठा सकती हैं। लोगों को दिक्कत ना हो इसके लिए इनका अपना ऐप भी है जिसको महीने भर के अंदर ही 1हजार लोग डाउनलोड कर चुके हैं। ‘पिंक बिक्सी’ जो महिलाओं के लिए है जिसमें दो पहिया ड्रॉइवर भी महिला ही होती है ये सेवा सुबह 8 बजे से रात के 6 बजे तक है, वहीं पुरूषों के लिए ये सेवा सुबह साढ़े सात बजे से रात के 9 बजे तक है। लोगों से मिल रही प्रतिक्रिया के बारे में दिव्या बताती हैं कि 

“हमें शुरूआत से ही लोगों की बहुत अच्छा रिस्पांस मिल रहा है। कुछ तो हमारे रोज के ग्राहक बन गये हैं।”
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फिलहाल इनके पास 10 पुरूष और 5 महिला ड्राइवर हैं। इन ड्राइवरों की उम्र 20 से 45 वर्ष के बीच है। ‘ब्रिक्सी’ अपने ड्राईवरों को ट्रैफिक के नियमों के अलावा, लोगों से सम्पर्क करने, उनसे बातचीत करने का ढ़ंग भी सिखाती है। साथ ही ड्राइवरों को उन सड़कों और एरिया से भी परिचित कराया जाता है, जिन जगहों पर यह सेवा उपलब्ध है। दिल्ली से सटे गुडगांव में अपनी सेवाएं दे रहे ‘बिक्सी’ का किराया भी बहुत ही साधारण रखा गया है, ताकि आम आदमी भी इस सेवा का फायदा उठा सके। ‘बिक्सी’ की सेवा लेने के लिए हर सवारी को पहले 2 किलोमीटर के 10 रुपये देने होते हैं। ये एक तरह का फिक्च चार्ज होता है। उसके बाद 5 रुपये हर किलोमीटर के हिसाब से चुकाने होते हैं। इनकी महिला ड्राइवर एक दिन में औसतन 10 राइड करती है और हर राइड औसतन करीब 4 किलोमीटर की होती है। जबकि पुरूष ड्राइवर औसतन 20 से 30 राइड हर रोज करते हैं और वे औसतन साढ़े चार किलोमीटर की राइड करते हैं।

दिव्या के मुताबिक महिला ड्राइवरों को वे लोग ज्यादा दूर तक नहीं भेजते हैं, वो सिर्फ 4 से 5 किलोमीटर के दायरे में ही अपनी सेवाएं देती हैं। महिला ड्राईवरों की सुरक्षा के बारे में बात करते हुए दिव्या बताती हैं, 

ऐप में महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक फिचर डाला गया है। इसमें एसओएस बटन दिया गया है जिसे दबाते ही हमें राइडर और सवारी दोनों की लोकेशन पता चल जाती है। ऐसी दशा में हमारी टीम के सदस्य किसी भी अनहोनी की हालत में उन तक पहुंच जाते हैं, इसके अलावा हमने उन्हें मिर्ची स्प्रे भी उपलब्ध कराया है। वहीं अगर किसी सवारी के साथ कोई परेशानी या दुर्घटना हो जाये तो ऐप में दिये बटन को दबाने पर सवारी के दो परिचितों तक मैसेज चला जाता है।

‘बिक्सी’ के बारे में बात करते हुए दिव्या कहती हैं कि “महिलाओं को ध्यान में रखते हुए हमने इसे दो रंग पिंक और ब्लू में रखा है। ताकि पुरूष और महिला यात्रियों को ‘बिक्सी’ की सेवा लेने में सुविधा हो।” खास बात ये है कि गूगल प्ले-स्टोर से कोई भी इनके ऐप को डाउनलोड कर सकता है। ऐप को अगर कोई महिला डाउनलोड करना चाहती है तो वो ‘पिंक बिक्सी’ को डाउनलोड कर सकती है जबकि अगर कोई पुरुष इनके ऐप को डाउनलोड करना चाहता है तो वो ‘ब्लू बिक्सी’ को डाउनलोड कर सकता है।

महीने भर में ही गुडगांव में अपनी सेवाएं देकर लोगों के बीच पैठ बना चुके ‘बिक्सी’ की डिमांड अब दूसरे शहरों में भी होने लगी है। यही वजह है कि अब दिव्या और उनकी टीम की नजर दिल्ली, नोएडा, जयपुर, हैदराबाद, बेंगलुरू और दूसरे शहरों पर है जहां पर वो ऐसी सेवाएं दे सकें। हालांकि दूसरे राज्यों में अपनी सेवाएं देने के बारे में इनका कहना है कि वो उन राज्यों में दो पहिया वाहनों के लिए रेगुलेशन खुलने का इंतजार कर रही हैं। दिव्या का कहना है कि 

"पिंक बिक्सी’ जो सिर्फ महिलाओं के लिए है उसको लेकर शहर की महिलाओं में काफी भरोसा है। तभी तो गुड़गांव में 57 साल की एक महिला हमारी इस सेवा का हर रोज दिन में 4 बार इस्तेमाल करती है।"

‘बिक्सी’ की सेवा सप्ताह में 6 दिन यानी सोमवार से शनिवार तक उपलब्ध है। रविवार को यह सुविधा उपलब्ध नहीं है। कारोबार के विस्तार के बारे में दिव्या का कहना है कि अभी उनकी कुछ निवेशकों से बातचीत चल रही है, क्योंकि कारोबार की शुरूआत इन्होने अपनी जमा पूंजी से ही की है।