400 टीम, 60 देशों के प्रतियोगी, टेक्नोवेशन चैलेंज विजेता-बैंगलोर की 14 साल की 5 छात्राएं
सैन फ्रांसिस्को में आयोजित हुए टेक्नोवेशन चैलेंज में 60 देशों और 400 टीमों के बीच बनीं विजेताबैंगलोर के न्यू हाॅरीज़न पब्लिक स्कूल में पढ़ती हैं महिमा, नव्यश्री, स्वास्ति, संजना और अनुपमा प्रधानमंत्री के स्वच्छता मिशन से प्रभावित होकर कचरा प्रबंधन के लिये एप्प ‘सेलिक्सो’ किया तैयार
पांच लड़कियां, 400 टीम, 60 देश और इकलौता विजेता!
बैंगलोर की 5 लड़कियों ने हाल ही में सैन फ्रांसिस्को में आयोजित हुए टेक्नोवेशन चैलेंज को जीतकर विश्व में भारत का मान बढ़ाया है।
टेक्नोवेशन प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में कार्यरत युवा महिलाओं के लिये एक वैश्विक उद्यमिता कार्यक्रम है। इनका उद्देश्य पूरे विश्व की लड़कियों को कोडिंग की जानकारी उपलब्ध करवाने के साथ-साथ उनमें उद्यमिता के गुण विकसित करने का है।
इंस्टीट्यूट आॅफ इंटरनेश्नल एजुकेशन द्वारा संचालित वी टेक (वीमेन इन्हेंसिंग टेक्नोलाॅजी) भारत में हाई स्कूल पास करने वाली लड़कियों के लिये विद्यालय से इतर एक विशेष कार्यक्रम संचालित करता है जहां उन्हें मोबाइल एप्लीकेशन तैयार करने का प्रशिक्षण देने क अलावा उन्हें टेक्नोवेशन के माध्यम से वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करना भी सिखाया जाता है।
यह वैश्विक प्रतियोगिता तीन चक्रों में आयोजित होती है। इस वर्ष इसके प्रारंभिक दौर में 60 देशों की टीमों के अलावा कुल 400 विश्व स्तरीय टीमों ने भाग लेने के लिये पंजीकरण करवाया। और फिर सेमीफाइनल में पहुंची 25 टीमों में से 10 टीमें इसके सैन फ्रांसिस्को में आयोजित हुए वैश्विक फाइनल में अपना स्थान बनाने में कामयाब रहीं। इस वर्ष वी टेक की चार टीमों में से दो फाइनल में स्थान बनाने में सफल रहीं। यह भारत के लिये एक बड़ी उपलब्धि रही क्योंकि पहली बार कोई भारतीय टीम यूरोपियन और आस्ट्रेलियाई टीमों को पछाड़ते ऐसा करने में सफल हुई।
महिमा, नव्यश्री, स्वास्ति, संजना और अनुपमा ये पांचों लड़कियां बैंगलोर के न्यू हाॅरीज़न पब्लिक स्कूल में नवीं कक्षा की छात्राएं हैं और अभी सिर्फ 14 वर्ष की हैं। से स्वयं को Team Pentechans कहती हैं।
इनके द्वारा तैयार की गई एप्लीकेशन को Sellixo (सेलिक्सो) नाम दिया गया है और इसके बारे में उनका कहना है,
‘‘सेलिक्सो अपने उपयोगकर्ताओं को एक ऐसा सुलभ बाजार उपलब्ध करवाता है जो उन्हें उनके कचरे को लाभकारी रूप देते हुए उससे बेहतरीन तरीके से छुटकारा दिलवाने में मदद करता है। यह सूखे कचरे के उत्पादकों को उपभोक्ताओं से जुड़ने के लिये एक मंच उपलब्ध करवाता है।
अब उपभोक्ता अन्य वस्तुओं की तरह सूखे कचरे को भी आसानी से खरीद और बेच सकते हैं।
यह खरीददारों के रूप में स्थानीय दुकानदारों, अपार्टमेंट परिसरों, पार्टी हाॅलों के अलावा रद्दी कागज इत्यादि के खरीददारों और रिसाइकिल करने वालों को लक्षित करता है।
सेलिक्सो भारत जैसे देश में सूखे कचरे के निबटान के काम को एक प्रभावी समाधान उपलब्ध करवाने के अलावा रद्दी वालों और रिसाइकिल करने वालों पर भी अंकुश लगाता है।’’
इन लड़कियों ने इस मुद्दे को उठाया क्योंकि इन्हें महसूस हुआ कि कचरे का प्रबंधन सिर्फ भारत की ही समस्या नहीं है बल्कि यह एक समूचे विश्व की विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की एक व्यापक और बेहद प्रासंगिक समस्या है। इसके अलावा वे भारत के प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किये गए स्वच्छ भारत अभियान से भी प्रेरित हुईं।
याॅरस्टोरी ने देश का नाम रोशन करने वाली इन लड़कियों से उनके सिलिकाॅन वैली के अनुभव के बारे में जानने के अलावा प्रौद्योगिकी का उनके लिये क्या मतलब है और वे अब से कुछ वर्षों के बाद खुद को कहा खड़ा पाती हैं यह जानने के लिये उनसे बात कीः
महिमा महेंडले
प्रौद्योगिकी एक अद्भुत और रोमांचक अविष्कार है जो लगातार तरक्की कर रहा है और यह समाज की हर समस्या का हल करने में मदद करते हुए दुनिया को बदल सकती है।
‘‘सैन फ्रांसिस्को में हमने जजों और दर्शकों के सामने अपने इस विचार को रखने के अलावा अपनी एप्लीकेशन की विषयवस्तु और समाधान को दर्शाने वाले पोस्टरों को भी प्रदर्शित किया।
यह हम सबके लिये एक बेहद अनोखा और अद्भुत अनुभव था। इसने हमें एक टीम के रूप में काम करना सिखाने के अलावा यह भी जानने में मदद की की हम एक टीम के रूप में किस तरह अपनी क्षमताओं का बेहतर तरीके से उपयोग कर सकते हैं। हम दुनियाभर से आए लोगों से मिलने के अलावा ट्विटर और अमेजन जैसी प्रौद्योगिकी कंपनियों का दौरा करने में कामयाब रहे। हम बहुत ही दिलचस्प कार्यशालाओं और एक बेहतरीन कार्यक्रम का हिस्सा बने।’’
संजना वसंथ
संजना विज्ञान, गणित और कंप्यूटर एप्लीकेशन की छात्रा है।
प्रौद्योगिकी आपके सपनों को जल्दी साकार रूप देने में मदद करने वाला एक मंच है।
‘‘यह एक बहुत ही शानदार अनुभव रहा है। इसने मुझे अप्रत्याशित स्थितियों से निबटना सिखाने के अलावा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में करियर को आगे बढ़ाने के संकल्प को मजबूत करने का काम किया है। हमने वहां पर जो कुछ भी देखा और जाना वह वास्तव में अद्भुत था। इसके अलावा हमने दुनिया के कोने-कोने से आए विभिन्न लोगों से मुलाकत करने के साथ-साथ अपने माता-पिता से दूर रहना भी सीखा।
अब मैं अपने आपको एक नामी काॅलेज की छात्र के रूप में देखती हूँ जहां मैं कंप्यूटर विज्ञान में परस्नातक कर रही हूँ और यह बड़े निर्णय ले रही हूँ कि मुझे सेलिक्सो को आगे बढ़ाना है या नहीं।’’
नव्यश्री बी
नव्यश्री ने कंप्यूटर और विज्ञान को चुना है।
प्रौद्योगिकी हमारे जीवन का एक अभिन्न और महत्वपूर्ण हिस्सा है। हम सब किसी न किसी प्रकार से इसपर निर्भर करते हैं। प्रौद्योगिकी हमारा भकवष्य है और हमें तथाकथित ‘असंभव’ को पाने के लिये इसे आगे बढ़ाना होगा।
‘‘हम सैन फ्रांसिस्को सिर्फ अपनी एप्लीकेशन के मुख्य विचार ‘जीवन’ को आगे बढ़ाने का उद्देश्य लेकर गए थे और हम तकनीक के क्षेत्र के पेशेवरों और जजों के सामने ऐसा करने में कामयाब रहे। हम उन्हें यह समझाने में कामयाब रहे कि हमारी एप्लीकेशन सबसे बेहतर है और इसके बदले में हमारी एप्प को 10 हजार डाॅलर का प्रारंभिक निवेश प्राप्त हुआ। यह अनुभव मेरे लिये व्यापार की दुनिया की एक झलक दिखाने के लिहाज से बहुत विशेष रहा। मैंने बहुत कुछ नया सीखने के साथ ही वहा बहुत मजा भी किया।
हमारे सामने कुछ तनावपूर्ण क्षणा भी आए लेकिन आखिरकार हम समयसीमा पर खरे उतरने में कामयाब रहे। मैं इस एप्प को आगे और विकसित रूप देना चाहती हूँ लेकिन मैं इसकी एवज में हैं अपनी पढ़ाई को प्रभावित नहीं होने देना चाहती। मैं काॅलेज जाना चाहती हूँ लेकिन अभी तक विषयों का चुनाव करने में असफल रही हूँ।’’
स्वास्ति राव
गणित और कंप्यूटर स्वास्ति के पसंदीदा विषय हैं।
प्रौद्योगिकी मेरे लिये बहुत महत्व रखती है क्योंकि इसमें कोई निश्चित उत्तर नहीं होते हैं।
आज की तारीख में बाजार में उतारा गया माॅडल आने वाले तीन महीनों में संशोधनों और सुधारों के दौर से गुजरेगा और ऐसे में आपने जो उत्पाद तैयार किया है उसे अंतिम नहीं कहा जा सकता है। ऐसे में आपको अपने उत्पाद को समय के साथ और बेहतर बनाने पर काम करते रहना होता है। इसके लिये आपको उसमें नए और रोमांचक फीचर्स जोड़ने के अलावा अधिक प्रभावी मूल्य निर्धारण रणनीतियां और व्यापार के माॅडल इत्यादि को अपनाना होता है। मेरे ख्याल से मैं प्रौद्योगिकी को इसलिये भी पसंद करती हूँ क्योंकि इसमें आपको अपनी पसंद के काम के बदले पैसा भी मिलता है।
"टेक्नोवेशन का अनुभव मुझे और मेरी टीम के साथियों को और करीब लाने में मददगार साबित हुआ है। अब हम एक दूसरे की प्रतिभा और क्षमता को बेहतर तरीके से जानते और समझते हैं और एक दूसरे के साथ काम करते हुए अधिक भरोसा रहता है। अब हम समझ चुके हैं कि ‘वास्तव में दो छोर एक से बेहतर होते हैं’। इसके अलावा मैं नई और रोमांचक जानकारी मिलने के प्ररिपेक्ष में और अधिक आश्चर्यचकित रहती हूँ और ये सब वह चीजें हैं जो मैं अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद ही जान और सीख पाती।
टेक्नोवेशन से पहले मैं व्यापार योजना और सेल्स पिच के नामों तक से अनजान थी। लेकिन अब मैं पहले से काफी अधिक जानकार हो चुकी हूँ।
आने वाले पांच वर्षों में मैं खुद को अच्छे अंकों और छात्रवृत्ति के साथ स्नातक करने के बाद कम से कम अपनी कंपनी की प्रबंध निदेशक बनते हुए देखने की उम्मीद करती हूँ। इसके अलावा मैं सेलिक्सो के वर्तमान स्वरूप को और बेहतर रूप देते हुए जल्द ही इसे पूर्ण विकसित बनाना चाहती हूँ जो व्यवसायिक बाजार में प्रवेश करने के 15 दिनों के भीतर ही 10 हजार उपयोगकर्ताओं के आधार को पाने में सफल रहे।
दुनिया में सिलिकाॅन वैली के नाम से मशहूर सैन फ्रांसिस्को में हम सब काफी कुछ सीखने में सफल रहे। लोग अमेजन और ट्विटर जैसी इमारतों के बाहर सैल्फी खिंचवाने के लिये कतारों में लगने को तैयार रहते हैं और मुझे लगता है कि मैं बुत भाग्यशाली रही कि मैं इन बड़े संस्थानों की कार्यप्रणाली से वास्तविक रूप में रूबरू होने में सफल रही और हाँ मैंने वहा सेल्फी भी खींची!
इसके अलावा हम ब्राजील, मेक्सिको, नाईजीरिया इत्यादि दूसरे देशों से आने वाले दूसरे बेहतरीन प्रतिभागियों के बारे में जानने और उनसे वार्ता करने में सफल रहे। इसके अलावा हम उसके बारे में भी जान पाए जिसे हम ‘भविष्य में झांकना’ कहते हैं।
इसके अलावा वाॅल स्ट्रीन जनरल ने हमारा साक्षातकार भी लिया जो परिणाम की घोषणा के अगले दिन अखबार के टेक और व्यापार के भाग में छपा हालांकि वे परिणामों की घोषणा के पहले ही हमारा साक्षात्कार ले चुके थे।’’
अनुपमा एन नायर
अनुपमा के पसंदीदा विषय कंप्यूटर और विज्ञान हैं।
सैन फ्रांसिस्को वास्तव में एक अद्भुत जगह थी।
यह सब एक सीखने वाला अनुभव रहा। हम वेे सब चीजें सीखने में कामयाब रहे जो लोग काॅलेजों में सीखते हैं। जैसे विचारों को कैसे सामने लाते हैं, उत्पाद को कैसे बेचना है, कैसे कोडिंग करनी है, व्यापार की योजना कैसे बनाते हैं और इसके अलावा और भी बहुत कुछ हमने सीखा। इसके अलावा मैं कुछ नए दोस्त बनाने में भी सफल रही और कुछ हद तक दूसरी टीमों के साथ नेटवर्किंग भी की।
आने वाले 5 वर्षों में मैं खुद को इंजीनियरिंग या फिर तकनीक और कंप्यूटर के क्षेत्र में काॅलेज में कुछ करते हुए देखती हूँ।
मेरे लिये प्रौद्योगिकी नवाचार की एक विधि है। यह एक ऐसा माध्यम है जिसके सहारे हम वास्तव में अपने विचारों को अपनी पसंद का रूप दे सकते हैं। अपने बनाए हुए किसी उत्पाद को काम करते हुए देखना और दूसरों पर उसका सकारात्मक प्रभाव वास्तव में काफी अच्छा लगता है। प्रौद्योगिकी मेरे जैसे एक व्यक्ति के सपनों को साकार करने का सबसे बेहतरीन मंच है।