अब बिना आधार के नहीं मिलेगा सरकारी स्कीम्स और सब्सिडीज का लाभ, UIDAI का आदेश
पिछले सप्ताह सभी केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों को जारी यूआईडीएआई सर्कुलर उन लोगों के लिए आधार नियमों को सख्त करने के लिए आया है जिनके पास आधार संख्या नहीं है और वे सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सब्सिडी और लाभों का लाभ उठा रहे हैं.
यूनिक आइडेंटिफिकेशन ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) द्वारा हाल ही में जारी एक सर्कुलर में अधिसूचित किया गया है कि जिनके पास आधार संख्या या आधार का इनरोलमेंट पेपर नहीं है, वे सरकारी सब्सिडी और लाभ नहीं ले पाएंगे.
पिछले सप्ताह सभी केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों को जारी यूआईडीएआई सर्कुलर उन लोगों के लिए आधार नियमों को सख्त करने के लिए आया है जिनके पास आधार संख्या नहीं है और वे सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सब्सिडी और लाभों का लाभ उठा रहे हैं.
यह सर्कुलर 11 अगस्त को जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि जो लोग सरकारी योजनाओं के तहत लाभ लेने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले सरकी प्रमाणपत्र चाहते हैं, उनके पास आधार संख्या होनी चाहिए.
आधार अधिनियम की धारा 7 में एक ऐसे व्यक्ति की सुविधा के लिए एक मौजूदा प्रावधान है, जिसे पहचान के वैकल्पिक और व्यवहार्य साधनों के माध्यम से लाभ, सब्सिडी और सेवाओं का लाभ उठाने के लिए आधार संख्या नहीं दी गई है. हालिया सर्कुलर में कहा गया है कि पिछले हफ्ते जारी सर्कुलर के मुताबिक, देश में 99 फीसदी से ज्यादा वयस्कों को अब आधार नंबर जारी कर दिया गया है.
सर्कुलर में कहा गया है कि इस प्रकार उपरोक्त पृष्ठभूमि में और अधिनियम की धारा 7 के प्रावधान को देखते हुए यदि किसी व्यक्ति को कोई आधार संख्या नहीं दी गई है, तो वह नामांकन के लिए एक आवेदन करेगा और जब तक ऐसे व्यक्ति को आधार संख्या आवंटित नहीं की जाती है. वह आधार नामांकन पहचान (ईआईडी) संख्या / पर्ची के साथ पहचान के वैकल्पिक और व्यवहार्य साधनों के माध्यम से लाभ, सब्सिडी और सेवाओं का लाभ उठा सकता है.
इसका मतलब है कि केंद्र और राज्य सरकार की सेवाओं, लाभों और सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए यदि किसी के पास अभी तक आधार संख्या नहीं है तो आधार नामांकन पहचान (ईआईडी) संख्या/पर्ची की आवश्यकता होगी. इसके अतिरिक्त, यूआईडीएआई ने एक और सर्कुलर जारी किया है जिसमें सूचित किया गया कि संस्थाएं वर्चुअल आइडेंटिफायर (वीआईडी) को वैकल्पिक बना सकती हैं.
कुछ सरकारी संस्थाओं को सामाजिक कल्याण योजनाओं के सुव्यवस्थित कार्यान्वयन के लिए अपने संबंधित डेटाबेस में आधार संख्या की आवश्यकता हो सकती है. इसलिए, ऐसी सरकारी संस्थाओं को लाभार्थियों को आधार संख्या प्रदान करने और VID को वैकल्पिक बनाने की आवश्यकता हो सकती है.
बता दें कि, इसी महीने आंगनवाड़ी सेवा योजना का भी लाभ उठाने के लिए निकटतम आंगनवाड़ी केंद्र में पंजीकरण अनिवार्य कर दिया था. यह बात 'सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2' नीति के नए दिशा-निर्देशों में कही गई है.
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि आंगनवाड़ी सेवा योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए बच्चे का आधार कार्ड अनिवार्य नहीं होगा और इसके लिए मां के आधार कार्ड का उपयोग किया जाएगा. दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि किशोरियों के लिए योजना के तहत लाभार्थियों को लाभ प्राप्त करने के वास्ते आधार संख्या देने की आवश्यकता होगी.